ETV Bharat / state

मंदसौर: साल 2019 की सबसे बड़ी राजनीतिक घटना, नेताओं और व्यापारियों की हत्या से सहमा रहा शहर

साल 2019 अपने आखिरी पड़ाव के दौर से गुजर रहा है. यह साल मंदसौर के लिए काफी बुरा साल रहा. बड़े नेताओं और अधिकारियों के हत्याकांड ने लोगों में दहशत बनाए रखी.

mandsaur-year-ender-story-of-2019
साल 2019 की सबसे बड़ी राजनीतिक घटना
author img

By

Published : Dec 27, 2019, 9:05 AM IST

मंदसौर। प्राकृतिक आपदाओं के अलावा यहां राजनीतिक उथल-पुथल के साथ हत्याकांड जैसे जघन्य अपराध भी इस साल में हुए हैं. एक तरफ पिछले मानसून ने यहां खेती किसानी के कारोबार को तबाही में तब्दील कर दिया. वहीं दूसरी तरफ मंदसौर शहर में एक बड़े राजनेता और एक सर्राफा व्यापारी के अलावा एक हिंदू नेता की हत्या भी इसी साल हुई.

साल 2019 की सबसे बड़ी राजनीतिक घटना


जनवरी महीने में नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी नेता प्रहलाद बंधवार की गोली मारकर हुई हत्या से पूरा मालवा इलाका भयभीत हो गया था. इस मामले के आरोपी मनीष बैरागी की गिरफ्तारी के बाद मामूली रकम के पीछे हुए इस हत्याकांड ने लोगों में दहशत पैदा कर दी थी.


पिछली 17 जनवरी की शाम महू नीमच मार्ग स्थित एक चाय के रेस्टोरेंट पर अपने मित्र से मिलने गए. नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की शहर के नामी बदमाश मनीष बैरागी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के 2 दिन बाद पुलिस ने आरोपी को राजस्थान के प्रतापगढ़ से गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस पूछताछ के बाद आरोपी ने महज 25 हजार रुपये की लेनदेन को लेकर बंधवार की हत्या करने का खुलासा किया था.


आरोपी मनीष बैरागी भी एक समय बीजेपी का कार्यकर्ता था और उसने बयानों के जरिए खुलासा किया था कि अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार ने चुनाव प्रचार में उससे 2 लाख रुपए उधार लिए थे. इसमें से बकाया रकम 25000 उन्होंने नहीं लौटाई थी. इस एवज में वह कॉलेज रोड पर एक गुमटी नुमा दुकान लगाकर हिसाब किताब बराबर करना चाहता था, लेकिन अध्यक्ष के मना कर देने से उसने गुस्से में उन्हें मौत के घाट उतार दिया.


इस घटना के बाद से ही परिजनों ने परदे के पीछे किसी बड़े माफिया का हाथ होने की आशंका जताते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. परिजन वारदात के 2 दिन के भीतर ही मृतक का अस्थि कलश लेकर घंटाघर पर धरना देकर बैठ गए थे, लेकिन सरकार ने इसकी अनुमति ही नहीं दी. इस घटना को अब एक साल बीतने आया है, लेकिन परिजन की मांग पर सरकार ने आज तक भी कोई सुनवाई नहीं की है.
उधर सरकार के इस रवैये से नगरपालिका के बीजेपी जनप्रतिनिधियों और पार्टी नेताओं में खासा रोष है. मंदसौर एसपी हितेश चौधरी ने इसे सीबीआई जांच के मामले में इसे सरकार की मंशा बताते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया है.

मंदसौर। प्राकृतिक आपदाओं के अलावा यहां राजनीतिक उथल-पुथल के साथ हत्याकांड जैसे जघन्य अपराध भी इस साल में हुए हैं. एक तरफ पिछले मानसून ने यहां खेती किसानी के कारोबार को तबाही में तब्दील कर दिया. वहीं दूसरी तरफ मंदसौर शहर में एक बड़े राजनेता और एक सर्राफा व्यापारी के अलावा एक हिंदू नेता की हत्या भी इसी साल हुई.

साल 2019 की सबसे बड़ी राजनीतिक घटना


जनवरी महीने में नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी नेता प्रहलाद बंधवार की गोली मारकर हुई हत्या से पूरा मालवा इलाका भयभीत हो गया था. इस मामले के आरोपी मनीष बैरागी की गिरफ्तारी के बाद मामूली रकम के पीछे हुए इस हत्याकांड ने लोगों में दहशत पैदा कर दी थी.


पिछली 17 जनवरी की शाम महू नीमच मार्ग स्थित एक चाय के रेस्टोरेंट पर अपने मित्र से मिलने गए. नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की शहर के नामी बदमाश मनीष बैरागी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के 2 दिन बाद पुलिस ने आरोपी को राजस्थान के प्रतापगढ़ से गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस पूछताछ के बाद आरोपी ने महज 25 हजार रुपये की लेनदेन को लेकर बंधवार की हत्या करने का खुलासा किया था.


आरोपी मनीष बैरागी भी एक समय बीजेपी का कार्यकर्ता था और उसने बयानों के जरिए खुलासा किया था कि अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार ने चुनाव प्रचार में उससे 2 लाख रुपए उधार लिए थे. इसमें से बकाया रकम 25000 उन्होंने नहीं लौटाई थी. इस एवज में वह कॉलेज रोड पर एक गुमटी नुमा दुकान लगाकर हिसाब किताब बराबर करना चाहता था, लेकिन अध्यक्ष के मना कर देने से उसने गुस्से में उन्हें मौत के घाट उतार दिया.


इस घटना के बाद से ही परिजनों ने परदे के पीछे किसी बड़े माफिया का हाथ होने की आशंका जताते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. परिजन वारदात के 2 दिन के भीतर ही मृतक का अस्थि कलश लेकर घंटाघर पर धरना देकर बैठ गए थे, लेकिन सरकार ने इसकी अनुमति ही नहीं दी. इस घटना को अब एक साल बीतने आया है, लेकिन परिजन की मांग पर सरकार ने आज तक भी कोई सुनवाई नहीं की है.
उधर सरकार के इस रवैये से नगरपालिका के बीजेपी जनप्रतिनिधियों और पार्टी नेताओं में खासा रोष है. मंदसौर एसपी हितेश चौधरी ने इसे सीबीआई जांच के मामले में इसे सरकार की मंशा बताते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया है.

Intro:मंदसौर ।वर्ष 2019 अपने आखिरी पड़ाव के दौर से गुजर रहा है। यह साल मंदसौर के लिए काफी बुरा साल रहा । प्राकृतिक आपदाओं के अलावा यहां राजनीतिक उथल-पुथल और बड़े लोगों के हत्याकांड जैसे जघन्य अपराध भी इस साल में हुए हैं। एक तरफ पिछले मानसून ने यहां खेती किसानी के कारोबार को तबाही में तब्दील कर दिया। वहीं दूसरी तरफ मंदसौर शहर में एक बड़े राजनेता और एक सर्राफा व्यापारी के अलावा एक हिंदू नेता की हत्या भी इसी साल के दौरान हुई ।जनवरी महीने में नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता प्रहलाद बंधवार की गोली मारकर हुई हत्या से पूरा मालवा इलाका भयभीत हो गया था ,और इस मामले के आरोपी मनीष बैरागी की गिरफ्तारी के बाद मामूली रकम के पीछे हुए ,इस हत्याकांड के खुलासे की बात आज भी इलाके के लोगों के गले नहीं उतर रही है ।जबकि परिजन पिछले 1 साल से इस मामले में बड़े लोगों के हाथ होने की आशंका जताते हुए सीबीआई जांच की मांग ही कर रहे हैं।...


Body:पिछली 17 जनवरी की शाम महू नीमच मार्ग स्थित एक चाय के रेस्टोरेंट पर अपने मित्र से मिलने गए नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की शहर के नामी बदमाश मनीष बैरागी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के 2 दिन बाद पुलिस ने आरोपी को राजस्थान के प्रतापगढ़ से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस पूछताछ के बाद आरोपी ने महज 25हजार रुपये की लेनदेन को लेकर बंधवार की हत्या करने का खुलासा किया था ।आरोपी मनीष बैरागी भी एक समय भाजपा का कार्यकर्ता था और उसने बयानों के जरिए खुलासा किया था कि अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार ने चुनाव प्रचार में उससे 2 लाख रुपए उधार लिए थे। इसमें से बकाया रकम 25000 उन्होंने नहीं लौटाई थी। इस एवज में वह कॉलेज रोड पर एक गुमटी नुमा दुकान लगाकर हिसाब किताब बराबर करना चाहता था। लेकिन अध्यक्ष के मना कर देने से उसने गुस्से में इस वारदात को अंजाम देते हुए उन्हें मौत के घाट उतार दिया।...


Conclusion:इस घटना के बाद से ही परिजनों ने परदे के पीछे किसी बड़े माफिया का हाथ होने की आशंका जताते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी ।परिजन वारदात के 2 दिन के भीतर ही मृतक का अस्थि कलश लेकर घंटाघर पर धरना देकर बैठ गए थे ।लेकिन सरकार ने इसकी अनुमति ही नहीं दी। इस घटना को अब एक साल बीतने आया है। लेकिन परिजन की मांग पर सरकार ने आज तक भी कोई सुनवाई नहीं की है ।उधर सरकार के इस रवैये से नगरपालिका के भाजपा जनप्रतिनिधियों और पार्टी नेताओं में खासा रोष है। मंदसौर एसपी हितेश चौधरी ने इसे सीबीआई जांच के मामले में इसे सरकार की मंशा बताते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया है।
1. नरेंद्र बंधवार, मृतक का बेटा
2. राम कोटवानी ,भाजपा पार्षद, नगर पालिका परिषद, मंदसौर
3. हितेश चौधरी, एसपी, मंदसौर

विनोद गौड़, रिपोर्टर, मंदसौर ....


नोट :यह समाचार असाइनमेंट डेस्क का विशेष आदेश है .अतः इस स्टोरी की फीड और स्क्रिप्ट भेज रहा हूं ।इसमें वाइज ओवर नहीं किया गया है ,कृपया यथोचित लगाएं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.