मंदसौर। प्रदेश के मालवा इलाके से इस साल मानसून रुठा हुआ नजर आ रहा है. राजस्थान की सरहद से लगे मंदसौर जिले में अभी तक कुल 9 इंच औसत बारिश हुई है. जिले में हालात ऐसे हैं कि मंदसौर जिले के 5 ब्लॉक में से दो ब्लाकों में अभी तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. लिहाजा यहां कई किसानों ने इस बार खरीफ फसल की अभी तक बोवनी भी शुरू नहीं की है. दूसरी तरफ 3 ब्लॉक के किसानों ने फसलों की बुवाई तो कर दी है. लेकिन वे भी मानसून के गायब होने से अब भारी चिंता में नजर आ रहे हैं.
पिछले साल 100 इंच की रिकार्ड बरसात कर इलाके में कहर बरपाने वाला मानसून इस साल शुरुआती दौर से ही गायब है. जिले के गरोठ और भानपुरा ब्लॉक में अभी तक मानसून बरसात ही नहीं हुई है. यहां करीब 120 गांव में लोगों ने अभी तक खरीफ की सोयाबीन, मक्का, उड़द और मूंगफली जैसी फसलों की बुवाई नहीं की है. कई खेत अभी भी सूखे ही पड़ हुए हैं.
लेट बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता
सावन महीने का एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी दोनों ब्लॉक में मानसून बारिश नहीं होने से यहां के किसान में अब भारी चिंताए बढ़ गई है. हालांकि मंदसौर, मल्हारगढ़ और सीतामउ ब्लाकों में किसानों ने फसलों की बुआई का शुरू कर दिया है. लेकिन यहां भी मानसून के गायब होने से किसान अब फसलों को बचाने के संघर्ष कर रहे हैं. इलाके में किसान इन दिनों फसलों में डोरा चलाकर पौधों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
वैज्ञानिकों ने जताई बारिश को लेकर चिंता
उधर, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने भी मानसून के हालात से काफी चिंता जताई है. उन्होंने बिना बारिश वाले दो ब्लॉक के किसानों को कम अवधि में पककर तैयार होने वाली फसलों की बुवाई करने की सलाह दी है. वहीं निकट भविष्य में जिले में मानसूनी बरसात होने की बात से भी इंकार किया है.
किसानों पर मंढ़राते खतरे के बादल
जुलाई के दूसरे हफ्ते में भी मंदसौर के कई इलाकों में मानसून सक्रिय नहीं हुआ है. वहीं बरसात नहीं होने से इस बार खेती किसानी में अच्छे उत्पादन के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. मानसून के रुख के मुताबिक इस तरह की बरसात खंड वृष्टि के संकेत बता रही है. ऐसे में किसानों को अभी से आर्थिक चिंताए सताने लगी हैं.