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हम पर पड़ी मौसम की मार, फसले हो गई बर्बाद, अब तो गुहार सुनो सरकार, आपके भरोसे किसान - मंदसौर

हाल ही में मंदसौर जिले में हुई भारी बारिश का असर सबसे ज्यादा किसानों पर हुआ है. प्रदेश में खरीफ की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. ऐसे में किसान शासन से मुआवजे की गुहार लगा रहे हैं. किसानों का कहना है कि सीएम कमलनाथ भी मुआवजा देने की घोषणा कर चुके हैं बावूजद इसके मुआवजा राशि नहीं मिल रही है.

मुआवजा न मिलने से किसान परेशान
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Published : Nov 8, 2019, 6:10 AM IST

Updated : Nov 13, 2019, 12:01 AM IST

मंदसौर। बारिश ने इस बार मध्य प्रदेश में भारी तबाही मचाई. जिसका सबसे ज्यादा असर प्रदेश के किसानों पर पड़ा. खरीफ में दलहनी फसलों की जमीनी हकीकत बद से बदतर हो गई. पूरे सितम्बर माह में हुई लगातार बारिश से उड़द, सोयाबीन, मूंग और तिलहन ही फसलें बर्बाद हो गयी. आसमान से बरसी इस आफत का सबसे ज्यादा असर प्रदेश के मंदसौर जिले में हुआ है.

मंदसौर में मुआजवा न मिलने से किसान बेहाल

आलम यह है कि जिले में किसानों के खेत हरे नहीं काले कलर नजर आ रहे हैं. उड़द के पौधों की फलिया खेतों में टूट कर गिरने लगी हैं. तो खेतों में भरे बारिश के पानी से सोयाबीन की फसले पूरी तरह से सड़ चुकी है. दलहनी फसलों में 75 फीसदी से अधिक का नुकसान अपनी आंखों से देखकर किसान आर्थिक रूप से टूट चुका है. परेशान और हताश किसान अब शासन से मुआवजे की गुहार लगा रहा है.

बारिश के पानी में डूबी सोयाबीन की फसल
बारिश के पानी में डूबी सोयाबीन की फसल

मंदसौर तहसील के कुछ गांवों में किसानों के खातों में कुछ मुआवजा राशि जमा हो गई है. लेकिन सीएम की घोषणा के मुताबिक यह मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरे के समान नजर आ रहा है. पिछले मानसून के दौरान जिले की तमाम तहसीलों में औसत बरसात ने 90 इंच का आंकड़ा पार कर लिया. सामान्य से ढाई गुना अधिक बरसात के कारण जिले में खड़ी तमाम फसलें चौपट हो गई और इस वजह से उत्पादन में भी भारी गिरावट देखी जा रही है.

खराब फसलों को देखते किसान
खराब फसलों को देखते किसान

सीएम की घोषणा के बाद भी नहीं मिली मुआवजा राशि
वही चौपट हुई फसलों और बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने आए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सितंबर के आखिरी हफ्ते में कयामपुर क्षेत्र का दौरा करते हुए 15 अक्टूबर तक तमाम किसानों के खातों में मुआवजा रकम जमा करवाने का ऐलान किया था. लेकिन नियत तारीख से 20 दिन ज्यादा बीतने के बावजूद भी कई किसानों को अभी भी मुआवजा न मिलने से वे नाराज नजर आ रहे हैं.

बची हुई फसलों का काटते किसान
बची हुई फसलों का काटते किसान

हालांकि कुछ किसानों के खातों में 2750 रुपये से लगाकर 3 हजार तक प्रति बीघा की रकम जमा हुई है. लेकिन नुकसान की तुलना में यह राशि नकाफी नजर आ रही है. इन हालातों में किसानों ने मुख्यमंत्री से तत्काल बकाया रकम जमा करवाने की अपील की है.

कलेक्टर ने कहा जल्द मिलेगी किसानों को मुआवजा राशि
जिला कलेक्टर मनोज पुष्प का कहना है कि फसलों के नुकसान की जिला प्रशासन ने तमाम कार्रवाई पूरी कर ली है. कलेक्टर ने कहा कि प्रभावित किसानों की कुल 850करोड़ रुपए की रकम में से फिलहाल केवल 250 करोड़ रुपये ही किसानों के खातों में जमा किए गए हैं. हालांकि उन्होंने जल्द ही बकाया रकम किसानों के खातों में जमा करवाने की बात कही है. अतिवृष्टि से जिले के तमाम किसानों की खरीफ की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है. ऐसे में यदि समय रहते हुए उन्हें फसल मुआवजे की रकम ना मिली तो किसानों की रबी की फसल भी प्रभावित हो सकती है.

मंदसौर। बारिश ने इस बार मध्य प्रदेश में भारी तबाही मचाई. जिसका सबसे ज्यादा असर प्रदेश के किसानों पर पड़ा. खरीफ में दलहनी फसलों की जमीनी हकीकत बद से बदतर हो गई. पूरे सितम्बर माह में हुई लगातार बारिश से उड़द, सोयाबीन, मूंग और तिलहन ही फसलें बर्बाद हो गयी. आसमान से बरसी इस आफत का सबसे ज्यादा असर प्रदेश के मंदसौर जिले में हुआ है.

मंदसौर में मुआजवा न मिलने से किसान बेहाल

आलम यह है कि जिले में किसानों के खेत हरे नहीं काले कलर नजर आ रहे हैं. उड़द के पौधों की फलिया खेतों में टूट कर गिरने लगी हैं. तो खेतों में भरे बारिश के पानी से सोयाबीन की फसले पूरी तरह से सड़ चुकी है. दलहनी फसलों में 75 फीसदी से अधिक का नुकसान अपनी आंखों से देखकर किसान आर्थिक रूप से टूट चुका है. परेशान और हताश किसान अब शासन से मुआवजे की गुहार लगा रहा है.

बारिश के पानी में डूबी सोयाबीन की फसल
बारिश के पानी में डूबी सोयाबीन की फसल

मंदसौर तहसील के कुछ गांवों में किसानों के खातों में कुछ मुआवजा राशि जमा हो गई है. लेकिन सीएम की घोषणा के मुताबिक यह मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरे के समान नजर आ रहा है. पिछले मानसून के दौरान जिले की तमाम तहसीलों में औसत बरसात ने 90 इंच का आंकड़ा पार कर लिया. सामान्य से ढाई गुना अधिक बरसात के कारण जिले में खड़ी तमाम फसलें चौपट हो गई और इस वजह से उत्पादन में भी भारी गिरावट देखी जा रही है.

खराब फसलों को देखते किसान
खराब फसलों को देखते किसान

सीएम की घोषणा के बाद भी नहीं मिली मुआवजा राशि
वही चौपट हुई फसलों और बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने आए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सितंबर के आखिरी हफ्ते में कयामपुर क्षेत्र का दौरा करते हुए 15 अक्टूबर तक तमाम किसानों के खातों में मुआवजा रकम जमा करवाने का ऐलान किया था. लेकिन नियत तारीख से 20 दिन ज्यादा बीतने के बावजूद भी कई किसानों को अभी भी मुआवजा न मिलने से वे नाराज नजर आ रहे हैं.

बची हुई फसलों का काटते किसान
बची हुई फसलों का काटते किसान

हालांकि कुछ किसानों के खातों में 2750 रुपये से लगाकर 3 हजार तक प्रति बीघा की रकम जमा हुई है. लेकिन नुकसान की तुलना में यह राशि नकाफी नजर आ रही है. इन हालातों में किसानों ने मुख्यमंत्री से तत्काल बकाया रकम जमा करवाने की अपील की है.

कलेक्टर ने कहा जल्द मिलेगी किसानों को मुआवजा राशि
जिला कलेक्टर मनोज पुष्प का कहना है कि फसलों के नुकसान की जिला प्रशासन ने तमाम कार्रवाई पूरी कर ली है. कलेक्टर ने कहा कि प्रभावित किसानों की कुल 850करोड़ रुपए की रकम में से फिलहाल केवल 250 करोड़ रुपये ही किसानों के खातों में जमा किए गए हैं. हालांकि उन्होंने जल्द ही बकाया रकम किसानों के खातों में जमा करवाने की बात कही है. अतिवृष्टि से जिले के तमाम किसानों की खरीफ की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है. ऐसे में यदि समय रहते हुए उन्हें फसल मुआवजे की रकम ना मिली तो किसानों की रबी की फसल भी प्रभावित हो सकती है.

Intro:मंदसौर। पिछले मानसून के दौरान अतिवृष्टि से प्रभावित मंदसौर जिले में फसल नुकसानी को लेकर जिले के अधिकतर किसान अभी भी मुआवजा राशियों को तरस रहे हैं। जिले के डेढ़ लाख से भी ज्यादा किसानों की तमाम फसलें बरसात से बर्बाद हो गई है। इस मामले में किसानों की मदद के लिए सितंबर महीने में, मंदसौर दौरे पर आए मुख्यमंत्री कमलनाथ की सार्वजनिक घोषणा के बावजूद भी कई किसानों को अभी भी मुआवजा नहीं मिला है।


Body:जिला मुख्यालय की तहसील मंदसौर के कुछ गांवों में किसानों के खातों में हांलाकी मुआवजा राशि जमा हो गई है ।लेकिन सीएम की घोषणा के मुताबिक यह मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरे के समान नजर आ रहा है। पिछले मानसून के दौरान जिले की तमाम तहसीलों में औसत बरसात ने 90 इंच का आंकड़ा पार कर लिया। सामान्य से ढाई गुना अधिक बरसात के कारण जिले में खड़ी तमाम फसलें चौपट हो गई और इस वजह से उत्पादन में भी भारी गिरावट देखी जा रही है ।उधर चौपट हुई फसलों और बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने आए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सितंबर के आखिरी हफ्ते में कयामपुर क्षेत्र का दौरा करते हुए 15 अक्टूबर तक तमाम किसानों के खातों में मुआवजा रकम जमा करवाने का ऐलान किया था ।लेकिन नियत तारीख से 20 दिन ज्यादा बीतने के बावजूद भी कई किसानों को अभी भी मुआवजा न मिलने से वे बड़े नाराज है।हालाँकि कुछ किसानों के खातों में 2750 रुपये से लगाकर 3 हजार तक प्रति बीघा की रकम जमा हुई है ।लेकिन नुकसान की तुलना में यह राशि ऊँट के मुंह में जीरे के समान है ।इन हालातों में किसानों ने मुख्यमंत्री से तत्काल बकाया रकम जमा करवाने की अपील की है ।
1.भेरूलाल पटेल ,किसान ,गुलियाना
2. बद्री लाल धाकड़, किसान ,धमनार
3.यशवंत धाकड़ ,किसान खेड़ा.


Conclusion:बरसात से प्रभावित फसल की नुकसानी के सर्वे के मामले में जिला प्रशासन ने तमाम कार्रवाई पूरी कर लेने का दावा किया है। कलेक्टर मनोज पुष्प ने माना कि प्रभावित किसानों की कुल 850करोड़ रुपए की रकम में से फिलहाल केवल 250 करोड़ रुपये ही किसानों के खातों में जमा किए गए हैं ।हालांकि उन्होंने जल्द ही बकाया रकम किसानों के खातों में जमा करवाने की बात कही है ।
4.मनोज पुष्प ,कलेक्टर, मंदसौर

अतिवृष्टि से जिले के तमाम किसानों की पिछली फसल पूरी तरह चौपट हो गई है ,और यदि समय रहते हुए उन्हें फसल मुआवजे की रकम ना मिली तो अगली फसल भी प्रभावित होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता।

विनोद गौड़, रिपोर्टर, मंदसौर.
Last Updated : Nov 13, 2019, 12:01 AM IST
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