मंदसौर। कोरोना वायरस के मद्देनजर इस बार भगवान पशुपतिनाथ मंदिर पर भी सावन महीने में होने वाले तमाम आयोजन काफी छोटे स्तर पर मनाए जाएंगे. पूरे सावन के महीने के दौरान श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. लिहाजा इस बार प्रतिमा पर जलाभिषेक पर भी प्रतिबंध रहेगा. हालांकि श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था रोजाना की तरह नियम के मुताबिक 15 फीट दूर से जैसी है वैसी ही चलेगी. लेकिन सावन के आखिरी सोमवार को शहर भ्रमण पर निकलने वाली भगवान की शाही सवारी इस बार शहर के बजाय भगवान पशुपतिनाथ मंदिर और शिवना नदी परिसर का ही भ्रमण करेगी.
पशुपतिनाथ प्रबंध समिति ने लॉकडाउन और संक्रमण के मद्देनजर इस बार के आयोजनों के मद्देनजर यह तमाम फैसले लिए हैं. मंदिर में श्रद्धालुओं की वजह से एक दूसरे में संक्रमण न फैले इस लिहाज से सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का सख्ती से पालन भी करवाया जाएगा. कलेक्टर ने मंदिर के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. श्रद्धालु पूरे सावन महीने में 15 फीट दूर से ही भगवान के केवल 30 सेकंड तक दर्शन किये जा सकेंगे.
पूजन पाठ का काम भी मंदिर के पुजारी ही संभालेंगे हर साल यहां पर सावन सोमवार के आखिरी दिन भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी शहर में निकाली जाती है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण जिला प्रशासन ने शाही सवारी का आयोजन भी सीमित तौर पर करने का फैसला किया है. उधर प्रशासन के इस फैसले से प्रातः कालीन और सांध्य कालीन आरती मंडल के पदाधिकारी भी सहमत है.