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मंदसौरः अफीम की फसल में कीड़े लगने से किसान परेशान

मौसम में बदलाव के चलते अफीम की फसल में रोग लगने लगे हैं, जिससे अफीम की खेती करने वाले किसान काफी परेशान हैं.

Insects planted in poppy crop in Mandsaur
अफीम की फसल में लगे कीड़े
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Published : Jan 20, 2020, 7:04 PM IST

Updated : Jan 20, 2020, 8:09 PM IST

मंदसौर। प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की ठंड और रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों को परेशान कर दिया है, बारिश के चलते जमीन में अब तक नमी बनी हुई है, जिससे फसलों में फफूंद लग गई है. इन दिनों मंदसौर में होने वाली अफीम की फसल में पाले के साथ ही कीड़े भी लगने लग गए हैं, जिसके चलते कई इलाकों में पौधे सूखने लग गए हैं.

अफीम की फसल में लगे कीड़े

किसान रोजाना फसलों की निराई-गुड़ाई कर उसमें नियमित तौर पर खराब पौधों की छंटाई भी कर रहे हैं, लेकिन सुबह के वक्त घने कोहरे के चलते अफीम के पौधे पीले पड़कर सूखने लगे हैं. किसान इन पौधों को उखाड़ कर बाहर फेंक रहे हैं और बचाव के लिए बार-बार दवाइयों का छिड़काव भी कर रहे हैं, लेकिन बीमारी दूर नहीं होने से किसान परेशान हैं.

अफीम की फसल पर फफूंदी रोग और वायरस की शिकायत की बात कृषि वैज्ञानिक भी मान रहे हैं, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ जीएस चुंड़ावत ने किसानों को फंगीसाइड दवाइयों का हर हफ्ते छिड़काव करने की सलाह दी है. फिलहाल अफीम की फसल तैयार होने में डेढ़ महीने का वक्त है. इसके पहले शुरुआती दौर में ही फसल में रोग लगने से किसान परेशान हैं.

मंदसौर। प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की ठंड और रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों को परेशान कर दिया है, बारिश के चलते जमीन में अब तक नमी बनी हुई है, जिससे फसलों में फफूंद लग गई है. इन दिनों मंदसौर में होने वाली अफीम की फसल में पाले के साथ ही कीड़े भी लगने लग गए हैं, जिसके चलते कई इलाकों में पौधे सूखने लग गए हैं.

अफीम की फसल में लगे कीड़े

किसान रोजाना फसलों की निराई-गुड़ाई कर उसमें नियमित तौर पर खराब पौधों की छंटाई भी कर रहे हैं, लेकिन सुबह के वक्त घने कोहरे के चलते अफीम के पौधे पीले पड़कर सूखने लगे हैं. किसान इन पौधों को उखाड़ कर बाहर फेंक रहे हैं और बचाव के लिए बार-बार दवाइयों का छिड़काव भी कर रहे हैं, लेकिन बीमारी दूर नहीं होने से किसान परेशान हैं.

अफीम की फसल पर फफूंदी रोग और वायरस की शिकायत की बात कृषि वैज्ञानिक भी मान रहे हैं, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ जीएस चुंड़ावत ने किसानों को फंगीसाइड दवाइयों का हर हफ्ते छिड़काव करने की सलाह दी है. फिलहाल अफीम की फसल तैयार होने में डेढ़ महीने का वक्त है. इसके पहले शुरुआती दौर में ही फसल में रोग लगने से किसान परेशान हैं.

Intro:मंदसौर ।चालू सीजन की अफीम फसल इस साल शुरुआती दौर में ही तरह तरह के रोगों से गिर गई है ।जिले के कई इलाकों से इन दिनों फसल के खराब होने और उसके पौधे सूखने के समाचार मिल रहे हैं ।पिछले मानसून के दौरान हुई भारी बरसात से जमीन में नमी का वातावरण बना हुआ है। इस वजह से फसल फफूंदी और वायरस रोगों से प्रभावित हो रही है।


Body:मंदसौर और आसपास की तहसीलों में 2 महीने की अवधि वाली अफीम फसल खड़ी हुई है। किसानों ने फसल की निराई गुड़ाई कर इसमें नियत पौधों की संख्या की छटाई भी कर दी है। लेकिन सुबह के वक्त आ रहे घने कोहरे के कारण इस फसल के पौधे पीले पड़कर सुख रहे हैं ।किसान इन पौधों को उखाड़ उखाड़ कर बाहर फेंक रहे हैं और बचाव के लिए बार-बार दवाइयों का छिड़काव भी कर रहे हैं ,लेकिन बीमारियों पर काबू न होने से किसान खासे परेशान हैं.
byte1.प्रकाश माली,किसान


Conclusion:अफीम फसल पर फफूंदी रोग और वायरस की शिकायत की बात कृषि वैज्ञानिक भी मान रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ जी एस चुंडावत ने किसानों को फंगीसाइड दवाइयों का हर हफ्ते छिड़काव करने की सलाह दी है।
byte2. जीएस चुंडावत, कृषि वैज्ञानिक ,कृषि विज्ञान केंद्र, मंदसौर
अफीम फसल में चीरा लगने और उससे अफीम निकलने में फिलहाल डेढ़ महीने की देरी बताई जा रही है ।इसके पहले शुरुआती दौर में ही इस फसल के तरह के रोगों से घिरने से किसानों में औसत उत्पादन को लेकर भारी चिंता का माहौल है।


विनोद गौड़ ,रिपोर्टर, मंदसौर
Last Updated : Jan 20, 2020, 8:09 PM IST
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