मंदसौर। जिले में पिछले हफ्ते हुई भारी बरसात से किसानों की फसलें चौपट हो गई है. जबकि कर्जमाफी का पंजीयन न होने के चलते कई किसानों को मुआवजा राशि मिलने की उम्मीद भी टूट गई है. जिससे किसानों में कमलनाथ सरकार की नीतियों पर नाराजगी देखने को मिला रही है.
भारी बारिश के खेतों में जलभराव हो गया है जिससे मक्का और सोयाबीन की फसले पूरी तरह नष्ट हो गई है. किसानों को हुए नुकसान के बाद राज्य सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने फसलों का आकलन कर बीमा भुगतान की कार्रवाई शुरू कर दी है. लेकिन जिले के हजारों किसान अब भी कर्ज माफी की ऑनलाइन पोर्टल व्यवस्था में शामिल नहीं हुए हैं. लिहाजा दोबारा ऋण की प्रक्रिया से बाहर हुए यह तमाम किसान बीमा लाभ से भी वंचित हो गए हैं.
बता दें कि शासन ने अभी तक ऋण माफी स्कीम में 50 हजार से 2 लाख रुपये तक के कर्ज वाले किसानों को शासन के ऑनलाइन पोर्टल में शामिल ही नहीं किया है. लिहाजा ये किसान दोबारा ऋण की प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए और वे 31 जुलाई की आखिरी तारीख तक बीमा प्रीमियम भरने से भी वंचित हो गए हैं.