मंदसौर। मंदसौर जिला लहसुन की खेती के लिए प्रसिध्द है. इस वर्ष लहसुन की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन अपनी फसल को बेचने के लिए किसानों को मंडियों में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. मंडी में भंडारण क्षमता आवक से कम होने के कारण उन्हें अपना माल बेचने के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है. लहसुन कटाई को करीब 5 महीने गुजर गए हैं बिक्री में देरी होने से रबी की खेती भी पिछड़ रही है.
लहसुन की बिक्री में देर होने से बढ़ी किसानों की मुसीबत, कई दिनों से मंडी में कर रहे इंतजार - mandsaur news
किसानों ने इस वर्ष लहसुन की बंपर पैदावार की है लेकिन अपनी फसल को बेचने के लिए किसानों को मंडियों में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. बारिश होने के कारण शेड में ही माल खाली करवाना पड़ता है वहीं मंडी में माल की आवक भंडारण क्षमता से अधिक है. बिक्री में देरी होने से किसानों की रबी की खेती भी पिछड़ रही है.
लहसुन की बिक्री में देरी
मंदसौर। मंदसौर जिला लहसुन की खेती के लिए प्रसिध्द है. इस वर्ष लहसुन की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन अपनी फसल को बेचने के लिए किसानों को मंडियों में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. मंडी में भंडारण क्षमता आवक से कम होने के कारण उन्हें अपना माल बेचने के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है. लहसुन कटाई को करीब 5 महीने गुजर गए हैं बिक्री में देरी होने से रबी की खेती भी पिछड़ रही है.
Intro:मंदसौर :लहसुन कटाई की सीजन को करीब 5 महीने गुजर गए हैं। लेकिन कृषि उपज मंडी में आज भी इस फसल की सीजन जैसी ही बंपर आवगके हो रही है ।यहां माल बेचने वाले किसानों का नंबर 4 दिनों के इंतजार के बाद ही आ रहा है। 4 साल बाद इस फसल के दामों में अचानक सुर्खी आने से प्रदेश के कई जिलों के अलावा राजस्थान और गुजरात के किसान भी रोजाना यहां माल बेचने आ रहे हैं।
Body:माल की आवकों का आलम यह है ,कि अपनी बारी के इंतजार में लोग 3 दिन तक लाइन में खड़े होकर वेटिंग में लगे हुए हैं। दरअसल बरसात का मौसम होने से मंडी प्रशासन यहां शेड में ही माल खाली करवा कर उसकी धीरे-धीरे नीलामी कर रहा है। लिहा जा रोजाना 17-18 हजार बोरी उपज की ही बिक्री हो पा रही है.
Conclusion:उधर माल की आवक 25000 बोरी रोज की बताई जा रही है। ऐसे हालात में मंडी प्रशासन ने मेन गेट पर ताला लगाना शुरू कर दिए हैं ।और नियत बिक्री के मुताबिक ही वाहनों को एंट्री दी जा रही है। इधर गेट के बाहर इंतजार में खड़े वाहन मालिकों और किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने जल्द ही तमाम माल की बिक्री की व्यवस्था करने की मांग उठाई है ।हालांकि मंडी प्रशासन के अधिकारियों ने तय माल से अधिक उपज की बिक्री वाली किसानों की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है ।
byte 1:गोवर्धन लाल पाटीदार, किसान, खाचरोद
byte 2:अनोखी लाल गुर्जर ,किसान ,उज्जैन
byte 3:बलवंत सिंह शक्तावत, प्रभारी अधिकारी, कृषि उपज मंडी ,मंदसौर
विनोद गौड़ ,रिपोर्टर ,मंदसौर
Body:माल की आवकों का आलम यह है ,कि अपनी बारी के इंतजार में लोग 3 दिन तक लाइन में खड़े होकर वेटिंग में लगे हुए हैं। दरअसल बरसात का मौसम होने से मंडी प्रशासन यहां शेड में ही माल खाली करवा कर उसकी धीरे-धीरे नीलामी कर रहा है। लिहा जा रोजाना 17-18 हजार बोरी उपज की ही बिक्री हो पा रही है.
Conclusion:उधर माल की आवक 25000 बोरी रोज की बताई जा रही है। ऐसे हालात में मंडी प्रशासन ने मेन गेट पर ताला लगाना शुरू कर दिए हैं ।और नियत बिक्री के मुताबिक ही वाहनों को एंट्री दी जा रही है। इधर गेट के बाहर इंतजार में खड़े वाहन मालिकों और किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने जल्द ही तमाम माल की बिक्री की व्यवस्था करने की मांग उठाई है ।हालांकि मंडी प्रशासन के अधिकारियों ने तय माल से अधिक उपज की बिक्री वाली किसानों की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है ।
byte 1:गोवर्धन लाल पाटीदार, किसान, खाचरोद
byte 2:अनोखी लाल गुर्जर ,किसान ,उज्जैन
byte 3:बलवंत सिंह शक्तावत, प्रभारी अधिकारी, कृषि उपज मंडी ,मंदसौर
विनोद गौड़ ,रिपोर्टर ,मंदसौर