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यूरिया के लिए घंटों लाइन में खड़े किसान, फिर भी लौट रहे खाली हाथ

मंदसौर में किसान यूरिया के लिए घण्टों लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार इस उम्मीद में कर रहे हैं कि उसे यूरिया मिल जाएगा, लेकिन उसे बिना यूरिया के ही खाली हाथ लौटना पड़ रहा है.

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Published : Dec 23, 2019, 3:59 PM IST

Updated : Dec 23, 2019, 4:33 PM IST

Farmers standing in long line for urea
यूरिया के लिए लंबी लाइन में खड़े किसान

मंदसौर। एक ओर प्रदेश में यूरिया संकट पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रहा है, जबकि हकीकत में किसान यूरिया संकट से दो चार हो रहे हैं. मंदसौर में किसान यूरिया के लिए घण्टों लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार इस उम्मीद से कर रहे हैं कि उसे यूरिया मिल जाएगा, लेकिन उसे बिना यूरिया के ही खाली हाथ लौटना पड़ रहा है.

यूरिया के लिए लंबी लाइन में खड़े किसान

रबी के सीजन के शुरुआती दौर में ही खाद की किल्लत हो गई है, इस साल जिले में करीब 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं और चने की बोवनी हुई है. जिसके लिए किसानों को यूरिया की जरुरत है, लेकिन एक महीने से खाद की कमी बनी हुई है. खाद की सप्लाई ठीक से नहीं होने के चलते प्रशासन खाद उपलब्ध नहीं करा पा रहा है.

आलम ये है कि किसानों की पावती बुक और आधार कार्ड की फोटो कॉपी के आधार पर 2-2 बैग प्रति किसान ही दिया जा रहा है. यूरिया लेने के लिए लोग सुबह से ही वितरण केंद्र के काउंटर पर लाइन में लगते हैं. यूरिया के लिए यहां महिलाएं और पुरुषों की लाइनें भी लग रही हैं. वितरण अधिकारी भी ये मानकर चल रहे हैं कि खाद की कमी के चलते वितरण केंद्र के सभी कर्मचारी और अधिकारी भी परेशान हैं.

मंदसौर। एक ओर प्रदेश में यूरिया संकट पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रहा है, जबकि हकीकत में किसान यूरिया संकट से दो चार हो रहे हैं. मंदसौर में किसान यूरिया के लिए घण्टों लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार इस उम्मीद से कर रहे हैं कि उसे यूरिया मिल जाएगा, लेकिन उसे बिना यूरिया के ही खाली हाथ लौटना पड़ रहा है.

यूरिया के लिए लंबी लाइन में खड़े किसान

रबी के सीजन के शुरुआती दौर में ही खाद की किल्लत हो गई है, इस साल जिले में करीब 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं और चने की बोवनी हुई है. जिसके लिए किसानों को यूरिया की जरुरत है, लेकिन एक महीने से खाद की कमी बनी हुई है. खाद की सप्लाई ठीक से नहीं होने के चलते प्रशासन खाद उपलब्ध नहीं करा पा रहा है.

आलम ये है कि किसानों की पावती बुक और आधार कार्ड की फोटो कॉपी के आधार पर 2-2 बैग प्रति किसान ही दिया जा रहा है. यूरिया लेने के लिए लोग सुबह से ही वितरण केंद्र के काउंटर पर लाइन में लगते हैं. यूरिया के लिए यहां महिलाएं और पुरुषों की लाइनें भी लग रही हैं. वितरण अधिकारी भी ये मानकर चल रहे हैं कि खाद की कमी के चलते वितरण केंद्र के सभी कर्मचारी और अधिकारी भी परेशान हैं.

Intro:मंदसौर। यूरिया खाद की कमी के हालातों के कारण जिले के किसान खासे परेशान है ।खाद की कमी के कारण यहां हालात अब एक अनार और सौ बीमार जिस बन गए हैं। डिमांड के मुताबिक यूरिया की सप्लाई आधी भी न होने से,इन दिनों तमाम सरकारी गोदाम और दुकान खाली पड़े हैं ।प्रशासन ने जहां-जहां खाद वितरण के काउंटर खोले हैं,वहाँ भी लोगों की डिमांड के मुताबिक 10 फीसदी खाद भी नहीं मिल रहा है।


Body:रबी फसल की सीजन के शुरुआती दौर में ही खाद कि पूरे जिले में भारी किल्लत हो गई है। इस साल जिले में करीब 60 हजार सेक्टर क्षेत्र में गेहूं और चना फसल की बुवाई हुई हैं।इन दिनों किसानों को यूरिया खाद की सख्त जरुरत महसूस हो रही है। लेकिन पिछले एक महीने से लगातार खाद की कमी बनी हुई है। खाद की सप्लाई बराबर ना होना से, प्रशाशन उपलब्ध खाद को किसानों की पावती बुक ओर आधार कार्ड की फोटो कॉपी के आधार पर 2-2 बेग प्रति किसान ही वितरित कर रहे हैं।खाद लेने के लिए लोग सुबह से ही वितरण केंद्र के काउंटर पर लाइन में लगते हैं। यूरिया खाद लेने के लिए यहां महिलाएं और पुरुषों की लाइने भी लग रही है.


Conclusion:इसके बावजूद सरकारी गोदामो में माल की कमी से लाइन में लगने के बावजूद भी किसान खाद लेने से वंचित हैं।किसानों का आरोप है कि हर साल बनने वाली स्थिति के लिए भी शासन जिम्मेदार है। उधर खाद की कमी की बात को वितरण केंद्र के प्रभारी भी बात मान रहे हैं। वही खाद की कमी के कारण वितरण केंद्र के सभी कर्मचारी और अधिकारी भी खासे परेशान है।
1. लीलाशंकर धाकड़, किसान
2. रामप्रसाद पाटीदार ,किसान
3.मन्नू प्रसाद पांडे ,वितरण अधिकारी, कृषि उपज मंडी केन्द्र, मंदसोर


विनोद गौड़, रिपोर्टर, मंदसोर
Last Updated : Dec 23, 2019, 4:33 PM IST
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