मंदसौर। केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रूपए के आर्थिक पैकेज का एलान किया है, जिसमें से एक लाख करोड़ कृषि क्षेत्र को दिया गया है, इसके बावजूद मालवा के किसान खुश नहीं हैं, तमाम योजनाओं का लाभ बैंकों के जरिए देने के चलते किसान इसे हवाई फायर बता रहे हैं, किसानों का आरोप है कि प्रदेश के लाखों किसान कर्जमाफी योजना में अभी तक शामिल नहीं हुए हैं, जिसके चलते वो सभी डिफाल्टर घोषित हो गए हैं. ऐसे में उन्हें नई योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा.
पिछले 2 सालों से कर्जमाफी का इंतजार कर रहे किसान अब डिफाल्टर हो गए हैं, बैंकों से ऋण और पशुपालन के अलावा नए उपकरण खरीदी के लिए बैंकें उन्हें नया कर्ज तब स्वीकृत करेंगी, जब किसान अपना पुराना बकाया जमा कर देंगे. इन हालातों में किसानों ने सरकार से कर्जमाफी की रकम जल्द जमा कराने की गुहार लगाई है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लॉकडाउन और मंदी की मार झेल रहे किसानों के लिए कई तरह की योजनाओं के जरिए राहत देने की घोषणा की हैं, लेकिन जो किसान अब डिफाल्टर हो गए हैं, उन्हें इन योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा.