मंदसौर। लहसुन की ज्यादा पैदावार किसानों के लिए मुसीबत लेकर आई है. लहसुन के रेट इतने कम हैं कि किसान बेहद निराश हो गए हैं. किसान लहसुन के कट्टे पार्वती नदी में फेंक रहे हैं. लहसुन के रेट सही मिलने से किसानों ने कई जगहों पर प्रदर्शन किया लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई.
खंडवा में हो चुका है आंदोलन : 14 अगस्त को उज्जैन जिले के भारतीय किसान संघ के करीब 100 से अधिक किसानों ने लहसुन थोक भाव में एक रुपए किलो बिकने और लागत मूल्य भी नहीं निकलने का आरोप लगाया और प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश के लहसुन के किसानों ने अथक परिश्रम से इस बार बंपर फसल पैदा की. लेकिन किसानों को अपना लहसुन मंडियों में 45 पैसे प्रति किलो तक बेचना पड़ रहा है.
मंदसौर की पहचान बनेगी लहसुन, किसान को बनाएगी आत्मनिर्भर
कमलनाथ ने की सरकार से मांग : सरकार की इस अव्यवस्था से नाराज किसान प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मामले में कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा है कि मैं प्रदेश सरकार से आग्रह करता हूं कि अन्नदाता की पीड़ा को समझें. किसान को लहसुन का उचित मूल्य मिले, इसकी तुरंत व्यवस्था की जाए. याद रखें कि मोदी सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन यहां तो उन्हें अपना लहसुन माटी मोल बेचना पड़ रहा है. Garlic cultivation in MP, Farmers unhappy very low price, Farmers throw garlic in rivers