मंदसौर। चेस्ट फिजियोथेरेपी जहां एक तरफ फेफड़ों को मजबूत कर रहा हैं, तो वहीं इससे कोरोना मरीजों का ऑक्सीजन लेवल भी बढ़ रहा हैं. जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में अब कोरोना गाइडलाइन के तहत इलाज के अलावा संक्रमित मरीजों को चेस्ट फिजियोथेरेपी भी दी जा रही है.
चेस्ट फिजियोथेरेपी से हो रहा फायदा
चेस्ट फिजियोथेरेपी जैसे नवाचार का सुबह-शाम कोरोना मरीज लाभ ले रहे हैं. इसके जरिए वह लोग ठीक भी हो रहे हैं. दरअसल, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए अब गाइडलाइन के तहत चेस्ट थेरेपी भी देना शुरू कर दिया है. चेस्ट फिजियोथेरेपी के कारण जहां एक ओर मरीजों के फेफड़े मजबूत हो रहे हैं, तो वहीं ऑक्सीजन लेवल भी बढ़ रहा हैं. पहले के मुकाबले मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं.
कोविड वार्ड में संक्रमित मरीजों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. लोकेंद्र चौधरी और डॉ मनीष शर्मा द्वारा चेस्ट फिजियोथेरेपी शुरू की गई हैं. डॉ. लोकेंद्र चौधरी जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट के पद पर कार्यरत है. डॉक्टर मनीष शर्मा रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा संचालित फिजियोथेरेपी सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
डॉ. लोकेंद्र चौधरी ने बताया कि चेस्ट फिजियोथेरेपी और सांस की कसरतों से काफी सकारात्मक परिणाम देखने में आए हैं. मरीज के ऑक्सीजन लेवल में भी सुधार देखा गया हैं. मरीजों को सकारात्मक ऊर्जा मिल रही हैं. चेस्ट फिजियोथेरेपी के माध्यम से बलगम और कफ को भी आसानी से फेफड़ों से बाहर किया जा रहा हैं, लेकिन यह जानना आवश्यक है कि कौन सी थैरेपी कब देनी है और कौन सा मरीज किस थेरेपी के लिए उपयुक्त है?.
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उन्होंने कहा कि अगर किसी मरीज में कोई लक्षण नहीं है, पर वह आइसोलेशन में है, तो सांस की कसरत की जा सकती हैं. वहीं जिन मरीजों में कोरोना वायरस के लक्षण अधिक और गंभीर हैं, उन्हें कौन सी चेस्ट फिजियोथेरेपी देनी हैं, यह फिजियोथेरेपिस्ट अपनी कार्य क्षमता और बीमारी की गंभीरता को देखते हुए प्रदान करता हैं.
कलेक्टर मनोज पुष्प ने बताया कि चेस्ट फिजियोथेरेपी अभी तीन सेंटर पर शुरू करवाया गया हैं. इससे मरीजों को काफी लाभ मिल रहा है. चेस्ट फिजियोथेरेपिस्ट अपनी सेवाएं दे रहे है. इस संबंध में डॉक्टर्स और फिजियोथेरेपिस्ट की बैठक बुलाई गई थी.