मंदसौर। 23 मार्च से बंद सभी अदालतों को फिर से विधिवत चालू करने के लिए बार एसोसिएशन ने हाई कोर्ट से गुहार लगाई है. लॉकडाउन के बाद सेंट्रल गवर्मेंट के आदेश पर प्रदेश की तमाम अदालतों को भी अग्रिम आदेश तक बंद कर दिया गया था. अनलॉक की प्रक्रिया शुरु होने के बाद सभी सरकारी संस्थाए धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी हैं. लिहाजा बार एसोसिएशन ने हाई कोर्ट से सभी अदालतों को विधिवत शुरु करने की परमिशन देने की गुहार लगाई है.

जिले की सेशन और जुडिशियल मजिस्ट्रेट की लोअर कोर्ट को छोड़कर जिला एवं सत्र न्यायालय और सभी श्रेणी की अदालतें मार्च के आखिरी सप्ताह से ही बंद हैं. कोरोना संक्रमण के खतरे के कारण केंद्र सरकार ने अन्य सरकारी संस्थाओं के साथ ही सभी वर्ग की अदालतों को भी बंद करने के आदेश दिए थे. हालांकि, अनलॉक एक के बाद कई सरकारी संस्थाएं नियम के मुताबिक शुरू कर दी गई हैं, लेकिन गंभीर अपराध और जमानतों के मामले में सुनवाई के लिए हाई कोर्ट ने केवल निचले दर्जे की दो अदालतों को ही शुरू करने का आदेश दिया है. ये अदालतें भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चलाई जा रही हैं. ऐसे में बाकीअदालतों के बंद होने से एक तरफ सभी वकील और उनके पेशे से जुड़े सहयोगी कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं, जबकि दूसरी तरफ हजारों पक्षकार भी न्याय प्रक्रिया से वंचित हैं.
इन हालातों में मंदसौर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ से तत्काल बंद पड़ी अदालतों को शुरू करने की परमिशन देने की गुहार लगाई है. एसोसिएशन के अध्यक्ष रघुवीर सिंह चौहान ने कहा कि आगामी 14 अगस्त को हाईकोर्ट के पांच जज की एक कमेटी इस संबंध में फैसला लेने वाली है. उन्होंने पक्षकारों और वकीलों के हित में अदालतों को जल्द शुरू करने की अपील की है.