मंडला। कोरोना महामारी से लड़ने और समाज के साथ ही देश की मदद को सभी एकजुट हैं और आगे भी आ रहे हैं. कोई राशन और भोजन का दान कर रहा है तो कोई अपने तरीके से समाज की सेवा कर रहा है. जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर बिछिया के युवाओं ने देसी जुगाड़ से सेनिटाइजिंग मशीन बना डाली. जिसे अब वो जिला चिकित्सालय को भेंट करना चाहते हैं.
जिले के कुछ समाजसेवियों ने मिलकर एक सेनिटाइजिंग मशीन बनाई है. इस मशीन की खास बात ये है कि ये मशीन कृषि यंत्रों और कुछ अन्य सामान से मिलकर बनाई गई है. इन लोगों ने ये मशीन बनाकर जिला चिकित्सालय को निशुल्क भेट करने की योजना बनाई है.
कैसे करता है काम
फ्रेम के अंदर स्प्रे नोजल में सेनिटाइजर पहुंचाने के लिए कृषि में उपयोग आने वाले उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है. नोजल के लिए अलग पंप लगाया गया हैं.इस मशीन में पावर सप्लाई के लिए बटन का इस्तेमाल किया गया है, अंदर लगी लाइट और मैन्युअल ऑन-ऑफ के लिए स्विच का इस्तेमाल किया गया है.
कितनी है लागत
इस मशीन को बनाने वाले लोगों के अनुसार फिलहाल इस मशीन की कीमत लगभग 65000 रुपए आई है, जिसके फ्रेम बनाने में लकड़ी की प्लाई का उपयोग किया गया है.डिजिटल इंडिया और आरोग्य सेतु एप्लीकेशन के बारे में जानकारी देते इस फ्रेम में कोरोना वायरस से बचाव के लिए दर्शाई गई जरूरी बातों को अंकित किया गया है.
क्या है आगे की सोच
मशीन को बनाने वाले कैलाश डेहरिया बताते है कि अभी कम कीमत वाली सेनिटाइजिंग मशीन बनाने की दिशा में आगे और प्रयास किये जा रहे हैं, बनाई गई इस मशीन को जिला अस्पताल में दिया जाएगा, उसके बाद इसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो में भी पहुंचाया जाएगा. इस मशीन की सफल टेस्टिंग भी कर ली गई है और वो इसके काफी संतुष्ट भी हैं. जल्द ही और मशीन बनाने के बारे में तैयारी भी कर रहे हैं.