मंडला। जिले में मूलभूत सुविधाओं की हालत ये है कि, ग्वारा गांव के लोगों को पानी की मांग के लिए अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठना पड़ रहा है. ईटीवी भारत ने खबर दिखाई थी कि, किस तरह से ग्वारा के ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ और सरकार के अधिकारियों ने मौके पर पहुंकर सर्वे करना शुरु कर दिया है.
इस गांव में लगभग चार हजार लोग रहते हैं, लेकिन पीने के पानी के लिए उन्हें सुबह उठते ही जद्दोजहद करनी पड़ती है. आलम ये है कि, पानी लाने के लिए ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. जिसके लिए वो सुबह से अपनी साइकल, मोटरसाइकल और बैलगाड़ी आदि लेकर पानी लेने निकल जाते हैं. उनका अधिकतर समय पानी लाने में ही गुजर जाता है. यही नहीं पानी की किल्लत इतनी ज्यादा है कि, इस गांव में कोई शादी भी नहीं करना चाहता है.
पानी की इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है और गांव की महिलाएं, बूढे़, युवा सभी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. उनका कहना है कि, यदि तीन दिन के अंदर उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.
ग्रामीणों की इस समस्या को ईटीवी भारत ने पूरी गंभीरता के साथ उठाया और प्रशासन से सवाल भी किया. जिस पर अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर दूसरी जगह सर्वे कर नई बोरिंग कराने की बात कही है.
वहीं जबलपुर की मीटिंग में गए लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री केएस कुशरे ने भी अधिकारियों से बात की और समस्या को जल्द से जल्द सुलझाने के साथ ही खुद गांव पहुंचने की बात की है.