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ETV भारत की खबर का असर: भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण से मिलने पहुंचे अधिकारी

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Published : Jan 30, 2020, 7:11 PM IST

Updated : Jan 30, 2020, 8:31 PM IST

मंडला जिले के ग्वारा गांव के लोग पानी की मांग के लिए अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. एक दिन पहले ही ईटीवी भारत ने गांव में हो रही पानी की किल्लत की खबर दिखाई थी. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे.

Villagers on hunger strike for water
पानी के लिए भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

मंडला। जिले में मूलभूत सुविधाओं की हालत ये है कि, ग्वारा गांव के लोगों को पानी की मांग के लिए अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठना पड़ रहा है. ईटीवी भारत ने खबर दिखाई थी कि, किस तरह से ग्वारा के ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ और सरकार के अधिकारियों ने मौके पर पहुंकर सर्वे करना शुरु कर दिया है.

पानी के लिए भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

इस गांव में लगभग चार हजार लोग रहते हैं, लेकिन पीने के पानी के लिए उन्हें सुबह उठते ही जद्दोजहद करनी पड़ती है. आलम ये है कि, पानी लाने के लिए ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. जिसके लिए वो सुबह से अपनी साइकल, मोटरसाइकल और बैलगाड़ी आदि लेकर पानी लेने निकल जाते हैं. उनका अधिकतर समय पानी लाने में ही गुजर जाता है. यही नहीं पानी की किल्लत इतनी ज्यादा है कि, इस गांव में कोई शादी भी नहीं करना चाहता है.

पानी की इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है और गांव की महिलाएं, बूढे़, युवा सभी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. उनका कहना है कि, यदि तीन दिन के अंदर उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.

ग्रामीणों की इस समस्या को ईटीवी भारत ने पूरी गंभीरता के साथ उठाया और प्रशासन से सवाल भी किया. जिस पर अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर दूसरी जगह सर्वे कर नई बोरिंग कराने की बात कही है.
वहीं जबलपुर की मीटिंग में गए लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री केएस कुशरे ने भी अधिकारियों से बात की और समस्या को जल्द से जल्द सुलझाने के साथ ही खुद गांव पहुंचने की बात की है.

मंडला। जिले में मूलभूत सुविधाओं की हालत ये है कि, ग्वारा गांव के लोगों को पानी की मांग के लिए अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठना पड़ रहा है. ईटीवी भारत ने खबर दिखाई थी कि, किस तरह से ग्वारा के ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ और सरकार के अधिकारियों ने मौके पर पहुंकर सर्वे करना शुरु कर दिया है.

पानी के लिए भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

इस गांव में लगभग चार हजार लोग रहते हैं, लेकिन पीने के पानी के लिए उन्हें सुबह उठते ही जद्दोजहद करनी पड़ती है. आलम ये है कि, पानी लाने के लिए ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. जिसके लिए वो सुबह से अपनी साइकल, मोटरसाइकल और बैलगाड़ी आदि लेकर पानी लेने निकल जाते हैं. उनका अधिकतर समय पानी लाने में ही गुजर जाता है. यही नहीं पानी की किल्लत इतनी ज्यादा है कि, इस गांव में कोई शादी भी नहीं करना चाहता है.

पानी की इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है और गांव की महिलाएं, बूढे़, युवा सभी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. उनका कहना है कि, यदि तीन दिन के अंदर उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.

ग्रामीणों की इस समस्या को ईटीवी भारत ने पूरी गंभीरता के साथ उठाया और प्रशासन से सवाल भी किया. जिस पर अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर दूसरी जगह सर्वे कर नई बोरिंग कराने की बात कही है.
वहीं जबलपुर की मीटिंग में गए लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री केएस कुशरे ने भी अधिकारियों से बात की और समस्या को जल्द से जल्द सुलझाने के साथ ही खुद गांव पहुंचने की बात की है.

Intro:बूँद बूँद पानी के लिए तरस रहे ग्रामीणों की व्यथा ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो पहुँच कर दिखाई,'बिन पानी सब सून ' खबर का बड़ा असर हुआ और प्रशासन इस गाँव मे पानी की तलाश करने दल बल के साथ पहुंचा, दूसरी तरफ पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है


Body:ईटीवी भारत के द्वारा 'बिन पानी सब सून' दिखाई गई खबर का बड़ा असर हुआ है,ग्वारा में भीषण पानी की समस्या से बीते 5 सालों से ग्रामीण जूझ रहे हैं वहीं शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने कभी इस समस्या को सुलझाने के प्रयास नहीं किये इस खबर को ईटीवी भारत ने पूरी जिम्मेदारी के साथ ग्राउण्ड जीरो पर जाकर न केवल कव्हर किया बलिक जिम्मदारों से जबाब भी माँगे जिसके बाद प्रशासन ग्वारा के ग्रामीणों की समस्या सुलझाने उनके पास पहुंचा दूसरी तरफ ग्रामीण भी अपनी समस्या को लेकर आर पार के मूड में दिखे और अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं जिनका कहना है कि 3 दिन में अगर समस्या का हल न निकाला गया तो वे इसके आगे बड़े आंदोलन भी करने की तैयारी कर चुके हैं।

ईटीवी भारत ने उठाया जनता से जुड़ा मुद्दा

ग्वारा ग्राम की जनसंख्या करीब 4 हज़ार है जहां के ग्रामीण बूँद बूँद पानी के लिए जद्दोजहद तो करते ही हैं वहीं कई किलोमीटर दूर से साइकिल, मोटरसाइकिल, बैलगाड़ी या देशी जुगाड़ कर पानी लाते हैं जिनका पूरा समय पानी की व्यवस्था करने में ही चला जाता है इस समस्या को पूरी गंभीरता के साथ ईटीवी भारत ने उठाया और ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर प्रशासन से सवाल भी किये जिसके बाद प्रशासन की टीम गाँव मे पानी का सर्वे करने पहुँची।

भूख हड़ताल पर ग्रामीण

पानी की समस्या को लेकर ग्रामीण जिनमे महिला,पुरूष ,बुजुर्ग और उम्र के लोग शामिल हैं भूख हडलात पर बैठ गए है जिनका कहना है कि जब तक उनके गाँव मे पानी की समस्या का हल नहीं किया जाता तक वे हड़ताल करते रहेंगे,ग्रमीणों का कहना है कि स्थानीय निकायों के चुनाव करीब हैं और आचार सहिंता लग जाती है तो इनकी समस्या को फिर कोई नहीं सुलझा सकेगा इस लिए आचार सहिंता लगने के पहले ही ये समस्या का हल चाहते हैं।

ग्रामीणों को मनाने पहुँचा प्रशासन

ग्रामीणों के द्वारा की जा रही भूख हड़ताल की खबर जब जिला मुख्यालय तक पहुँची तो लोकस्वास्थ्य यांत्रिक विभाग के द्वारा अपने अधिकारी कर्मचारी के साथ ही पानी का सर्वे करने वाली टीम को भेजा गया जिसने नए स्थान का सर्वे कर नई बोरिंग की बात जल्द ही कराने की बात कही लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि सर्वे,बोरिंग और पाइप लाइन की व्यवस्था तीन दिन में की जाए तभी वे अनशन तोड़ेंगे वहीं अधिकारियों का कहना है कि इन प्रक्रियाओं में समय लगता है जिसके बाद ग्रामीणों ने अपना अनशन और भूख हड़ताल तोड़ने से मना कर दिया वहीं प्रशासन की ओर से भेजे गए कर्मचारी सर्वे करने के लिए चले गए।


Conclusion:लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री के एस कुशरे मीटिंग में जबलपुर गए हुए हैं जिन्होंने ग्वारा पहुँचे अधिकारियों से बात कर जल्द ही समस्या सुलझाने के साथ ही गाँव पहुंचने की बात की है ये जनता के साथ ही ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर है।

बाईट--संदीप सिंगौर,ग्रामीण
बाईट--लेखराम जंघेला,उपसरपंच ग्वारा
बाईट --ग्रामीण महिला
बाईट--सुनील कुमार दुबे,स्टोर क्लर्क पीएचई
Last Updated : Jan 30, 2020, 8:31 PM IST
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