मंडला। पेड़ की छांव में ब्लैक बोर्ड के सामने विद्यार्थियों को पढ़ाई कराते गांवों की पाठशाला में अक्सर देखा जाता रहा है, लेकिन इस पुलिस की पाठशाला में शिक्षक की जगह पुलिस और विद्यार्थियों की जगह सड़कों पर बेवजह घूमने वाले लोग थे. पुलिस ने बेवजह घूमने वालों को सबक सिखाने के लिए एक अलग ही पाठ पढ़ाया और सभी को तोते के जैसे यह रटाया कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान घर पर रहना कितना जरूरी है.
- लोगों को रटवा रहे गाइडलाइन के नियम
दरअसल यातायात पुलिस मंडला बिना उचित कारण के घूमते पाए जाने पर लोगों को अलग तरह से सबक सिखा रही है. पुलिस बकायदा ब्लैक बोर्ड के सामने बिठाकर नर्सरी के बच्चों की तरह लोगों की क्लास ले रही है. क्लास में ब्लैक बोर्ड पर लिखा है कि 'दो गज की दूरी, मास्क जरूरी', 'घर में रहना है मजबूरी'. क्लास में बैठे लोगों को बार-बार इन पंक्तियों को रटवाया जा रहा है, जिससे कि उन्हें यह सबक हमेशा के लिए याद रहे. बेवजह घूमने वालों को कक्षा का पूरा एक पीरियड समझाइश के तौर पर बिठाया जा रहा है.
ये जनता कर्फ्यू है और यहां पुलिस की समोसा पार्टी चल रही है
- लाठी-डंडे से कारगर है ये उपाय
मंडला पुलिस लगातार कोरोना संक्रमण से बचाव और कोरोना कर्फ्यू का पालन करवाने के लिए नए-नए तरीके अपना जा रही हैं. जिसका अच्छा खासा असर भी नजर आ रहा है. पुलिस के अनुसार लाठी डंडे की सजा की अपेक्षा मानसिक रूप से लोगों को यह समझाना ज्यादा जरूरी है, कि कोरोना कर्फ्यू का पालन करना उन्हें लिए ही फायदेमंद होता है. इस तरह के प्रयोग लोगों के मस्तिष्क में अधिक समय तक प्रभावी रहते हैं.