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उत्पाती हाथियों को पकड़ने के लिए बनाई गई टीम, चार प्रशिक्षित हाथी भी टीम में शामिल

छत्तीसगढ़ से निकल कर मध्यप्रदेश के तीन जिलों में नुकलान कर चुके जंगली हाथियों को पकड़ने के लिए कान्हा और पेंच टाइगर रिजर्व की एक टीम बनाई गई है.

wild elephant
उत्पाती हाथियों को पकड़ने बनी टीम
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Published : Apr 17, 2020, 7:20 PM IST

Updated : Apr 17, 2020, 7:35 PM IST

मण्डला। छत्तीसगढ़ से निकलकर मध्यप्रदेश के मण्डला, सिवनी और नरसिंहपुर में करोड़ों का नुकसान कर चुके जंगली हाथियों को पकड़ने के लिए कान्हा और पेंच टाइगर रिजर्व की एक टीम बनाई गई है, जिसमें करीब 100 लोग शामिल हैं, जो मण्डला जिले में इन दोनों जंगली हाथियों की तलाश कर रही हैं.

उत्पाती हाथियों को पकड़ने बनी टीम

यह टीम जिले के फूलसागर,रामनगर और तिलाई पानी क्षेत्र में जंगली हाथियों की तलाश कर रही हैं. जिन्हें पकड़ने के बाद कान्हा टाइगर रिजर्व में बनाए गए क्रोल में रखा जाएगा. हाथियों को पकड़ने के लिए चार प्रशिक्षित हाथियों की मदद ली जा रही है. वहीं बनाई गई टीम में उत्पाती हाथियों को ट्रेंकुलाइज करने के लिए तीन विशेषज्ञ डॉक्टर भी रखे गए हैं.

बता दें कि लगभग एक साल पहले छत्तीसगढ़ की सीमा से मण्डला में घुसने के बाद से इन दो नर हाथियों ने नैनपुर क्षेत्र से लेकर सिवनी जिले और नरसिंहपुर जिले में करीब डेढ़ करोड़ रुपए की क्षति पहुंचाई है, जिसमें फसल और पाइप जैसी चीज शामिल हैं. वहीं हाथियों ने सिवनी जिले में एक बुजुर्ग को मारने के साथ एक अन्य को घायल किया था, जिसे मेडिकल कॉलेज जबलपुर इलाज के लिए भेजा गया था. जंगली हाथी नरसिंहपुर से फिर लौट कर सिवनी होते हुए मण्डला जिले में पहुंचे हैं. इन हाथियों को पकड़ने की मंजूरी केंद्र ने जनवरी माह में ही दे दी थी.

मण्डला। छत्तीसगढ़ से निकलकर मध्यप्रदेश के मण्डला, सिवनी और नरसिंहपुर में करोड़ों का नुकसान कर चुके जंगली हाथियों को पकड़ने के लिए कान्हा और पेंच टाइगर रिजर्व की एक टीम बनाई गई है, जिसमें करीब 100 लोग शामिल हैं, जो मण्डला जिले में इन दोनों जंगली हाथियों की तलाश कर रही हैं.

उत्पाती हाथियों को पकड़ने बनी टीम

यह टीम जिले के फूलसागर,रामनगर और तिलाई पानी क्षेत्र में जंगली हाथियों की तलाश कर रही हैं. जिन्हें पकड़ने के बाद कान्हा टाइगर रिजर्व में बनाए गए क्रोल में रखा जाएगा. हाथियों को पकड़ने के लिए चार प्रशिक्षित हाथियों की मदद ली जा रही है. वहीं बनाई गई टीम में उत्पाती हाथियों को ट्रेंकुलाइज करने के लिए तीन विशेषज्ञ डॉक्टर भी रखे गए हैं.

बता दें कि लगभग एक साल पहले छत्तीसगढ़ की सीमा से मण्डला में घुसने के बाद से इन दो नर हाथियों ने नैनपुर क्षेत्र से लेकर सिवनी जिले और नरसिंहपुर जिले में करीब डेढ़ करोड़ रुपए की क्षति पहुंचाई है, जिसमें फसल और पाइप जैसी चीज शामिल हैं. वहीं हाथियों ने सिवनी जिले में एक बुजुर्ग को मारने के साथ एक अन्य को घायल किया था, जिसे मेडिकल कॉलेज जबलपुर इलाज के लिए भेजा गया था. जंगली हाथी नरसिंहपुर से फिर लौट कर सिवनी होते हुए मण्डला जिले में पहुंचे हैं. इन हाथियों को पकड़ने की मंजूरी केंद्र ने जनवरी माह में ही दे दी थी.

Last Updated : Apr 17, 2020, 7:35 PM IST
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