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छात्राओं ने खुद भरे सड़कों के गड्ढे, फिर भी नहीं खुली प्रशासन की नींद

मण्डला में निर्मला शाला की छात्राओं ने अपने स्कूल की सड़क पर हुए गड्ढों को भरने का काम किया. जो काम प्रशासन को करना चाहिए लेकिन प्रशासन की उदासीनता को देखते हुए छात्राओं ने ये काम किया, इसके बावजूद भी प्रशासन का कोई अधिकारी या कर्मचारी छात्राओं से मिलने नहीं पहुंचा.

छात्राएं
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Published : Oct 4, 2019, 1:16 PM IST

मण्डला। जानलेवा गड्ढे जब शासन-प्रशासन को नजर नहीं आए तो निर्मला स्कूल की छात्राओं ने दुर्घटनाओं से बचने के लिए इन गड्ढों को खुद ही पाटने की जिम्मेदारी संभाल ली. छात्राओं के सड़क पर किए जा रहे काम की खबर हुक्मरामों तक नहीं पहुंची और प्रशासन कोई भी का अधिकारी या कर्मचारी एयरकंडीशन से निकलकर छात्राओं को आस्वस्त कराने नहीं आया कि जल्द ही गड्ढे भर दिए जाएंगे.

छात्राओं ने भरे सड़कों के गड्ढे

शहर के किसी भी कोने में चले जाइये यहां सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे आए दिन लोगों के लिए हादसे का कारण बन रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों को शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार है जिसके बाद ही इनकी नींद जागेगी. इन हादसों का इंतजार निर्मला शाला की छात्राओं को नहीं है. इसी कारण इन छात्राओं ने अपने स्कूल के सामने गढ्ढों को भरने का काम किया, जो नगर पालिका या फिर पीडब्ल्यूडी विभाग को करना चाहिए.

इन छात्राओं का कहना है कि ये शहर उनका है और वे इसे संवारने के लिए कब तक जिम्मेदारों का इंतजार करेंगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान का जिक्र करती हुए छात्राओं की तारीफ सभी लोग कर रहे हैं. लेकिन शासन-प्रशासन अभी भी अंजान है.

मण्डला। जानलेवा गड्ढे जब शासन-प्रशासन को नजर नहीं आए तो निर्मला स्कूल की छात्राओं ने दुर्घटनाओं से बचने के लिए इन गड्ढों को खुद ही पाटने की जिम्मेदारी संभाल ली. छात्राओं के सड़क पर किए जा रहे काम की खबर हुक्मरामों तक नहीं पहुंची और प्रशासन कोई भी का अधिकारी या कर्मचारी एयरकंडीशन से निकलकर छात्राओं को आस्वस्त कराने नहीं आया कि जल्द ही गड्ढे भर दिए जाएंगे.

छात्राओं ने भरे सड़कों के गड्ढे

शहर के किसी भी कोने में चले जाइये यहां सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे आए दिन लोगों के लिए हादसे का कारण बन रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों को शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार है जिसके बाद ही इनकी नींद जागेगी. इन हादसों का इंतजार निर्मला शाला की छात्राओं को नहीं है. इसी कारण इन छात्राओं ने अपने स्कूल के सामने गढ्ढों को भरने का काम किया, जो नगर पालिका या फिर पीडब्ल्यूडी विभाग को करना चाहिए.

इन छात्राओं का कहना है कि ये शहर उनका है और वे इसे संवारने के लिए कब तक जिम्मेदारों का इंतजार करेंगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान का जिक्र करती हुए छात्राओं की तारीफ सभी लोग कर रहे हैं. लेकिन शासन-प्रशासन अभी भी अंजान है.

Intro:मण्डला शहर के जानलेवा गड्ढे जब शासन प्रशासन को नज़र नहीं आए तो निर्मला स्कूल की छात्राओ ने दुर्घटनाओं को जन्म देते इन गढ्ढो को खुद ही पाटने की जिम्मेदारी सम्हालनी लेकिन इन छात्राओं के द्वारा किये जा रहे सड़क पर काम की खबर हुक्मरानों तक नहीं पहुँची और कोई भी अधिकारी कर्मचारी एयरकंडीशन से निकल कर इन्हें इस बात के लिए आस्वस्त कराने नही आया कि जल्द ये गड्ढे भर दिए जाएंगे।
Body:मण्डला शहर के किसी भी कोने में चले जाइये यहाँ सड़क पर बने बड़े बड़े गड्ढे आए दिन लोगों के लिए हादसे का कारण बन रहे हैं लेकिन जिम्मेदारों को शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार है जिसके बाद ही इनकी नींद जागेगी और जनता के हित मे फिर प्लानिंग की जाएगी तब तक होते रहेंगे और भी हादसे लेकिन इन हादसों का इंतजार निर्मला शाला की छाताओं को नहीं है इसी कारण वे आजकल दुर्घटनाओं की वजह बनने वाले गढ्ढो को खुद ही भरने आगे आ रही हैं,ऐसा ही एक नज़ारा दिखा उस समय जब इन छात्राओं ने अपने स्कूल के सामने बस स्टैंड के करीब गढ्ढो पर मुरम डालने का काम किया जो नगर पालिका या फिर पीडब्ल्यूडी विभाग के लिए मुँह छुपाने के लिए काफी है,बता दें कि शहर के भीतर की व्यस्त सड़कों पर जानलेवा गढ्ढो को लेकर जनता बार बार सड़कों पर उतरते रही है आवेदन और निवेदन भी किये जा चुके है लेकिन निजामों की तंद्रा नहीं टूट रही ऐसे में इन कल के भविष्य और समाज की जिम्मेदार नागरिक छात्राओं ने बताया कि अगर शासन प्रशासन इसके लिए आगे नहीं आ रहा तो कम से कम वे अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लोगों को दुर्घटनाओं से बचा सके,इन छाताओं का कहना है कि ये शहर उनका है और वे खुद ही इस शहर को संवारने कब तक जिम्मेदारों का इंतजार करेंगी,Conclusion:मोदी के स्वक्षता अभियान का जिक्र करती हुई छात्राओं की तारीफ यहाँ से निकलते सभी लोगों ने की लेकिन शासन,प्रशासन के कानों तक यह आवाज नहीं पहुँची न ही कोई आधिकारिक कर्मचारी ने इन छात्राओ के पास आने की जहमत उठाई।

बाइट--स्कूली छात्राएं,निर्मला स्कूल
बाइट--सिस्टर ललिता कुजूर,प्रिंसपल,निर्मला शाला
बाइट--स्थानीय नागरिक
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