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सरकारी विकलांगता की भेंट चढ़ा विश्व दिव्यांगता दिवस, भीड़ जुटाने के लिए रैली में शामिल किये गए भिखारी

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Published : Dec 3, 2019, 6:35 PM IST

Updated : Dec 3, 2019, 9:07 PM IST

मंडला में विश्व दिव्यांगता दिवस के मौके पर सामाजिक न्याय विभाग और शिक्षा विभाग ने रैली का आयोजन किया था. जिसमें खानापूर्ति के लिए चौक पर बैठने वाले भिक्षुओं को बुलाकर शामिल कर लिया गया था.

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सरकारी विकलांगता की भेंट चढ़ा विश्व दिव्यांगता दिवस

मंडला। सरकारी आदेश और आयोजन किस तरह से खानापूर्ति की भेंट चढ़ते हैं, इसका एक नजारा मंडला में देखने को मिला. जहां विश्व दिव्यांगता दिवस के मौके पर आयोजित रैली में चौक पर भीख मांगने वाले भिखारियों को शामिल कर लिया गया. जिन्हें ये भी नहीं पता कि आज किस अवसर पर रैली निकाली जा रही है.

विश्व दिव्यांगता दिवस के नाम पर हुई खानापूर्ति

रैली में शामिल किए गए भिखारी
विश्व दिव्यांगता दिवस के मौके पर सामाजिक न्याय विभाग और शिक्षा विभाग ने रैली का आयोजन किया था. रैली में भीड़ बढ़ाने के लिए चौक पर बैठने वाले भिखारियों को बुलाकर शामिल कर लिया गया था. इस कार्यक्रम की मंशा ऐसी प्रतिभाओं को सामने लाने की थी, जिन्होंने मिसाल कायम की हो, जिससे बाकी दिव्यांगों को भी हौसला मिल सके, लेकिन इस कार्यक्रम में ऐसा कुछ नहीं हुआ.

इस वजह से मनाया जाता है विश्व दिव्यांगता दिवस
दुनियाभर में हर साल 3 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया जाता है. साल 1992 के बाद से विश्व विकलांग दिवस दिव्यांग व्यक्तियों के प्रति करुणा और विकलांगता के मुद्दों की स्वीकृति को बढ़ावा देने और उन्हें आत्म-सम्मान, अधिकार और विकलांग व्यक्तियों के बेहतर जीवन के लिए समर्थन प्रदान करने के लिए एक उद्देश्य के साथ मनाया जाता है.

मंडला। सरकारी आदेश और आयोजन किस तरह से खानापूर्ति की भेंट चढ़ते हैं, इसका एक नजारा मंडला में देखने को मिला. जहां विश्व दिव्यांगता दिवस के मौके पर आयोजित रैली में चौक पर भीख मांगने वाले भिखारियों को शामिल कर लिया गया. जिन्हें ये भी नहीं पता कि आज किस अवसर पर रैली निकाली जा रही है.

विश्व दिव्यांगता दिवस के नाम पर हुई खानापूर्ति

रैली में शामिल किए गए भिखारी
विश्व दिव्यांगता दिवस के मौके पर सामाजिक न्याय विभाग और शिक्षा विभाग ने रैली का आयोजन किया था. रैली में भीड़ बढ़ाने के लिए चौक पर बैठने वाले भिखारियों को बुलाकर शामिल कर लिया गया था. इस कार्यक्रम की मंशा ऐसी प्रतिभाओं को सामने लाने की थी, जिन्होंने मिसाल कायम की हो, जिससे बाकी दिव्यांगों को भी हौसला मिल सके, लेकिन इस कार्यक्रम में ऐसा कुछ नहीं हुआ.

इस वजह से मनाया जाता है विश्व दिव्यांगता दिवस
दुनियाभर में हर साल 3 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया जाता है. साल 1992 के बाद से विश्व विकलांग दिवस दिव्यांग व्यक्तियों के प्रति करुणा और विकलांगता के मुद्दों की स्वीकृति को बढ़ावा देने और उन्हें आत्म-सम्मान, अधिकार और विकलांग व्यक्तियों के बेहतर जीवन के लिए समर्थन प्रदान करने के लिए एक उद्देश्य के साथ मनाया जाता है.

Intro:मण्डला में विश्व विकलांग दिवस पर सामाजिक न्याय विभाग और शिक्षा विभाग का अनोखा ही नजारा तब सामने आया जब उदय चौक से निकाली जाने वाली रैली में चौक पर बैठने वाले भिक्षुओं को बुलाकर शामिल कर लिया गया जिन्हें यह भी नहीं पता कि आज किस अवसर पर रैली निकाली जा रही है


Body:सरकारी आदेश और आयोजन किस तरह से खानापूर्ति की भेंट चढ़ते हैं यह देखा गया मंडला में आयोजित अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस पर आयोजित रैली में जब दिव्यांगों की पूर्ति करने के लिए आनन-फानन में ही चौक पर सालों से भिक्षा मांग कर अपना गुजर-बसर करने वाले तीन भिखारियों को बुलाकर रैली में शामिल किया गया और उनसे शिक्षा विभाग से के के उपाध्याय जिनका सामाजिक न्याय विभाग से कुछ लेना देना ही नहीं है कि द्वारा समस्याएं पूछकर आवास और साइकिल देने का भरोसा दिलाया गया भिक्षुओं के अनुसार विकलांग होने के चलते सालों से भिक्षा मांगते आए हैं

3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस घोषित किए जाने और मनाने के पीछे की मंशा जो भी रही हो लेकिन जिले में ऐसी प्रतिभाएं भी हैं जो विकलांग होते हुए भी नियति के आगे हार ना मानते हुए संघर्ष के सहारे बहुत कुछ कर रही हैं आज जरूरत थी इन्हें उन विकलांग के सामने लाने की और उनकी मेहनत की दास्तां बता कर दूसरे विकलांग जनों को प्रेरित करने का माध्यम इन्हें बनाए जाने की ना की वीडियो और फोटो खिंचा ने भिखारियों को रैली में शामिल कर भीड़ बनाई जाती


Conclusion:मंडला जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर भीम डोंगरी के माध्यमिक शाला में आठवीं कक्षा के दोनों हाथों में जान नहीं है जो अपने पैरों से लिखाई पढ़ाई करती है जब ईटीवी भारत के द्वारा उपस्थित जिम्मेदारों से उसे ना बुलाए जाने के संबंध में बात की गई तो आनन-फानन में फोन घनघनाने चालू हुए और हमारे द्वारा द्रोपती का नाम, पता और स्कूल बताया गया तब विशेष व्यवस्था कर उसे बुलाने की बात कही गई जो यह दर्शाता है कि दिव्यांग दिवस की तैयारी भी जिम्मेदारों की विकलांगता की भेंट चढ़ चुकी है

बाईट--के के उपाध्याय एपीसी मण्डला
बाईट--अनिल कोचर,उप संचालक सामाजिक न्याय विभाग
बाईट--रामदयाल कछवाहा,भिक्षुक
Last Updated : Dec 3, 2019, 9:07 PM IST
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