मण्डला। प्याज को काटते वक्त आपकी आखों से आसू जरुर निकलते होंगे. लेकिन अब इसे खरीदते ही आसू निकलने लगेंगे. क्योंकि प्याज आम आदमी की पहुंच से दूर होती जा रही है. प्याज की कीमत आसमान छू रही है और लोगों को आसू आ रहे हैं. मध्यप्रदेश में भी प्याज की बढ़ी कीमतों का असर देखने को मिल रहा है.
मण्डला में तो प्याज का स्टॉक खत्म हो चुका है, तो छिंदवाड़ा, जबलपुर, सिवनी या बाहर से प्याज आ नहीं रही. जिसके चलते थोक और चिल्हर व्यापारियों की मुसीबतें लगातार बढ़ रहीं है. भले ही प्याज बाजार में उपलब्ध हो लेकिन उसकी कीमत आम आदमी की जेब से बाहर है. क्योंकि प्रदेशभर में एक किलों प्याज की कीमत करीब 60 रुपये तक पहुंच गयी है.
प्याज की कीमतें बीते एक हफ्ते में तीन गुना तक बढ़ गयी हैं. खुदरा मूल्य प्याज का 60 रुपये तक जा चुका. तो थोक में भी इसके दाम 50 से 55 रुपये किलो चल रहे हैं. व्यापारियों के अनुसार मण्डला जिले के कुछ ही गांवों में प्याज लगाई जाती है और उनके किसान अपनी प्याज को सीधे बाजार में लाकर बेच चुके हैं. इस कारण मण्डला की पूरी मंडी अब दूसरे जिलों से आने वाली प्याज पर ही निर्भर है.
व्यापारियों का कहना है कि जो प्याज बची है या आ रही वह बहुत महंगी है और ग्राहक 60 रुपए किलो में प्याज ले ही नहीं पा रहा. जो ग्राहक पहले पांच किलो करीब प्याज लेता था वो अब 1 या आधा किलो ही ले रहा है. ग्राहकों और व्यापारियों की मजबूरी एक ही है, इसकी महंगी कीमत जिसके चलते प्याज अब थाली से गायब हो चली है और हर सब्जी में डाली जाने वाली प्याज बिना काटे ही लोगों को आंसू बहाने को मजबूर कर रही है.