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मण्डला में भी दिख रहा प्याज की बढ़ी कीमतों का असर, आम-आदमी की पहुंच से बाहर - Finished onion stock

मण्डला में प्याज की कीमत 60 रुपए पहुंच चुकी है. जिले में प्याज का स्टाक खत्म हो चुका है और नई खेप पहुंच नहीं रही है. ऐसे में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मण्डला
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Published : Sep 25, 2019, 8:44 PM IST

मण्डला। प्याज को काटते वक्त आपकी आखों से आसू जरुर निकलते होंगे. लेकिन अब इसे खरीदते ही आसू निकलने लगेंगे. क्योंकि प्याज आम आदमी की पहुंच से दूर होती जा रही है. प्याज की कीमत आसमान छू रही है और लोगों को आसू आ रहे हैं. मध्यप्रदेश में भी प्याज की बढ़ी कीमतों का असर देखने को मिल रहा है.

मण्डला में प्याज की कीमत 60 रुपए पहुंच चुकी है

मण्डला में तो प्याज का स्टॉक खत्म हो चुका है, तो छिंदवाड़ा, जबलपुर, सिवनी या बाहर से प्याज आ नहीं रही. जिसके चलते थोक और चिल्हर व्यापारियों की मुसीबतें लगातार बढ़ रहीं है. भले ही प्याज बाजार में उपलब्ध हो लेकिन उसकी कीमत आम आदमी की जेब से बाहर है. क्योंकि प्रदेशभर में एक किलों प्याज की कीमत करीब 60 रुपये तक पहुंच गयी है.

प्याज की कीमतें बीते एक हफ्ते में तीन गुना तक बढ़ गयी हैं. खुदरा मूल्य प्याज का 60 रुपये तक जा चुका. तो थोक में भी इसके दाम 50 से 55 रुपये किलो चल रहे हैं. व्यापारियों के अनुसार मण्डला जिले के कुछ ही गांवों में प्याज लगाई जाती है और उनके किसान अपनी प्याज को सीधे बाजार में लाकर बेच चुके हैं. इस कारण मण्डला की पूरी मंडी अब दूसरे जिलों से आने वाली प्याज पर ही निर्भर है.

व्यापारियों का कहना है कि जो प्याज बची है या आ रही वह बहुत महंगी है और ग्राहक 60 रुपए किलो में प्याज ले ही नहीं पा रहा. जो ग्राहक पहले पांच किलो करीब प्याज लेता था वो अब 1 या आधा किलो ही ले रहा है. ग्राहकों और व्यापारियों की मजबूरी एक ही है, इसकी महंगी कीमत जिसके चलते प्याज अब थाली से गायब हो चली है और हर सब्जी में डाली जाने वाली प्याज बिना काटे ही लोगों को आंसू बहाने को मजबूर कर रही है.

मण्डला। प्याज को काटते वक्त आपकी आखों से आसू जरुर निकलते होंगे. लेकिन अब इसे खरीदते ही आसू निकलने लगेंगे. क्योंकि प्याज आम आदमी की पहुंच से दूर होती जा रही है. प्याज की कीमत आसमान छू रही है और लोगों को आसू आ रहे हैं. मध्यप्रदेश में भी प्याज की बढ़ी कीमतों का असर देखने को मिल रहा है.

मण्डला में प्याज की कीमत 60 रुपए पहुंच चुकी है

मण्डला में तो प्याज का स्टॉक खत्म हो चुका है, तो छिंदवाड़ा, जबलपुर, सिवनी या बाहर से प्याज आ नहीं रही. जिसके चलते थोक और चिल्हर व्यापारियों की मुसीबतें लगातार बढ़ रहीं है. भले ही प्याज बाजार में उपलब्ध हो लेकिन उसकी कीमत आम आदमी की जेब से बाहर है. क्योंकि प्रदेशभर में एक किलों प्याज की कीमत करीब 60 रुपये तक पहुंच गयी है.

प्याज की कीमतें बीते एक हफ्ते में तीन गुना तक बढ़ गयी हैं. खुदरा मूल्य प्याज का 60 रुपये तक जा चुका. तो थोक में भी इसके दाम 50 से 55 रुपये किलो चल रहे हैं. व्यापारियों के अनुसार मण्डला जिले के कुछ ही गांवों में प्याज लगाई जाती है और उनके किसान अपनी प्याज को सीधे बाजार में लाकर बेच चुके हैं. इस कारण मण्डला की पूरी मंडी अब दूसरे जिलों से आने वाली प्याज पर ही निर्भर है.

व्यापारियों का कहना है कि जो प्याज बची है या आ रही वह बहुत महंगी है और ग्राहक 60 रुपए किलो में प्याज ले ही नहीं पा रहा. जो ग्राहक पहले पांच किलो करीब प्याज लेता था वो अब 1 या आधा किलो ही ले रहा है. ग्राहकों और व्यापारियों की मजबूरी एक ही है, इसकी महंगी कीमत जिसके चलते प्याज अब थाली से गायब हो चली है और हर सब्जी में डाली जाने वाली प्याज बिना काटे ही लोगों को आंसू बहाने को मजबूर कर रही है.

Intro:मण्डला जिले में होने वाली प्याज का स्टॉक खत्म हो चुका है और छिंदवाड़ा, जबलपुर,सिवनी या बाहर से प्याज आ नहीं रही जिसके चलते थोक और चिल्हर व्यापारियों की मुसीबतें लगातार बढ़ रही है और जो प्याज बाजार में उपलब्ध है उसकी कीमत 60 रुपये तक पहुँच गयी है वहीं ग्राहक इन्हें लेने भी नहीं आ रहे


Body:गरीबों की थाली में यदी प्याज और रोटी हो जाए तो उसे 56 भोग की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन ये प्याज अब आम आदमी की पहुँच से बहुत दूर हो चली है और आलम यह है कि प्याज के व्यापारियों की हालत पतली है क्योंकि मण्डला जिले में आसपास के गाँवों से आने वाली प्याज का स्टॉक खत्म हो गया है और बाहर से आने वाली प्याज उत्पादन नहीं होने के चलते मण्डला में आ ही नही रही और इसकी कीमतें बीते एक हफ्ते में तीन गुनी बढ़ गयी है आज खुदरा मूल्य प्याज का 60 रुपये तक जा चुका है वहीं प्याज की थोक में ही कीमत 50 से 55 रुपये किलो चल रही है,व्यापारियों के अनुसार मण्डला जिले के कुछ ही गाँवों में प्याज लगाई जाती है और उनके किसान अपनी प्याज को सीधे बाज़ार में लाकर बेच चुके इस कारण मण्डला की पूरी मंडी अब दूसरे जिलों से आने वाली या नाशिक की प्याज पर निर्भर है लेकिन जहाँ बारिश ने प्याज की फसल खराब कर दी वहीं रास्ते मे बरसात में फंसी प्याज भी मण्डला नहीं आ पा रही और प्याज का धंधा करने वाले व्यापारी खाली बैठे हुए हैं,व्यापारियों का कहना है कि जो प्याज बची है या आ रही वह बहुत महॅंगी है और ग्राहक 60 रुपए किलो में प्याज ले ही नहीं पा रहा और जो ग्राहक पहले 5 किलो करीब प्याज लेता था वो अब 1 या आधा किलो ही ले रहा,ग्राहकों और व्यापारियों की मजबूरी एक ही है इसकी महंगी कीमत जिसके चलते प्याज अब थाली से गायब हो चली है और हर सब्जी में डाली जाने वाली प्याज बिना काटे ही लोगों को आँसू बहाने को मजबूर कर रही है


Conclusion:मण्डला की मंडी बाहरी मंडियों पर निर्भर है और जब तक बाहर से प्याज की आपूर्ति नहीं होगी तब तक व्यापारी भी परेशान रहेंगे और इनकी दुकानों में ऐसे ही सन्नाटा पसरा रहेगा,साथ ही प्याज की कीमतों में लगाम भी नहीं लग पाएगी

बाईट--सुभाष बर्बे,सब्जी दुकानदार
बाईट--उमाशंकर सिंधिया, अध्यक्ष थोक व्यापारी संघ।
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