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टिकरवारा में नदी में डूबा व्यक्ति, लोगों ने शव रखकर किया चक्काजाम

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Published : Oct 26, 2020, 12:42 AM IST

मंडला जिले के टिकरवारा में रहने वाले सेवक राम विश्कर्मा (55 साल) हिरदेनगर फसल कटाई के औजार हसिया में धार लगवाने जा रहे थे और कच्चे पुल के टूटे-फूटे हिस्से से नदी को पार कर रहे थे और अचानक गहरी नदी में समा गए और डूबने से उनकी मौत हो गई.

Tikarwara mandla district
चक्काजाम

मंडला। हिरदेनगर से टिकरवारा में बंजर नदी पर पुल की मांग दशकों पुरानी है, बीते विधानसभा चुनाव के समय यहां पुल निर्माण का भूमि पूजन भी वर्तमान राज्यसभा सांसद सम्पतिया उइके और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के द्वारा किया गया था, लेकिन चुनावी अधिसूचना उसी दिन लगने के चलते निर्माण शिला को हटा दिया गया. इसके बाद दर्जनों बार ग्रामीणों के द्वारा मांग के बाद भी कभी यहां पुल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ और इस बंजर नदी ने एक और व्यक्ति की बलि ले ली.

लापरवाही ने ली ग्रामीण की जान
जानकारी के अनुसार टिकरवारा में रहने वाले सेवक राम विश्कर्मा (55 साल) हिरदेनगर फसल कटाई के औजार हसिया में धार लगवाने जा रहे थे और कच्चे पुल के टूटे-फूटे हिस्से से नदी को पार कर रहे थे और अचानक गहरी नदी में समा गए और डूबने से उनकी मौत हो गई, जिसके बाद ग्रामीणों ने यहां जमकर हंगामा किया और पुलिस के खिलाफ मृतक के शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम किया, ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से यहां बंजर नदी के बहुत से घाटों से अवैध रेत निकाली जाती है और नदियों के भीतर गहराई तक खोद लिया जाता है, और इसी निकाली गई रेत से बने गड्ढे का अंदाजा मृतक को नहीं हो पाया और वो डूबकर काल के गाल में समा गए.

ग्रामीणों के अनुसार रेत के अवैध परिवहन की पुलिस प्रशासन को कई बार सूचना दी गई वहीं शिकायत के साथ मौके से फोन भी लगाया गया, लेकिन पुलिस इन पर कार्रवाई नहीं करती न माईनिंग विभाग के द्वारा कोई ध्यान दिया जाता और नदी के भीतर बने गड्ढे मवेशियों और इंसानों कि मौत की वजह बनते हैं.

ग्रामीणों के हंगामे और चक्काजाम की खबर पर पुलिस और प्रशासन घटना स्थल पर पहुंचा और एसडीओपी ने रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर रोक लगाने की बात कही, वहीं तहसीलदार अनिल जैन ने दो दिन बाद कच्चा पुल बनाने के साथ ही यह जानकारी दी कि पक्के पुल निर्माण का टेंडर हो चुका है, एक महीने के बाद इसका निर्माण भी शुरू होगा.

मंडला। हिरदेनगर से टिकरवारा में बंजर नदी पर पुल की मांग दशकों पुरानी है, बीते विधानसभा चुनाव के समय यहां पुल निर्माण का भूमि पूजन भी वर्तमान राज्यसभा सांसद सम्पतिया उइके और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के द्वारा किया गया था, लेकिन चुनावी अधिसूचना उसी दिन लगने के चलते निर्माण शिला को हटा दिया गया. इसके बाद दर्जनों बार ग्रामीणों के द्वारा मांग के बाद भी कभी यहां पुल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ और इस बंजर नदी ने एक और व्यक्ति की बलि ले ली.

लापरवाही ने ली ग्रामीण की जान
जानकारी के अनुसार टिकरवारा में रहने वाले सेवक राम विश्कर्मा (55 साल) हिरदेनगर फसल कटाई के औजार हसिया में धार लगवाने जा रहे थे और कच्चे पुल के टूटे-फूटे हिस्से से नदी को पार कर रहे थे और अचानक गहरी नदी में समा गए और डूबने से उनकी मौत हो गई, जिसके बाद ग्रामीणों ने यहां जमकर हंगामा किया और पुलिस के खिलाफ मृतक के शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम किया, ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से यहां बंजर नदी के बहुत से घाटों से अवैध रेत निकाली जाती है और नदियों के भीतर गहराई तक खोद लिया जाता है, और इसी निकाली गई रेत से बने गड्ढे का अंदाजा मृतक को नहीं हो पाया और वो डूबकर काल के गाल में समा गए.

ग्रामीणों के अनुसार रेत के अवैध परिवहन की पुलिस प्रशासन को कई बार सूचना दी गई वहीं शिकायत के साथ मौके से फोन भी लगाया गया, लेकिन पुलिस इन पर कार्रवाई नहीं करती न माईनिंग विभाग के द्वारा कोई ध्यान दिया जाता और नदी के भीतर बने गड्ढे मवेशियों और इंसानों कि मौत की वजह बनते हैं.

ग्रामीणों के हंगामे और चक्काजाम की खबर पर पुलिस और प्रशासन घटना स्थल पर पहुंचा और एसडीओपी ने रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर रोक लगाने की बात कही, वहीं तहसीलदार अनिल जैन ने दो दिन बाद कच्चा पुल बनाने के साथ ही यह जानकारी दी कि पक्के पुल निर्माण का टेंडर हो चुका है, एक महीने के बाद इसका निर्माण भी शुरू होगा.

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