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'देश की आत्मा' से दूर सरकारी योजनाएं, जागरूकता के अभाव में बीमारियों की जद में ग्रामीण महिलाएं

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Published : Nov 18, 2019, 1:34 AM IST

Updated : Nov 19, 2019, 11:21 AM IST

मंडला जिला मुख्यालय में 7 से 14 नवंबर तक मेगा हेल्थ कैम्प चलाकर एक सप्ताह में कटरा अस्पताल में 144 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया. जागरूकता के अभाव में ये महिलाएं बीमारी से ग्रसित हो रही हैं.

ग्रामीण महिलाओं में जागरुकता की आवश्यकता

मण्डला। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में बच्चेदानी खिसकने के अलावा संक्रमण और ट्यूमर के लक्षण मिले हैं, इसका खुलासा भी तब हुआ, जब जिले में मेगा जांच कैंप लगाया गया था, जिसके बाद एक हफ्ते में करीब 144 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया, कई महिलाओं में 500 ग्राम से लेकर 4 किलो तक के ट्यूमर निकले हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं तक योजनाओं को पहुंचाने में नाकाम साबित हो रहा है, जिसके चलते ये महिलाएं बीमारी की जद में आ रही हैं.

ग्रामीण महिलाओं में जागरुकता की आवश्यकता

आखिर क्यों हुआ 144 महिलाओं का ऑपरेशन
जिला मुख्यालय में 7-14 नवंबर तक मेगा हेल्थ कैम्प चलाकर एक सप्ताह में कटरा अस्पताल में 144 महिलाओं के ऑपरेशन किये गए. जिन्हें कई सालों से पेट में ट्यूमर था. इन महिलाओं के साथ ही विभाग को भी नहीं पता था कि आखिर ये कितनी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. इसका बड़ा कारण ग्रामीण इलाकों में जागरुकता की कमी है.

महिलाओं में जागरुकता की जरुरत
ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर्स के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को अगर इन सभी बातों को लेकर जागरूक किया जाए तो वो खुद इन गंभीर बीमारियों से बच सकती हैं. वहीं महिलाओं में जागरूकता लाने के लिए अस्पताल में होने वाली डिलेवरी की संख्या 100 प्रतिशत करनी होगी. महिला रोग विशेषज्ञ के अनुसार मंडला जिले की महिलाओं में ये बीमारी बहुत ही ज्यादा चिंता का विषय है, क्योंकि लगातार संक्रमण और अनियमित माहवारी में खून बहने से यहां कुपोषण का प्रतिशत भी महिलाओं में ज्यादा देखा जा रहा है.

जिले में 17% बच्चे कुपोषण
जिले के बच्चों में कुपोषण 17% हैं, वहीं महिलाओं में जागरूकता के आभाव के चलते 7 दिन चलने वाले शिविर में 144 महिलाओं के ऑपरेशन करने पड़ते हैं. ऐसे में महिला एंव बाल विकास विभाग सवालों के घेरे में है क्योंकि सरकार की इतनी सारी योजनाएं इन महिलाओं तक क्यों नहीं पहुंच पर रही. इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है.

मण्डला। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में बच्चेदानी खिसकने के अलावा संक्रमण और ट्यूमर के लक्षण मिले हैं, इसका खुलासा भी तब हुआ, जब जिले में मेगा जांच कैंप लगाया गया था, जिसके बाद एक हफ्ते में करीब 144 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया, कई महिलाओं में 500 ग्राम से लेकर 4 किलो तक के ट्यूमर निकले हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं तक योजनाओं को पहुंचाने में नाकाम साबित हो रहा है, जिसके चलते ये महिलाएं बीमारी की जद में आ रही हैं.

ग्रामीण महिलाओं में जागरुकता की आवश्यकता

आखिर क्यों हुआ 144 महिलाओं का ऑपरेशन
जिला मुख्यालय में 7-14 नवंबर तक मेगा हेल्थ कैम्प चलाकर एक सप्ताह में कटरा अस्पताल में 144 महिलाओं के ऑपरेशन किये गए. जिन्हें कई सालों से पेट में ट्यूमर था. इन महिलाओं के साथ ही विभाग को भी नहीं पता था कि आखिर ये कितनी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. इसका बड़ा कारण ग्रामीण इलाकों में जागरुकता की कमी है.

महिलाओं में जागरुकता की जरुरत
ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर्स के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को अगर इन सभी बातों को लेकर जागरूक किया जाए तो वो खुद इन गंभीर बीमारियों से बच सकती हैं. वहीं महिलाओं में जागरूकता लाने के लिए अस्पताल में होने वाली डिलेवरी की संख्या 100 प्रतिशत करनी होगी. महिला रोग विशेषज्ञ के अनुसार मंडला जिले की महिलाओं में ये बीमारी बहुत ही ज्यादा चिंता का विषय है, क्योंकि लगातार संक्रमण और अनियमित माहवारी में खून बहने से यहां कुपोषण का प्रतिशत भी महिलाओं में ज्यादा देखा जा रहा है.

जिले में 17% बच्चे कुपोषण
जिले के बच्चों में कुपोषण 17% हैं, वहीं महिलाओं में जागरूकता के आभाव के चलते 7 दिन चलने वाले शिविर में 144 महिलाओं के ऑपरेशन करने पड़ते हैं. ऐसे में महिला एंव बाल विकास विभाग सवालों के घेरे में है क्योंकि सरकार की इतनी सारी योजनाएं इन महिलाओं तक क्यों नहीं पहुंच पर रही. इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है.

Intro:मण्डला जिले की महिलाएं बच्चादानी खिसकने,उसमें संक्रमण के साथ ही ट्यूमर की बीमारियों से लगातार पीड़ित हो रही हैं और सरकार के साथ ही प्रशासन जगरूकता के ढोंग में व्यस्त है बात बीते एक हफ्ते की करें तो यहाँ 144 महिलाओं के हुए ऑपरेशन यह बताने को काफी हैं कि जमीनी स्तर पर योजनाओं के लाभ से ये महिलाएं वंचित हैं


Body:मण्डला में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में यूट्रस की डिसीज बड़ी संख्या में देखी जा रही हैं यहाँ की महिलाओं में बच्चादानी में संक्रमण, बच्चादानी का नीचे खिसक जाना और 5 सौ ग्राम से लेकर 4 किलो तक के टयूमर निकलने की शिकायतें बड़ी संख्या में आ रही हैं जो बताने को काफी है कि स्वास्थ्य विभाग के साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लाखो रुपये जगरूकता के नाम पर खर्च तो किये जा रहे हैं लेकिन उनका नतीजा सिफर ही आ रहा,जिला मुख्यालय में
7 नबम्बर से 14 नबम्बर तक मेगा हेल्थ कैम्प चला एक सप्ताह में कटरा अस्पताल में 144 महिलाओं के ऑपरेशन किये गए जो कई सालों से पेट मे ट्यूमर लिए घूम रही थी और इन महिलाओं के साथ ही विभाग को भी नहीं पता था कि आखिर ये कितनी गंभीर बात है क्योंकि इन ग्रामीण क्षेत्रों तक जागरूकता की वो अलख ही नहीं पहुँची जिसमें माहवारी के दौरान पेड का प्रयोग, साफ सफाई और बच्चे के जन्म से पहले और बाद में किस तरह की स्वक्षता और सावधानियां रखी जानी चाहिए,इन ऑपरेशन को करने वाले डॉक्टर्स के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को यदी इन सब बातों को लेकर जागरूक किया जाए तो वे खुद इन गंभीर बीमारियों से बच सकती हैं वहीं महिलाओं में जागरूकता लाने के लिए अस्पताल में होने वाली डिलेबरी की संख्या सौ प्रतिशत करनी होगी,महिला रोग विशेषज्ञ के अनुसार मण्डला जिले की महिलाओं में यह बीमारी बहुत ही ज्यादा चिंता का विषय है क्योंकि लगातार संक्रमण और अनियमित माहवारी में खून बहने से यहाँ कुपोषण का प्रतिशत भी महिलाओं में ज्यादा देखा जा रहा है।


Conclusion:जिले में बच्चों के कुपोषण के मामले में प्रतिशत 17 है वहीं महिलाओं में जागरूकता के आभाव के चलते 7 दिन चलने वाले शिविर में 144 महिलाओं के ऑपरेशन करने पड़ते हैं ऐसे में यह समझ से परे है कि आखिर महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा किन योजनाओं को संचालित किया जा रहा है और किस तरह की जगरूकता लाने के लिए दुनिया भर के कार्यक्रमों के ढोंग रचे जा रहे हैं।

बाईट--डॉ जगदीश चंद्र जटिया कलेक्टर मण्डला
बाईट--डॉ भींगादभे,गायक्लोनोजिस्ट
बाईट--डॉ विनीता घनघोरिया, असिस्टेंट प्रोफेसर,मेडिकल कॉलेज जबलपुर
Last Updated : Nov 19, 2019, 11:21 AM IST
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