मंडला। आज गंगा दशहरा मनाया जा रहा है. आज के दिन श्रद्धालु दूर-दूर से गंगा में डुबकी लगाने आते हैं. वहीं माना जाता है कि साल में एक बार दशहरा के दिन वो नर्मदा से मिलने जरूर आएंगी, इसलिए आज के दिन मां नर्मदा की भी महत्वता बढ़ जाती है. लोग नर्मदा में डुबकी लगाने आते हैं. लेकिन, नर्मदा धीरे धीरे घाटों से दूर जाती जा रही हैं. बीते तीन सालों में जून के महीने का यह नर्मदा का सबसे कम जल स्तर है-
⦁ 31 मई 2017 को नर्मदा का जल स्तर 433.000 मीटर
⦁ 31 मई 2018 को 433.000 मीटर
⦁ 31 मई 2019 को 432.440 मीटर
⦁ 10 जून 2017 को 432.960 मीटर
⦁ 10 जून 2018 को 433.100 मीटर
⦁ 10 जून 2019 को 432.390 मीटर दर्ज किया गया
बेतरतीब निर्माण कार्य और कंक्रीट जंगलों को बनाने के लिए प्राकृतिक वनों को काट दिया गया, जिसकी वजह से नर्मदा का जलस्तर लगातार कम हो रहा है. हाइड्रोलॉजिस्ट अजय खोत के मुताबिक रेत की वजह से नदियों का जल सूख रहा है. भूगर्भीय जल स्रोत विशेषज्ञ की सलाह पर अमल कर वाटर हार्वेस्टिंग की तकनीक अपनाई गई तो शायद यह नर्मदा बच सके, वरना आने वाला भविष्य भी सूखा होगा.