मंडला। जिले में प्रशासन के छूट देने के बाद भी जिले में कई क्षेत्रों के व्यापारियों ने आपसी सहमति से 7 दिन का टोटल लॉक डाउन करने का निर्णय लिया है. लोगों की सुरक्षा को देखते हुए सबने मिलकर ये फैसला लिया है. इस दौरान सभी तरह की दुकानें बंद हैं और फालतू घूमने वालों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. जबकि अति आवश्यक चीजों और सेवाओं को नहीं रोका जा रहा है.
मंडला में पहला कोरोना पॉजिटिव 10 मई को सामने आया था. जिसके बाद जिला ओरेंज जोन में आ गया. हालांकि इसके बाद भी प्रशासन ने लॉक डाउन में पिंडरई को छोड़ कर पूरे जिले में रियायत दी है. लेकिन नैनपुर, घुघरी तहसील, रामनगर, सलवाह सहित ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं, जहां के निवासियों और व्यापारियों ने आपसी सहमति से 7 दिन का टोटल लॉक डाउन किया है.
लॉक डाउन करने वाले निवासियों और व्यापारियों का कहना है कि पॉजिटिव मरीज नागपुर से मंडला बस से आया था. जिसके साथ जिले में अलग-अलग क्षेत्रों से करीब अन्य मजदूर भी आए थे. ऐसे में एहतियातन उन्होंने लॉक डाउन का फैसला लिया है. वहीं पुलिस अधीक्षक ने कहा कि दुकानें खोलने, न खोलने का फैसला व्यापारियों का निजी फैसला हो सकता है, लेकिन सड़कें बंद किया जाना गैर कानूनी है.