मंडला। सोमवार को सफाई कर्मचारियों ने अपनी 18 सूत्रीय लंबित मांगों को पूरा होता न देख अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल में नगर पालिक मंडला के 250 से ज्यादा सफाई कर्मचारी शामिल हैं. इस हड़ताल में अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस संगठन भी शामिल है. नगरपालिका टाऊन हॉल में मजदूर कांग्रेस संगठन ने मीडिया के माध्यम से कर्मचारियों की मांगें को लेकर अपनी बात रखी. इस हड़ताल को लेकर सफाई कर्मचारी संगठन ने बताया कि समय-समय पर हमारे संगठन ने मांग पत्र दिए, लेकिन शासन ने कोई निराकरण और चर्चा नहीं की. इससे सफाई कर्मचारियों में अत्यधिक रोष व्याप्त है.
18 सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलनः संगठन ने कहा कि प्रदेश संगठन के आह्वान पर हम 18 सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलन कर रहे है और एक बार फिर लोकतांत्रिक तरीके से हम अपनी मांगों को सीएम तक मीडिया के माध्यम पहुंचा रहे है, ताकि शीघ्र हमारी मांगों का निराकरण करें. संगठन की मुख्य मांगों में 2005 से पुरानी पेंशन योजना को लागू करना है. साथ ही सफाई ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग है. कर्चचारियों को स्थायी तौर पर भर्ती करने की भी मांग की जा रही है. सफाई मित्र, संविदा, अंशकालीन, रोस्टर या आउटसोर्स कर्मचारियों को परमानेंट करने की डिमांड यह संगठन कर रहा है.
अन्य मांगों में स्वेच्छा सेवा निवृत्ति, सफाई कर्मचारियों की सीधी भर्ती, समान पद समान वेतन की मांग है. इसके अलावा महंगाई को देखते हुए नियमित कर्मचारी के बराबर वेतन भुगतान की मांग, उप-सवास्थ्य पर्यवेक्षक और सेनेटरी इंस्पेक्टर के पदों पर प्रमोशन और सीधी भर्ती में सफाई जाति वर्ग को प्राथमिकता देने की मांग शामिल है.
सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का असर अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के जिला सचिव श्याम वाल्मीकि ने कहा कि, ''हम सोमवार से अपनी मांगों को लेकर सफाई कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का शुरू की है. ये हड़ताल तब तक चलेगी, जिस हमारी मांगों को मना नहीं जाएगा.'' हड़ताल से सबसे ज्यादा शहर की सफाई व्यवस्था प्रभावित होगी क्योंकि अगर ये कर्मचारी काम पर नहीं आए तो कचरा नहीं उठेगा और शहर में गंदगी बढ़ेगी.