मंडला। सूबे की आदिवासी बाहुल्य मंडला लोकसभा सीट पर 29 अप्रैल को मतदान होना है. मतदान के लिए पूरे संसदीय क्षेत्र में निर्वाचन आयोग द्वारा स्वीप प्लान भी चलाया जा रहा है. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव और हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के वक्त मंडला के ग्रामीण क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत बहुत कम रहा था. जिससे इस बार यहां मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अधिकारी जोर आजमाइश करते नजर आ रहे हैं.
2014 के लोकसभा चुनाव में मंडला संसदीय क्षेत्र के मतदान प्रतिशत के आंकड़ों पर नजर डाले, तो यहां कई गांवों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था. जिससे उन गांवों में मतदान का प्रतिशत शून्य ही रहा. बिछिया विधानसभा क्षेत्र के सैलवारा गांव में 4.30 % मतदान, लालपुर गांव में 3 प्रतिशत, देवहारा में 24 प्रतिशत, पांडकला में 25 प्रतिशत से भी कम मतदान हुआ था. कुछ ऐसा ही हाल विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला था. जहां कई स्थानों पर मतदान का प्रतिशत 50 प्रतिशत से भी कम रहा था.
विकास की धीमी रफ्तार की वजह से जिले के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोग मतदान का बहिष्कार की चेतावनी दी है. सड़क और पानी दो ऐसे मुद्दे है जिन पर ग्रामीण जनप्रतिनधियों और शासन से सबसे ज्यादा नाराज नजर आते हैं. इस बार भी कई गांव के लोगों ने बिजली, पानी, बेरोजगारी, सड़क जैसे विकास के कई मुद्दों पर काम न होने से मतदान के बहिष्कार का मन बना लिया है.
निर्वाचन आयोग मतदान का प्रतिशत बढ़ाने जोर दे रहा है. निर्वाचन आयोग के स्वीप प्लान प्रभारी और निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि जिन गांवों में पिछली बार मतदान का प्रतिशत कम रहा था. इस बार वहां हम मतदान प्रतिशत बढाएंगे. निर्वाचन आयोग के अधिकारी भले ही मतदान प्रतिशत बढ़ाने की बात कह रहे हों. लेकिन इलाके के विकास की अनदेखी से ग्रामीण लगातार मतदान बहिष्कार की बात कह रहे हैं देखना दिलचस्प होगा कि मंडला के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकारी इस बार मतदान प्रतिशत बढ़ा पाते है या नहीं.