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MP कान्हा टाइगर रिजर्व में एक और बाघ ने दम तोड़ा, मौत की वजह वर्चस्व की लड़ाई या कुछ और

Kanha Reserve tiger dies : मध्यप्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व में एक और बाघ की मौत हो गई. उसके शरीर पर चोटों के गहरे निशान हैं. माना जा रहा है बाघों की वर्चस्व की लड़ाई में उसकी मौत हुई है. Kanha Reserve tiger dies

Kanha Tiger Reserve Another tiger dies
एमपी के कान्हा टाइगर रिजर्व में एक और बाघ ने दम तोड़ा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 19, 2024, 10:04 AM IST

मंडला। कान्हा टाइगर रिजर्व के कोर जोन के अंतर्गत कान्हा परिक्षेत्र के खमेरपानी बीट के कक्ष क्रमांक 148 में वन कर्मचारियों को गश्ती के दौरान मादा बाघ का शव मिला है. क्षेत्र संचालक व उप संचालक कान्हा टाइगर रिजर्व द्वारा घटनास्थल का मुआयना किया गया. बाघ का शव एक से दो दिन पुराना है. शव पर चोटों के निशान पाए गए हैं. ये निशान गले, सिर एवं पैरों में हैं. मृत मादा बाघ की अनुमानित आयु 2-3 वर्ष है.

प्रथम दृश्टया ये कारण बताया : बाघ का शव परीक्षण राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रोटोकाल के अनुसार कान्हा टाइगर रिजर्व मंडला के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. संदीप अग्रवाल एवं एनटीसीए के प्रतिनिधि प्रिया वारेकर, एसके सिंह, क्षेत्र संचालक पुनीत गोयल की उपस्थिति में किया गया. आवश्यक अवयव फोरेंसिक जांच हेतु सुरक्षित रखकर सम्पूर्ण अवशेष को जलाकर नष्ट किया गया. प्रथम दृष्टया बाघ की मृत्यु का कारण अन्य बाघ के साथ आपसी लड़ाई लग रहा है. बाघों के वर्चस्व की लड़ाई बहुत घातक होने के कारण ये मौत हो सकती है.

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शाजापुर के बांगली गांव में तेंदुआ : शाजापुर जिले के बांगली गांव में गुरुवार रात जंगली जानवर ने एक नीलगाय का शिकार किया. इसकी जानकारी ग्रामीणों ने वन विभाग को दी है. वन विभाग का अमले बांगली गांव पहुंचा और क्षेत्र की सर्चिंग की गई. वन विभाग की टीम ने क्षेत्र में पिंजरे लगाए हैं. ग्रामीणों को सर्तक रहने को कहा है. ग्रामीणों ने बताया कि एक नील गाय को पीछे से जख्मी हालत में देखा था. इसके बाद उन्होंने एक अजीब सी आवाज भी सुनी. जिस कारण उन्हें आशंका है कि यहां तेंदुआ हो सकता है. हालांकि उसने अभी तक किसी इंसान पर हमला नहीं किया है. वन विभाग के डिप्टी रेंजर ललित उपाध्याय, वनरक्षक सीताराम तिवारी और रेस्क्यू एक्सपर्ट हरीश पटेल ने सर्चिंग की और ग्रामीणों को सतर्क रहने की समझाइश दी.

मंडला। कान्हा टाइगर रिजर्व के कोर जोन के अंतर्गत कान्हा परिक्षेत्र के खमेरपानी बीट के कक्ष क्रमांक 148 में वन कर्मचारियों को गश्ती के दौरान मादा बाघ का शव मिला है. क्षेत्र संचालक व उप संचालक कान्हा टाइगर रिजर्व द्वारा घटनास्थल का मुआयना किया गया. बाघ का शव एक से दो दिन पुराना है. शव पर चोटों के निशान पाए गए हैं. ये निशान गले, सिर एवं पैरों में हैं. मृत मादा बाघ की अनुमानित आयु 2-3 वर्ष है.

प्रथम दृश्टया ये कारण बताया : बाघ का शव परीक्षण राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रोटोकाल के अनुसार कान्हा टाइगर रिजर्व मंडला के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. संदीप अग्रवाल एवं एनटीसीए के प्रतिनिधि प्रिया वारेकर, एसके सिंह, क्षेत्र संचालक पुनीत गोयल की उपस्थिति में किया गया. आवश्यक अवयव फोरेंसिक जांच हेतु सुरक्षित रखकर सम्पूर्ण अवशेष को जलाकर नष्ट किया गया. प्रथम दृष्टया बाघ की मृत्यु का कारण अन्य बाघ के साथ आपसी लड़ाई लग रहा है. बाघों के वर्चस्व की लड़ाई बहुत घातक होने के कारण ये मौत हो सकती है.

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