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लॉकडाउन में भूखों मरता गरीब, बेमौसम बारिश में सड़ता खुले में रखा सरकारी अनाज - ईटीवी भारत की पड़ताल

लॉकडाउन में गरीब-मजदूर दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं, भूख से कितनों की जान चली गई और मंडला में खुले में रखा अनाज बेमौसम बारिश में भीगकर सड़ रहा है, जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

grain wasted due to unseasonal rains
खुले में पड़ा अनाज
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Published : May 31, 2020, 9:32 PM IST

मंडला। मध्यप्रदेश के मंडला जिले में कोरोना महामारी के बीच एक बार फिर बेमौसम बारिश से खरीदी केंद्रों पर खुले में भारी मात्रा में रखा अनाज भीग गया है, मौसम खराब होने के बावजूद खाद्य विभाग के अधिकारी लापरवाही कर रहे हैं.

ईटीवी भारत की पड़ताल

खुले में धान पड़े होने से काफी मात्रा में धान बर्बाद भी हो गया है, काफी मात्रा में धान सड़ चुका है, जबकि खराब धान भरी बोरियों को सही बोरियों से अलग नहीं किया गया तो बाकी अनाज को भी बचा पाना संभव नहीं होगा. खरीदी केंद्रों पर समिति प्रबंधकों की अव्यवस्थाओं के कारण किसान परेशान हैं. वहीं जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिम्मेदार कर्मचारियों की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अनाज को भगवान भरोसे पूरी तरह से खुले में छोड़ दिया गया है.

इस तरह की बड़ी लापरवाही का ये पहला मामला नहीं है, ऐसा अक्सर देखा जाता है कि अचानक हुई बारिश में समर्थन मूल्य पर खरीदा गया अनाज भीग जाता है, जबकि इस साल की बात की जाए तो लगभग हर माह बेमौसम बारिश होता है. इसके बावजूद आनाज की सुरक्षा न कर पाना कहीं न कहीं जिम्मेदारों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर रहा है.

मंडला। मध्यप्रदेश के मंडला जिले में कोरोना महामारी के बीच एक बार फिर बेमौसम बारिश से खरीदी केंद्रों पर खुले में भारी मात्रा में रखा अनाज भीग गया है, मौसम खराब होने के बावजूद खाद्य विभाग के अधिकारी लापरवाही कर रहे हैं.

ईटीवी भारत की पड़ताल

खुले में धान पड़े होने से काफी मात्रा में धान बर्बाद भी हो गया है, काफी मात्रा में धान सड़ चुका है, जबकि खराब धान भरी बोरियों को सही बोरियों से अलग नहीं किया गया तो बाकी अनाज को भी बचा पाना संभव नहीं होगा. खरीदी केंद्रों पर समिति प्रबंधकों की अव्यवस्थाओं के कारण किसान परेशान हैं. वहीं जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिम्मेदार कर्मचारियों की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अनाज को भगवान भरोसे पूरी तरह से खुले में छोड़ दिया गया है.

इस तरह की बड़ी लापरवाही का ये पहला मामला नहीं है, ऐसा अक्सर देखा जाता है कि अचानक हुई बारिश में समर्थन मूल्य पर खरीदा गया अनाज भीग जाता है, जबकि इस साल की बात की जाए तो लगभग हर माह बेमौसम बारिश होता है. इसके बावजूद आनाज की सुरक्षा न कर पाना कहीं न कहीं जिम्मेदारों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर रहा है.

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