ETV Bharat / state

Kanha National Park Elephants Camp: हाथियों की पिकनिक, सप्ताहभर होती है खातिरदारी, मनपसंद भोजन परोसे, हेल्थचेकअप भी - हाथियों को मनपसंद भोजन परोसे

मध्यप्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क में आजकल हाथियों की पिकनिक चल रही है. दरअसल, हाथियों को एक सप्ताह का अवकाश दिया गया है. इस दौरान हाथियों की खूब खातिरदारी की जा रही है. उनकी तेल से मालिश करने के साथ ही विभिन्न प्रकार का स्वादिष्ट भोजन कराया जा रहा है. एक सप्ताह चलने वाले इस कैंप में हाथियों का हेल्थ चेकअप भी किया जा रहा है. सभी महावत हाथियों की सेवा में जुटे हैं.

Kanha National Park Elephants Camp
हाथियों की पिकनिक, सप्ताहभर होती है खातिरदारी
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 22, 2023, 12:28 PM IST

हाथियों की पिकनिक, सप्ताहभर होती है खातिरदारी

मंडला। कान्हा टाइगर रिज़र्व में इन दिनों एलीफेंट रिजुवेनेशन कैंप का आयोजन किया गया है. सालभर कान्हा टाइगर रिज़र्व की सुरक्षा में अहम योगदान देने वाले हाथियों से कैंप के दौरान कोई काम काम नहीं लिया जाता. कैंप में हाथियों को पूरी तरह से आराम दिया जाता है और उन्हें उनके पसंददीदा व्यंजन परोसे जाते हैं. ये कैंप हाथियों के लिए किसी पिकनिक से कम नहीं होता. इस बार इस कैंप का आयोजन किसली में किया जा रहा है. यहां 16 हाथियों की खातिरदारी की जा रही हैं.

कल होगा कैंप का समापन : किसली में हाथियों का कैंप 17 सितम्बर से शुरू हुआ जो 23 सितम्बर तक चलेगा. कान्हा नेशनल पार्क में हाथियों की खातिरदारी करने के लिए सात दिन तक विशेष इंतज़ाम किये गये हैं. पार्क प्रबंधन द्वारा हाथियों के भोजन का ख़ास ख्याल रखा जा रहा है. जिसके लिये बाकायदा मीनू बनाकर हाथियों का पसंदीदा डिश और फ्रूट की व्यवस्था की गई है. हाथियों की आवभगत करने वनकर्मियों को स्पेशल ड्यूटी पर तैनात किया गया है. हाथियों की खुशामदगी का सिलसिला अलसुबह से शुरू हो जाता है. सुबह से महावतों द्वारा सभी हाथियों को एकत्रित करने के बाद उन्हें नदी में घंटों नहलाया जाता है.

मनपसंद भोजन की व्यवस्था : हाथियों को नहलाने के बाद उनके नाख़ून काटे जाते हैं. फिर नीम के तेल से हाथी के पूरे शरीर की मालिश की जाती है. विशेषज्ञों व चिकित्सकों द्वारा हाथियों का स्वास्थ परीक्षण किया जाता है. घंटों खुशामदगी करने के बाद हाथियों को उनका प्रिय भोजन और फल खिलाए जाते हैं. हाथियों के लिए मक्के और बाज़रे की रोटियां, नारियल, केला, गन्ना और वो तमाम चीजें खिलाई जाती है, जो गजराज को पसंद हैं. हाथियों की खुशामदगी का यह सिलसिला एक हफ्ते तक ऐसे ही चलता है, जिसके लिए पार्क प्रबंधन द्वारा अधिकारी और कर्मचारियों की तैनाती की गई है.

ये खबरें भी पढ़ें...

सालभर गश्त करते हैं हाथी : गौरतलब है कि कान्हा नेशनल पार्क में वन्य प्राणियों की सुरक्षा इन्हीं हाथियों के बदौलत की जाती है. घने जंगलों और दुर्गम रास्तों में जहां वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी असंभव रहता है वहां हाथियों पर बैठकर वनकर्मी दिन-रात गश्त करते हैं. जब कोई वन्य प्राणी घायल या अस्वस्थ होता है तो इन्हीं हाथियों पर बैठकर चिकित्सक पहुंचते हैं. कान्हा नेशनल पार्क में मौजूद वन्य प्राणियों की सुरक्षा इन्हीं हाथियों पर निर्भर होती है. इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए पार्क प्रबंधन द्वारा मानसून के दौरान प्रतिवर्ष हाथियों के लिए रिजुनेशन कैम्प का आयोजन करती है और इन सात दिनों तक हाथियों की जमकर मेहमाननवाज़ी की जाती है. इस बारे में कान्हा टाइगर रिजर्व के अधिकारी एसके सिंह ने बताया कि हाथियों का हेल्थ चेकअप कर लिया गया है.

हाथियों की पिकनिक, सप्ताहभर होती है खातिरदारी

मंडला। कान्हा टाइगर रिज़र्व में इन दिनों एलीफेंट रिजुवेनेशन कैंप का आयोजन किया गया है. सालभर कान्हा टाइगर रिज़र्व की सुरक्षा में अहम योगदान देने वाले हाथियों से कैंप के दौरान कोई काम काम नहीं लिया जाता. कैंप में हाथियों को पूरी तरह से आराम दिया जाता है और उन्हें उनके पसंददीदा व्यंजन परोसे जाते हैं. ये कैंप हाथियों के लिए किसी पिकनिक से कम नहीं होता. इस बार इस कैंप का आयोजन किसली में किया जा रहा है. यहां 16 हाथियों की खातिरदारी की जा रही हैं.

कल होगा कैंप का समापन : किसली में हाथियों का कैंप 17 सितम्बर से शुरू हुआ जो 23 सितम्बर तक चलेगा. कान्हा नेशनल पार्क में हाथियों की खातिरदारी करने के लिए सात दिन तक विशेष इंतज़ाम किये गये हैं. पार्क प्रबंधन द्वारा हाथियों के भोजन का ख़ास ख्याल रखा जा रहा है. जिसके लिये बाकायदा मीनू बनाकर हाथियों का पसंदीदा डिश और फ्रूट की व्यवस्था की गई है. हाथियों की आवभगत करने वनकर्मियों को स्पेशल ड्यूटी पर तैनात किया गया है. हाथियों की खुशामदगी का सिलसिला अलसुबह से शुरू हो जाता है. सुबह से महावतों द्वारा सभी हाथियों को एकत्रित करने के बाद उन्हें नदी में घंटों नहलाया जाता है.

मनपसंद भोजन की व्यवस्था : हाथियों को नहलाने के बाद उनके नाख़ून काटे जाते हैं. फिर नीम के तेल से हाथी के पूरे शरीर की मालिश की जाती है. विशेषज्ञों व चिकित्सकों द्वारा हाथियों का स्वास्थ परीक्षण किया जाता है. घंटों खुशामदगी करने के बाद हाथियों को उनका प्रिय भोजन और फल खिलाए जाते हैं. हाथियों के लिए मक्के और बाज़रे की रोटियां, नारियल, केला, गन्ना और वो तमाम चीजें खिलाई जाती है, जो गजराज को पसंद हैं. हाथियों की खुशामदगी का यह सिलसिला एक हफ्ते तक ऐसे ही चलता है, जिसके लिए पार्क प्रबंधन द्वारा अधिकारी और कर्मचारियों की तैनाती की गई है.

ये खबरें भी पढ़ें...

सालभर गश्त करते हैं हाथी : गौरतलब है कि कान्हा नेशनल पार्क में वन्य प्राणियों की सुरक्षा इन्हीं हाथियों के बदौलत की जाती है. घने जंगलों और दुर्गम रास्तों में जहां वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी असंभव रहता है वहां हाथियों पर बैठकर वनकर्मी दिन-रात गश्त करते हैं. जब कोई वन्य प्राणी घायल या अस्वस्थ होता है तो इन्हीं हाथियों पर बैठकर चिकित्सक पहुंचते हैं. कान्हा नेशनल पार्क में मौजूद वन्य प्राणियों की सुरक्षा इन्हीं हाथियों पर निर्भर होती है. इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए पार्क प्रबंधन द्वारा मानसून के दौरान प्रतिवर्ष हाथियों के लिए रिजुनेशन कैम्प का आयोजन करती है और इन सात दिनों तक हाथियों की जमकर मेहमाननवाज़ी की जाती है. इस बारे में कान्हा टाइगर रिजर्व के अधिकारी एसके सिंह ने बताया कि हाथियों का हेल्थ चेकअप कर लिया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.