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आसान नहीं होगी विजयी प्रत्याशी की राह, लोकसभा क्षेत्र की ये चुनौतियां कर रही हैं इंतजार - लोकसभा चुनाव मध्यप्रदेश

मंडला लोकसभा सीट पर स्थानीय मुद्दे और समस्याएं इतनी हैं कि भावी सांसद चाहे किसी भी पार्दोटी का हो, विजयी होने के बाद राह इतनी आसान नहीं होगी.

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Published : May 16, 2019, 2:40 PM IST

Updated : May 16, 2019, 2:45 PM IST

मंडला। मंडला लोकसभा सीट से जिस भी पार्टी का प्रत्याशी विजयी हो, उसके लिए चुनौतियां कम नहीं हैं. उसके सामने उन समस्याओं को दूर करने की चुनौती होगी, जिस पर आजादी के बाद से अब तक यहां के प्रतिनिधि पार नहीं पा सके हैं. पिछले सभी चुनावों को छोड़ दें तो 2019 के चुनाव में स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी रहे हैं.

मंडला में प्रत्याशियों के लिए मुश्किल


लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों ने भी जनता से स्थानीय मुद्दों को सुलझाने के ही वादे किए हैं. मण्डला लोकसभा क्षेत्र में पलायन, स्वास्थ्य, शिक्षा और बेरोजगारी की समस्या इतनी विकट हो चुकी है कि लोगों ने यहां चुनाव प्रचार के लिए आए सभी पार्टियों के प्रत्याशियों से इन्हीं को लेकर सवाल पूछा है. 5 बार के सांसद और वर्तमान बीजेपी प्रत्याशी फग्गनसिंह कुलस्ते को भी मानना पड़ा कि क्षेत्र में कई जगहों पर विकास कार्यों में कमियां रह गई हैं.


दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी कमल सिंह मरावी भी इन्हीं मुद्दों को लेकर जनता के सामने पहुंचे. वो भी पलायन, स्वास्थ्य, शिक्षा और बेरोजगारी की समस्याओं पर ठोस कदम उठाने के वादे कर वोट मांगते नजर आए. वहीं जनता ने भी इस बार प्रत्याशियों को जता दिया है कि खोखले वादों पर नहीं बल्कि इस बार प्रत्याशियों को काम करने के नाम पर ही वोट मिलेगा. यहां से भावी सांसद के सामने मंडला संसदीय क्षेत्र में पर कारखाने, मेडिकल कॉलेज खुलवाने, नेशनल हाईवे का निर्माण और शिक्षा का स्तर बढ़ाने की चुनौती होगी

मंडला। मंडला लोकसभा सीट से जिस भी पार्टी का प्रत्याशी विजयी हो, उसके लिए चुनौतियां कम नहीं हैं. उसके सामने उन समस्याओं को दूर करने की चुनौती होगी, जिस पर आजादी के बाद से अब तक यहां के प्रतिनिधि पार नहीं पा सके हैं. पिछले सभी चुनावों को छोड़ दें तो 2019 के चुनाव में स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी रहे हैं.

मंडला में प्रत्याशियों के लिए मुश्किल


लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों ने भी जनता से स्थानीय मुद्दों को सुलझाने के ही वादे किए हैं. मण्डला लोकसभा क्षेत्र में पलायन, स्वास्थ्य, शिक्षा और बेरोजगारी की समस्या इतनी विकट हो चुकी है कि लोगों ने यहां चुनाव प्रचार के लिए आए सभी पार्टियों के प्रत्याशियों से इन्हीं को लेकर सवाल पूछा है. 5 बार के सांसद और वर्तमान बीजेपी प्रत्याशी फग्गनसिंह कुलस्ते को भी मानना पड़ा कि क्षेत्र में कई जगहों पर विकास कार्यों में कमियां रह गई हैं.


दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी कमल सिंह मरावी भी इन्हीं मुद्दों को लेकर जनता के सामने पहुंचे. वो भी पलायन, स्वास्थ्य, शिक्षा और बेरोजगारी की समस्याओं पर ठोस कदम उठाने के वादे कर वोट मांगते नजर आए. वहीं जनता ने भी इस बार प्रत्याशियों को जता दिया है कि खोखले वादों पर नहीं बल्कि इस बार प्रत्याशियों को काम करने के नाम पर ही वोट मिलेगा. यहां से भावी सांसद के सामने मंडला संसदीय क्षेत्र में पर कारखाने, मेडिकल कॉलेज खुलवाने, नेशनल हाईवे का निर्माण और शिक्षा का स्तर बढ़ाने की चुनौती होगी

Intro:मंडला लोकसभा क्षेत्र की जनता 23 मई को किसे सांसद का ताज सौंपेगी इसका फैसला हो जाएगा लेकिन जिसे भी वह यहाँ से दिल्ली के दरवार में भेजेगी उसके सामने क्षेत्र की उन समस्याओं को दूर करने की चुनोतियाँ होंगी जिन से आज़ादी के बाद से अब तक यहाँ के कोई भी प्रतिनिधि पार नहीं पा सके हैं,पिछले सभी चुनावों को छोड़ दें तो 2019 के चुनाव में स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी रहे हैं और जनता से प्रत्यशियों ने वादे भी स्थानीय मुद्दों को सुलझाने के ही किये हैं


Body:मण्डला लोकसभा क्षेत्र में पलायन,स्वास्थ्य,शिक्षा और बेरोजगारी की समस्या इतनी विकट हो चुकी है कि जनता के द्वारा इन चुनावों में प्रत्याशियों से इन्ही मुद्दों पर सवाल किया गया औऱ 5 बार के सांसद के साथ ही पूर्व में केंद्रीय मंत्री चुके भाजपा के प्रत्याशी फग्गनसिंह कुलस्ते को कई जगहों पर मानना पड़ा कि क्षेत्र के विकास में ये समस्याएं रह गयी दूसरी तरफ कॉंग्रेश पार्टी के प्रत्याशी कमल सिंह मरावी भी इन्ही मुद्दों को लेकर जनता के सामने पहुँचे और पलायन,स्वास्थ्य, शिक्षा और बेरोजगारी की समस्याओं पर ठोस कदम उठाने के वादे कर वोट माँगते रहे,वहीं जनता ने भी इस बार सीधे ही प्रत्याशियों को जता दिया कि खोखले वादों पर नहीं इस बार प्रत्याशियों को काम करने के नाम पर ही वोट मिलेगा,अब अगर बात करें 23 मई को आने वाले नतीजों के बाद कि चुनौतियो की तो कमल सिंह मरावी जीतें या फिर फग्गनसिंह कुलस्ते दोनों के ही सामने मण्डला लोकसभा क्षेत्र में कारखाने खुलवाने से लेकर मेडिकल कॉलेज खुलवाने तक और शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए दूर दराज के ऐसे इलाकों में कॉलेज खुलवाने की चुनौती होंगी जहाँ से लागतार माँगे उठ रही हैं,पलायन की समस्या मण्डला लोकसभा क्षेत्र की सभी 8 विधानसभा सीटों पर हमेसा से रही है लेकिन मण्डला और डिंडौरी से इस साल जितना पलायन हुआ उतना कभी नहीं हुआ इसी के चलते यह मुद्दा जनता के दिमाग मे सीधे रहा और प्रदेश के मुखिया हों या पूर्व मुख्यमंत्री सभी को इन मुद्दों पर जनता के सामने जबाब देना पड़ा और पलायन को रोकने ठोस कदम उठाने के वादे भी करने पड़े


Conclusion:जनता के द्वारा इन चुनावों में प्रत्याशियों के सामने लाए गए मुद्दे और उन पर प्रत्यशियों के वादे जीतने वाले सांसद के लिए चुनौती से कम नहीं होंगे वहीं बीते 4 सालों से बन रही मण्डला जबलपुर नैशनल हाइवे 30 का निर्माण कार्य पूरा करना भी कोई आसान काम नहीं,रेल्वे का अधूरा काम भी जनता के सामने है जिस पर भी सबकी नजर रहेगी।

बाईट--रूपेश इशरानी
बाईट--राजेन्द्र
बाईट--संजय तिवारी
Last Updated : May 16, 2019, 2:45 PM IST
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