मंडला। मंडला लोकसभा सीट से जिस भी पार्टी का प्रत्याशी विजयी हो, उसके लिए चुनौतियां कम नहीं हैं. उसके सामने उन समस्याओं को दूर करने की चुनौती होगी, जिस पर आजादी के बाद से अब तक यहां के प्रतिनिधि पार नहीं पा सके हैं. पिछले सभी चुनावों को छोड़ दें तो 2019 के चुनाव में स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी रहे हैं.
लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों ने भी जनता से स्थानीय मुद्दों को सुलझाने के ही वादे किए हैं. मण्डला लोकसभा क्षेत्र में पलायन, स्वास्थ्य, शिक्षा और बेरोजगारी की समस्या इतनी विकट हो चुकी है कि लोगों ने यहां चुनाव प्रचार के लिए आए सभी पार्टियों के प्रत्याशियों से इन्हीं को लेकर सवाल पूछा है. 5 बार के सांसद और वर्तमान बीजेपी प्रत्याशी फग्गनसिंह कुलस्ते को भी मानना पड़ा कि क्षेत्र में कई जगहों पर विकास कार्यों में कमियां रह गई हैं.
दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी कमल सिंह मरावी भी इन्हीं मुद्दों को लेकर जनता के सामने पहुंचे. वो भी पलायन, स्वास्थ्य, शिक्षा और बेरोजगारी की समस्याओं पर ठोस कदम उठाने के वादे कर वोट मांगते नजर आए. वहीं जनता ने भी इस बार प्रत्याशियों को जता दिया है कि खोखले वादों पर नहीं बल्कि इस बार प्रत्याशियों को काम करने के नाम पर ही वोट मिलेगा. यहां से भावी सांसद के सामने मंडला संसदीय क्षेत्र में पर कारखाने, मेडिकल कॉलेज खुलवाने, नेशनल हाईवे का निर्माण और शिक्षा का स्तर बढ़ाने की चुनौती होगी