भोपाल: केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी दिल्ली हवाई यात्रा का अनुभव साझा करते हुए एयर इंडिया प्रबंधन की बदइंतजामी पर सवाल उठाए हैं. शिवराज ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक यात्री की तरह दिल्ली तक की अपनी यात्रा का ब्यौरा दिया. उन्होंने बताया कि टूटी सीट पर बैठकर दिल्ली तक की उनकी यात्रा कितनी कष्टप्रद रही. उन्होंने कहा कि जो सीट उन्हें अलॉट की गई थी वो सीट टूटी और धंसी हुई थी. उसके बाद भी ये सीट आवंटित की गई. शिवराज ने एयर इंडिया से सवाल किया है कि क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है? क्या आगे किसी यात्री को ऐसा कष्ट न हो, इसके लिए एयर इंडिया प्रबंधन कदम उठाएगा? या यात्रियों की जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाता रहेगा?
शिवराज ने लिखा जो सीट मिली वो टूटी थी
शिवराज ने सोशल मीडिया के एक्स अकाउंट से जो अपना तजुर्बा शेयर किया है. उन्होंने लिखा, "आज मुझे भोपाल से दिल्ली आना था, पूसा में किसान मेले का उद्घाटन, कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती मिशन की बैठक और चंडीगढ़ में किसान संगठन के माननीय प्रतिनिधियों से चर्चा करनी है. मैंने एयर इंडिया की फ्लाइट क्रमांक AI436 में टिकिट करवाया था, मुझे सीट क्रमांक 8C आवंटित हुई.
Dear Sir, we apologize for the inconvenience caused. Please be rest assured that we are looking into this matter carefully to prevent any such occurrences in the future. We would appreciate the opportunity to speak with you, kindly DM us a convenient time to connect.
— Air India (@airindia) February 22, 2025
मैं जाकर सीट पर बैठा, सीट टूटी और अंदर धंसी हुई थी. बैठना तकलीफदायक था. जब मैंने विमानकर्मियों से पूछा कि खराब सीट थी, तो आवंटित क्यों की? उन्होंने बताया कि प्रबंधन को पहले सूचित कर दिया था कि ये सीट ठीक नहीं है, इसका टिकट नहीं बेचना चाहिए. ऐसी एक नहीं और भी सीटें हैं. सहयात्रियों ने मुझे बहुत आग्रह किया कि मैं उनसे सीट बदल कर अच्छी सीट पर बैठ जाऊं, लेकिन मैं अपने लिए किसी और मित्र को तकलीफ क्यों दूं? मैंने फैसला किया कि मैं इसी सीट पर बैठकर अपनी यात्रा पूरी करूंगा."
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एयर एंडिया से शिवराज के सवाल
शिवराज ने लिखा, '' मेरी धारणा थी कि टाटा प्रबंधन के हाथ में लेने के बाद एयर इंडिया की सेवा बेहतर हुई होगी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला. मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है, लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है. क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है? क्या आगे किसी यात्री को ऐसा कष्ट न हो, इसके लिए एयर इंडिया प्रबंधन कदम उठाएगा या यात्रियों की जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाता रहेगा.?