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सिस्टम ने चार महिलाओं को 'मारा', तीन साल से दे रहीं जिंदा होने का सबूत

मंडला जिले में सचिव और रोजगार सहायकों की लापरवाही के चलते चार बुजुर्ग महिलाओं को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

Four elderly women declared dead on paper i
चार बुजुर्ग महिलाएं कागजों में मृत घोषित
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Published : Dec 9, 2019, 9:56 PM IST

मंडला। जिले मोहगांव विकासखंड के देवगांव में चार बुजुर्ग महिलाओं को सचिव और रोजगार सहायकों ने मृत घोषित कर दिया. जिसके चलते अब परेशान बुजुर्ग महिलाएं अपने जिंदा होने का सूबत लिए कभी इस ऑफिस तो कभी उस दफ्तर चक्कर काट-काट कर थक गई हैं. वहीं सिस्टम की इस लापरवाही से उन्हें किसी भी योजना का लाभ और पेंशन भी नहीं मिल पा रही है.

चार बुजुर्ग महिलाएं कागजों में मृत घोषित


जिले के मोहगांव विकासखंड के देवगांव ग्राम पंचायत में सचिव और रोजगार सहायक ने चार महिलाओं को सरकारी कागजों में तीन साल पहले ही मृत घोषित कर दिया, जिससे महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना भी बंद हो गया है. इन महिलाओं को हर महीने मिलने वाली विधवा पेंशन बंद हो गई. पेंशन न मिलने से परेशान महिलाएं जब बैंक पहुंची तो मामले की जानकारी लगी. जिसके बाद पीड़ित महिलाएं सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाकर अपने जिंदा होने का सबूत दे रही हैं.


मामले में जिला पंचायत की सीईओ तन्वी हुड्डा ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है. सरकारी कामकाज में बरती जाने वाली लापरवाही का यह एक नमूना मात्र है. कई लोग सरकारी मुलाजिमों की लापरवाही के चलते दफ्तरों के चक्कर लगा रहे होंगे.

मंडला। जिले मोहगांव विकासखंड के देवगांव में चार बुजुर्ग महिलाओं को सचिव और रोजगार सहायकों ने मृत घोषित कर दिया. जिसके चलते अब परेशान बुजुर्ग महिलाएं अपने जिंदा होने का सूबत लिए कभी इस ऑफिस तो कभी उस दफ्तर चक्कर काट-काट कर थक गई हैं. वहीं सिस्टम की इस लापरवाही से उन्हें किसी भी योजना का लाभ और पेंशन भी नहीं मिल पा रही है.

चार बुजुर्ग महिलाएं कागजों में मृत घोषित


जिले के मोहगांव विकासखंड के देवगांव ग्राम पंचायत में सचिव और रोजगार सहायक ने चार महिलाओं को सरकारी कागजों में तीन साल पहले ही मृत घोषित कर दिया, जिससे महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना भी बंद हो गया है. इन महिलाओं को हर महीने मिलने वाली विधवा पेंशन बंद हो गई. पेंशन न मिलने से परेशान महिलाएं जब बैंक पहुंची तो मामले की जानकारी लगी. जिसके बाद पीड़ित महिलाएं सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाकर अपने जिंदा होने का सबूत दे रही हैं.


मामले में जिला पंचायत की सीईओ तन्वी हुड्डा ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है. सरकारी कामकाज में बरती जाने वाली लापरवाही का यह एक नमूना मात्र है. कई लोग सरकारी मुलाजिमों की लापरवाही के चलते दफ्तरों के चक्कर लगा रहे होंगे.

Intro:मंडला जिले में चार जिंदा बुजुर्ग औरतों को सचिव और रोजगार सहायक ने मिलीभगत कर सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया है....जिसके चलते अब परेशान बुजुर्ग औरते अपने जिंदा होने का सूबत लिए कभी इस ऑफिस तो कभी उस दफ्तर चक्कर काट काट कर घनचक्कर बन रही हैं वहीं सिस्टम की इस लापरवाही से उन्हें किसी भी योजना का लाभ और पेंशन भी नहीं मिल पा रही है।







Body:वीडियो में दिखाई दे रहीं चलती फिरती घर के काम करती या बच्चे खिलाती ये महिलाएं जिंदा नहीं मृत हैं ऐसा हम नहीं सरकारी दस्तावेज कह रहे हैं और ये चार महिलाएं उदाहरण हैं उस सिस्टम के जहाँ सब कुछ सम्भव है दरअसल ये मामला है मण्डला जिले के देवगांव का जहाँ तीन ऐसे तीन शख्स जिंदा है जिन्हें मरे तीन साल हो चुके हैं, और हाथों में अपने जिंदा होने का सबूत लिए कभी ग्राम पंचायत तो कभी इस ऑफिस से उस ऑफिस चक्कर काट रहे हैं.दरअसल मंडला जिले के मोहगांव विकासखंड के देवगांव ग्राम पंचायत में सचिव और रोजगार सहायक ने चार महिलाओं को सरकारी कागजों में तीन साल पहले ही मृत घोषित कर उन्हे सरकारी योजनाओं से वंचित कर दिया है... जिसके बाद इन महिलाओं को हर महिने मिलने वाली विधवा पेंशन योजना मिलना बंद हो गई.फिर क्या था मामले की जानकारी लेने ये सभी मृत घोषित महिलाएं बैंक पहुंची....तब उन्हें वहां पता चला कि इनकी तो तीन साल पहले ही मौत हो गई है....जिसे सुनते ही इनके पैरो तले जमीन खिसक गई ये मृत घोषित चारों महिलाएं कुदरत की मार भी झेल रही है.जो विधवा के साथ- साथ अति गरीबी रेखा में आती है.इनके जीने का आसरा सरकार की ही योजना है.इतना ही नहीं चारों मृत घोषित महिलाओं में एक महिला तो दिव्यांग भी है. .जिन्हे पहले सरकार से कुछ ना कुछ मदद मिल ही जाती थी..लेकिन सचिव और रोजगार सहायक ने अपने काम में बड़ी लापरवाही करते हुए इन्हे मृत ही घोषित कर दिया.....और इनके जीने का सहारा ही छीन लिया...अब ये महिलाएं आवेदन और अपने कागजात लेकर सरकारी दफ्तरो के चक्कर काट रहे है.... अपने आपकों जिंदा साबित करने के लिए...मगर कानूनी दांव पेच ऐसे की ये लोग अभी तक जिंदा नहीं हो पा रहे है.वहीं दूसरी तरफ जिला पंचायत की सीईओ तन्वी हुड्डा ने मामला प्रकाश में आने के बाद दोषियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही का भरोसा दिलाया है।Conclusion:सरकारी कामकाज में बरती जाने वाली लापरवाही का यह एक नमूना मात्र है.पता नहीं जिले में ऐसे कितने मुसद्दीलाल सिस्टम के मारे होंगे. जो सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा लगाकर परेशान होते होंग।


बाइट-01- छेना बाई, पीड़िता (मृतक घोषित महिला)
बाइट-02- अमरती बाई, पीड़िता (मृतक घोषित महिला)
बाइट-03-मुकेश, परिजन
बाइट-04- लालू, परिजन
वीओ-2- मामले की
बाइट- तन्वी हुड्डा, सीईओ, जिला पंचायत
वीओ-3- सरकारी
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