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कोरोना'काल' में हुई नाले की सफाई तो नगर पालिका को पता चला ये राज

मंडला में खाइयों की सफाई की गई तो पहली बार नगर पालिका को पता चला कि इनमें लोगों ने अपने सैप्टिक टैंक खोल रखे हैं और बहुत सी जगहों पर अतिक्रमण भी कर रखे हैं.

Encroachment revealed during cleaning
खाई की सफाई
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Published : Apr 23, 2020, 12:20 PM IST

Updated : Apr 23, 2020, 6:50 PM IST

मंडला। कोरोना महामारी को देखते हुए ढाई साल में पहली बार मंडला की खाइयों की सफाई के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है. पहली बार मंडला नगर पालिका को पता चला कि लोगों ने इन खाइयों में सीधे सेप्टिक टैंक खोल दिये हैं, जिसकी गंदगी नर्मदा में जाकर मिल रही है, इन खाइयों पर लोगों ने अतिक्रमण भी कर रखा है.

खाई की सफाई में बड़ा खुलासा

शहर में खाइयों की तरफ नगर पालिका प्रशासन का कोई ध्यान ही नहीं था, लेकिन कोरोना की दहशत फैलने के बाद इन खाइयों की सफाई की गई. सफाई दौरान नगर पालिका के अधिकारियों को पहली बार पता चला कि इनमें लोगों ने अपने सैप्टिक टैंक इसमें खोल रखे हैं. बहुत सी जगहों पर अतिक्रमण भी किया जा चुका है, जिससे कि खाई का गंदा पानी इक्कठा होकर मच्छर और मख्खियों का अड्डा बना रहता है. इन खाइयों में सुअर भी हमेशा गंदगी बढ़ाते देखे जा सकते हैं, जो खाइयों की गंदगी को शहर भर में फैलाने का काम करते हैं.

Encroachment revealed during cleaning
खाई पर अतिक्रमण

इन खाइयों से बहने वाली गंदगी सीधे नर्मदा नदी के जल को भी दूषित करती है. सफाई के दौरान नगर पालिका ने यहां पनपी झाड़ियों की कटाई के साथ ही इसका मलबा निकाला और जो लोग खाइयों में सैप्टिक टैंक खोल रखे हैं या किसी भी तरह का अतिक्रमण कर चुके हैं, उन्हें नोटिस भी देने की तैयारी भी कर ली है.

देर आए दुरुस्त आए की तर्ज पर नगर पालिका खाइयों की ढाई साल में पहली बार सफाई तो की, लेकिन यदि ये नियमित होता है तो शहर में मक्खी-मच्छर का आतंक कम होगा और सेप्टिक टैंक की गंदगी भी लाइफ लाइन नर्मदा को दूषित नहीं करेगी.

मंडला। कोरोना महामारी को देखते हुए ढाई साल में पहली बार मंडला की खाइयों की सफाई के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है. पहली बार मंडला नगर पालिका को पता चला कि लोगों ने इन खाइयों में सीधे सेप्टिक टैंक खोल दिये हैं, जिसकी गंदगी नर्मदा में जाकर मिल रही है, इन खाइयों पर लोगों ने अतिक्रमण भी कर रखा है.

खाई की सफाई में बड़ा खुलासा

शहर में खाइयों की तरफ नगर पालिका प्रशासन का कोई ध्यान ही नहीं था, लेकिन कोरोना की दहशत फैलने के बाद इन खाइयों की सफाई की गई. सफाई दौरान नगर पालिका के अधिकारियों को पहली बार पता चला कि इनमें लोगों ने अपने सैप्टिक टैंक इसमें खोल रखे हैं. बहुत सी जगहों पर अतिक्रमण भी किया जा चुका है, जिससे कि खाई का गंदा पानी इक्कठा होकर मच्छर और मख्खियों का अड्डा बना रहता है. इन खाइयों में सुअर भी हमेशा गंदगी बढ़ाते देखे जा सकते हैं, जो खाइयों की गंदगी को शहर भर में फैलाने का काम करते हैं.

Encroachment revealed during cleaning
खाई पर अतिक्रमण

इन खाइयों से बहने वाली गंदगी सीधे नर्मदा नदी के जल को भी दूषित करती है. सफाई के दौरान नगर पालिका ने यहां पनपी झाड़ियों की कटाई के साथ ही इसका मलबा निकाला और जो लोग खाइयों में सैप्टिक टैंक खोल रखे हैं या किसी भी तरह का अतिक्रमण कर चुके हैं, उन्हें नोटिस भी देने की तैयारी भी कर ली है.

देर आए दुरुस्त आए की तर्ज पर नगर पालिका खाइयों की ढाई साल में पहली बार सफाई तो की, लेकिन यदि ये नियमित होता है तो शहर में मक्खी-मच्छर का आतंक कम होगा और सेप्टिक टैंक की गंदगी भी लाइफ लाइन नर्मदा को दूषित नहीं करेगी.

Last Updated : Apr 23, 2020, 6:50 PM IST
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