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दिव्यांग होने के बाद भी फैला रही जागरूकता की 'रोशनी', मास्क बनाकर बांट रही महिला

मंडला में दिव्यांग महिला रोशनी सेन लोगों के बीच जागरूकता फैलाने साथ ही खुद मास्क बनाकर बांट रही हैं. आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता रोशनी अपने पैसों से मास्क बनाकर बांटती है.

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Published : May 22, 2020, 6:35 PM IST

Updated : May 23, 2020, 12:12 PM IST

Lighting of Divine awareness
दिव्यांग फैला रही जागरूकता की रौशनी

मंडला। जिले की नैनपुर तहसील में एक दिव्यांग महिला ने भी कोरोना के खिलाफ जंग में अपना योगदान दिया है. रोशनी सेन दिव्यांग होने के कारण ठीक से चल नहीं पाती, लेकिन इनके हौसले की उड़ान में कोई कमी नहीं. रोशनी मास्क सिलकर जरुरतमंदों को बांट रही हैं.

दिव्यांग फैला रही जागरूकता की रौशनी

नैनपुर तहसील मुख्यालय के वार्ड नम्बर- 6 में रहने वाली रोशनी आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता हैं. लॉकडाउन के पहले ही दिन जब सुना कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने का एक उपाय मास्क भी है, तभी से उन्होंने घर पर ही सिलाई मशीन में खादी के कपड़े से मास्क सिलना चालू किया और लोगों के बीच जाकर खुद ही बांटती हैं.

रोशनी का कहना है कि, जैसे ही लॉकडाउन का ऐलान हुआ था, तब लोगों के पास मास्क नहीं थे, न ही बाजार में कही उपलब्धता थी. ऐसे में उन्हें लगा कि, यही समय है जब लोगों को जागरूक करने के साथ ही मास्क देकर उनकी मदद की जा सकती है. रोशनी आज भी मास्क खुद ही बनाती हैं और जिन लोगों को जरूरत होती है. वे इनके घर से आकर मास्क ले जाते हैं. वैसे दो महीने से ज्यादा हो जाने के कारण अब लगभग सभी के पास मास्क हैं, फिर भी रोशनी का कहना है कि, जब तक लोग मेरे पास आते रहेंगे, उन्हें अपने खर्च पर बनाए गए मास्क देती रहूंगी.

मंडला। जिले की नैनपुर तहसील में एक दिव्यांग महिला ने भी कोरोना के खिलाफ जंग में अपना योगदान दिया है. रोशनी सेन दिव्यांग होने के कारण ठीक से चल नहीं पाती, लेकिन इनके हौसले की उड़ान में कोई कमी नहीं. रोशनी मास्क सिलकर जरुरतमंदों को बांट रही हैं.

दिव्यांग फैला रही जागरूकता की रौशनी

नैनपुर तहसील मुख्यालय के वार्ड नम्बर- 6 में रहने वाली रोशनी आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता हैं. लॉकडाउन के पहले ही दिन जब सुना कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने का एक उपाय मास्क भी है, तभी से उन्होंने घर पर ही सिलाई मशीन में खादी के कपड़े से मास्क सिलना चालू किया और लोगों के बीच जाकर खुद ही बांटती हैं.

रोशनी का कहना है कि, जैसे ही लॉकडाउन का ऐलान हुआ था, तब लोगों के पास मास्क नहीं थे, न ही बाजार में कही उपलब्धता थी. ऐसे में उन्हें लगा कि, यही समय है जब लोगों को जागरूक करने के साथ ही मास्क देकर उनकी मदद की जा सकती है. रोशनी आज भी मास्क खुद ही बनाती हैं और जिन लोगों को जरूरत होती है. वे इनके घर से आकर मास्क ले जाते हैं. वैसे दो महीने से ज्यादा हो जाने के कारण अब लगभग सभी के पास मास्क हैं, फिर भी रोशनी का कहना है कि, जब तक लोग मेरे पास आते रहेंगे, उन्हें अपने खर्च पर बनाए गए मास्क देती रहूंगी.

Last Updated : May 23, 2020, 12:12 PM IST
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