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शादी की बजाय ड्यूटी को दी तबज्जों, कहा- देश सेवा पहले

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Published : May 13, 2020, 1:01 AM IST

2015 से मंडला जिला चिकित्सालय में स्टाफ नर्स के रूप में सेवाएं दे रही ज्योति चौरिया ने कर्तव्य के आगे खुद की खुशियों को दरकिनार करते हुए न केवल अपनी शादी की डेट कैंसिल की, बलकि कोविड-19 वार्ड के तैयार होते ही वहां ड्यूटी करने लगीं.

Korana Warrior Jyoti Chowria
शादी की बजाय ड्यूटी को दी तबज्जों

मंडला। दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के चालीस लाख से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं. कई देशों की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है और अस्पतालों पर अचानक अत्यधिक बोझ आ पड़ा है. ऐसे वक्त में नर्सों का काम बहुत अहम हो गया है. मरीज़ों को नहलाने से लेकर उन्हें साफ़-सुथरा रखने और उनके खाने-पीने का ध्यान रखने का काम नर्सें ही करती हैं. ये हमेशा मरीज़ों पर नज़र बनाए रखती हैं. मंडला में भी एक ऐसे नर्स हैं ज्योति चौरिया जो इस संकट की घड़ी में पहले जिंदगी के अहम फैसले बदल लिए और देश के लिए सेवा देने का फैसला किया.

शादी की बजाय ड्यूटी को दी तबज्जों

शादी टाल कर ड्यूटी करने का फैसला
ज्योति चौरिया 2015 से मंडला जिला चिकित्सालय में स्टाफ नर्स के रूप में सेवाएं दे रही ज्योति ने कर्तव्य के आगे खुद की खुशियों को दरकिनार करते हुए न केवल अपनी शादी की डेट कैंसिल की बलकी कोविड-19 वार्ड के तैयार होते है ही वहां ड्यूटी करने लगीं. छिंदवाड़ा की रहने वाली ज्योति की अप्रैल माह में शादी की डेट तय हुई थी, जिसके कार्ड भी प्रिंट हो चुके थे वहीं छुट्टी की अर्जी भी दी जा चुकी थी, लेकिन लगातार कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के कारण शादी टाल कर ड्यूटी करने का फैसला किया.

ससुराल वालों ने जताई सहमती
ज्योती का सोचना है कि, निजी खुशियों से बढ़ कर देश के लिए कर्तव्य पालन करना जरूरी है. जिसके बाद अपने मंगेतर और परिवार वालों से बात कर ज्योति ने शादी की डेट को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया, ज्योति का कहना है कि, मांगलिक कार्यक्रम, धार्मिक आयोजन तो कभी भी किये जा सकते हैं, लेकिन जब देश को हमारी जरूरत है, तो हम पहले उसे महत्त्व दें, न कि अपनी खुशियों को.

मंडला। दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के चालीस लाख से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं. कई देशों की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है और अस्पतालों पर अचानक अत्यधिक बोझ आ पड़ा है. ऐसे वक्त में नर्सों का काम बहुत अहम हो गया है. मरीज़ों को नहलाने से लेकर उन्हें साफ़-सुथरा रखने और उनके खाने-पीने का ध्यान रखने का काम नर्सें ही करती हैं. ये हमेशा मरीज़ों पर नज़र बनाए रखती हैं. मंडला में भी एक ऐसे नर्स हैं ज्योति चौरिया जो इस संकट की घड़ी में पहले जिंदगी के अहम फैसले बदल लिए और देश के लिए सेवा देने का फैसला किया.

शादी की बजाय ड्यूटी को दी तबज्जों

शादी टाल कर ड्यूटी करने का फैसला
ज्योति चौरिया 2015 से मंडला जिला चिकित्सालय में स्टाफ नर्स के रूप में सेवाएं दे रही ज्योति ने कर्तव्य के आगे खुद की खुशियों को दरकिनार करते हुए न केवल अपनी शादी की डेट कैंसिल की बलकी कोविड-19 वार्ड के तैयार होते है ही वहां ड्यूटी करने लगीं. छिंदवाड़ा की रहने वाली ज्योति की अप्रैल माह में शादी की डेट तय हुई थी, जिसके कार्ड भी प्रिंट हो चुके थे वहीं छुट्टी की अर्जी भी दी जा चुकी थी, लेकिन लगातार कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के कारण शादी टाल कर ड्यूटी करने का फैसला किया.

ससुराल वालों ने जताई सहमती
ज्योती का सोचना है कि, निजी खुशियों से बढ़ कर देश के लिए कर्तव्य पालन करना जरूरी है. जिसके बाद अपने मंगेतर और परिवार वालों से बात कर ज्योति ने शादी की डेट को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया, ज्योति का कहना है कि, मांगलिक कार्यक्रम, धार्मिक आयोजन तो कभी भी किये जा सकते हैं, लेकिन जब देश को हमारी जरूरत है, तो हम पहले उसे महत्त्व दें, न कि अपनी खुशियों को.

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