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मंडला: कृषि बिल के विरोध में सड़कों पर उतरी कांग्रेस, सौंपा ज्ञापन - कृषि बिल विरोध मंडला

कृषि बिल के विरोध में मंडला जिले में कांग्रेस ने अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने का निवेदन किया गया है.

Congress submitted memorandum
कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Sep 23, 2020, 8:05 PM IST

मंडला। कृषि बिल को किसान विरोधी बताते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम पर अपर कलेक्टर मीना मसराम को ज्ञापन सौंपा है, बिल पर राष्ट्रपति से हस्ताक्षर नहीं करने का निवेदन किया गया है.

दरअसल राज्यसभा में केंद्र सरकार द्वारा लाया गया कृषि बिल पास हो गया है, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि इसे धोखे से पास कराया गया है. यह बिल किसानों का हितैषी नहीं ब्लिक मुसीबत पैदा करने वाला है, क्योंकि जब समर्थन मूल्य ही नहीं होगा, तो किसानों के साथ बड़े व्यवसायी ओने-पौने दाम पर अनाज खरीद कर ठगी करेंगे. कांग्रेस द्वारा कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपर कलेक्टर मीना मसराम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें बिल पर हस्ताक्षर नहीं किये जाने की मांग की गई.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी बड़े व्यवसायियों को फायदा पहुंचाने के लिए ही यह बिल लेकर आई है, जो किसी भी लिहाज से किसानों के हित में नहीं है. बिल की सबसे बड़ी खामी यह है कि इसमें उपज का मिलने वाला समर्थन मूल्य शामिल नहीं है. ऐसे में कम कीमत पर उपज खरीदी के लिए बड़े-बड़े लोग ज्यादा मुनाफा कमाएंगे और किसान बदहाल होते जाएंगे.

कृषि बिल के पास होने पर कलेक्ट्रेट में विरोध स्वरूप कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं सहित विधायकों ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की. इसके बाद राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर निवेदन किया कि बिल पर अगर हस्ताक्षर किए जाते हैं, तो पार्टी सड़कों पर उतरकर संसद तक इसका विरोध करेगी.

मंडला। कृषि बिल को किसान विरोधी बताते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम पर अपर कलेक्टर मीना मसराम को ज्ञापन सौंपा है, बिल पर राष्ट्रपति से हस्ताक्षर नहीं करने का निवेदन किया गया है.

दरअसल राज्यसभा में केंद्र सरकार द्वारा लाया गया कृषि बिल पास हो गया है, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि इसे धोखे से पास कराया गया है. यह बिल किसानों का हितैषी नहीं ब्लिक मुसीबत पैदा करने वाला है, क्योंकि जब समर्थन मूल्य ही नहीं होगा, तो किसानों के साथ बड़े व्यवसायी ओने-पौने दाम पर अनाज खरीद कर ठगी करेंगे. कांग्रेस द्वारा कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपर कलेक्टर मीना मसराम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें बिल पर हस्ताक्षर नहीं किये जाने की मांग की गई.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी बड़े व्यवसायियों को फायदा पहुंचाने के लिए ही यह बिल लेकर आई है, जो किसी भी लिहाज से किसानों के हित में नहीं है. बिल की सबसे बड़ी खामी यह है कि इसमें उपज का मिलने वाला समर्थन मूल्य शामिल नहीं है. ऐसे में कम कीमत पर उपज खरीदी के लिए बड़े-बड़े लोग ज्यादा मुनाफा कमाएंगे और किसान बदहाल होते जाएंगे.

कृषि बिल के पास होने पर कलेक्ट्रेट में विरोध स्वरूप कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं सहित विधायकों ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की. इसके बाद राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर निवेदन किया कि बिल पर अगर हस्ताक्षर किए जाते हैं, तो पार्टी सड़कों पर उतरकर संसद तक इसका विरोध करेगी.

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