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यहां के ग्रेनाइट की देश विदेश में है मांग, बिजनेस वुमन मृदुला ने दी जिले को नई पहचान - मंडला की मृदुला काल्पिवार

मंडला की मृदुला काल्पिवार ने ना केवल देश बल्कि दूसरे देशों में भी मंडला को ख्याति दिलाई है. मृदुला काल्पिवार ने मंडला में काले ग्रेनाइट पत्थर बनाने की फैक्ट्री लगाई, जिससे जिले के कई कारीगरों को रोजगार मिला, वहीं यहां के काले ग्रेनाइट पत्थर की मांग कई देशों में भी है.

Business women mridula
बिजनेसविमेन मृदुला
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Published : Feb 23, 2020, 2:24 PM IST

मंडला। कहते हैं कि यदि इंसान ठोस इरादा कर ले तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं होता, ऐसा ही कर दिखाया है मंडला में रहने वाली मृदुला काल्पिवार ने जिन्होंने ना केवल देश बल्कि दूसरे देशों में भी मंडला को ख्याति दिलाई है. मृदुला काल्पिवार ने मंडला में काले ग्रेनाइट पत्थर बनाने की फैक्ट्री लगाई है, जिससे जिले के कई कारीगरों को रोजगार मिला है, वहीं यहां के काले ग्रेनाइट पत्थर की मांग कई देशों में भी है.

बिजनेसविमेन मृदुला ने मंडला में ग्रेनाइट का कारखाना लगाकर लोगों को दिया रोजगार

वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद मृदुला के मन में कुछ अलग ही करने की चाहत थी और इसे पूरा करने के लिए मृदुला ने अपने पति के साथ मिलकर जमीन की खरीद-फरोख्त में हाथ आजमाया और प्रॉपर्टी के काम में उन्हें अपेक्षित सफलता भी मिली, जिसके बाद एक बैंकिंग कंपनी की शुरुआत हुई, जिसका अगला पड़ाव था डोलोमाइट की खदान.

यहां भी काल्पिवार दंपत्ति ने छत्तीसगढ़ में वो साख बनाई कि इनकी खदान का डोलोमाइट हाथों हाथ लिया जाने लगा, लेकिन इनकी मंजिल कुछ और थी. जिस तरफ बढ़ते हुए मृदुला काल्पिवार ने सीधी जिले के मझौली में ग्रेनाइट की एक जमीन खरीदी. जहां से निकलने वाले पत्थर को पहले राजस्थान में रिफाइन करने के लिए भेजा जाता था, लेकिन मंडला जिले के लिए कुछ करने की चाह और जिले को रोजगार मुहैया कराने की सोच के चलते मृदुला काल्पिवार ने मंडला में ही एक कारखाना शुरू कर दिया.

Mridula in granite stone making factory
ग्रेनाइट पत्थर बनाने के कारखाने में मृदुला

क्या है कारखाने की खासियत

मंडला के इस कारखाने में सीधी से आने वाले बड़े-बड़े पत्थरों को काटा जाता है, फिर इसे फिनिशिंग दी जाती है. इस कारखाने में अत्याधुनिक मशीनें हैं, जो पूरे देश में कुछ ही संख्या में होंगी और इन ऑटोमेटिक मशीनों के कारीगर भी दूसरे प्रदेश में ग्रेनाइट तराशने के एक्सपर्ट रह चुक हैं.

Granite stone artisans
ग्रेनाइट पत्थर बनाते कारीगर

मंडला को रोजगार देना चाहती हैं मृदुला

मृदुला का कहना है कि जिले से बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेशों के लिए पलायन होता है, इसे रोकने के लिए जिले में ही ऐसे उद्योग शुरू किए जाने की जरूरत है. मृदुला चाहती हैं कि सरकार जिले के उद्यमियों की मदद करें और ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराए की जिले में ही उद्योगों की शुरुआत हो.

Many are employed in businesswoman Mridula's factory
बिजनेसविमेन मृदुला के कारखाने में कईयों को मिया है रोजगार

क्या है मुश्किल

महिला उद्यमी मृदुला का कहना है कि वे लोगों को रोजगार तो देना चाहती हैं और बड़े कारखाने भी लगाना चाहती हैं, लेकिन सरकारी मदद के अभाव में यह संभव नहीं हो पाता. सरकारी फॉर्मेलिटी और ट्रांसपोर्ट की सुविधा ना होना बिजली की कटौती और लो वोल्टेज, लोन लेने के साथ ही टैक्स भरने की मुसीबत भरी प्रक्रियाओं के अलावा सरकार की कोई मदद ना मिल पाने के चलते उद्योग लगाना काफी मुश्किल हो गया है.

उनका कहना है कि कुछ नियमों को शिथिल किया जाना चाहिए और छोटे उद्योगों को बढ़ाने के लिए सहयोग दिया जाना चाहिए, जिससे पलायन जैसी समस्या और बेरोजगारी का हल निकले.

मृदुला काल्पिवार की शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंडला जिले के सांसद और केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी इनकी तारीफ करते हैं और इनके सुझाव पर अमल की बात स्वीकारते हैं. यह एक महिला उद्यमी की स्टोरी है जिसने अपने पक्के इरादे के आगे कभी हार नहीं मानी और वह सब कुछ कर दिखाया जो इनकी सोच में था.

Mridula with Union Minister Faggan Singh Kulaste
केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ मृदुला

मंडला। कहते हैं कि यदि इंसान ठोस इरादा कर ले तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं होता, ऐसा ही कर दिखाया है मंडला में रहने वाली मृदुला काल्पिवार ने जिन्होंने ना केवल देश बल्कि दूसरे देशों में भी मंडला को ख्याति दिलाई है. मृदुला काल्पिवार ने मंडला में काले ग्रेनाइट पत्थर बनाने की फैक्ट्री लगाई है, जिससे जिले के कई कारीगरों को रोजगार मिला है, वहीं यहां के काले ग्रेनाइट पत्थर की मांग कई देशों में भी है.

बिजनेसविमेन मृदुला ने मंडला में ग्रेनाइट का कारखाना लगाकर लोगों को दिया रोजगार

वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद मृदुला के मन में कुछ अलग ही करने की चाहत थी और इसे पूरा करने के लिए मृदुला ने अपने पति के साथ मिलकर जमीन की खरीद-फरोख्त में हाथ आजमाया और प्रॉपर्टी के काम में उन्हें अपेक्षित सफलता भी मिली, जिसके बाद एक बैंकिंग कंपनी की शुरुआत हुई, जिसका अगला पड़ाव था डोलोमाइट की खदान.

यहां भी काल्पिवार दंपत्ति ने छत्तीसगढ़ में वो साख बनाई कि इनकी खदान का डोलोमाइट हाथों हाथ लिया जाने लगा, लेकिन इनकी मंजिल कुछ और थी. जिस तरफ बढ़ते हुए मृदुला काल्पिवार ने सीधी जिले के मझौली में ग्रेनाइट की एक जमीन खरीदी. जहां से निकलने वाले पत्थर को पहले राजस्थान में रिफाइन करने के लिए भेजा जाता था, लेकिन मंडला जिले के लिए कुछ करने की चाह और जिले को रोजगार मुहैया कराने की सोच के चलते मृदुला काल्पिवार ने मंडला में ही एक कारखाना शुरू कर दिया.

Mridula in granite stone making factory
ग्रेनाइट पत्थर बनाने के कारखाने में मृदुला

क्या है कारखाने की खासियत

मंडला के इस कारखाने में सीधी से आने वाले बड़े-बड़े पत्थरों को काटा जाता है, फिर इसे फिनिशिंग दी जाती है. इस कारखाने में अत्याधुनिक मशीनें हैं, जो पूरे देश में कुछ ही संख्या में होंगी और इन ऑटोमेटिक मशीनों के कारीगर भी दूसरे प्रदेश में ग्रेनाइट तराशने के एक्सपर्ट रह चुक हैं.

Granite stone artisans
ग्रेनाइट पत्थर बनाते कारीगर

मंडला को रोजगार देना चाहती हैं मृदुला

मृदुला का कहना है कि जिले से बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेशों के लिए पलायन होता है, इसे रोकने के लिए जिले में ही ऐसे उद्योग शुरू किए जाने की जरूरत है. मृदुला चाहती हैं कि सरकार जिले के उद्यमियों की मदद करें और ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराए की जिले में ही उद्योगों की शुरुआत हो.

Many are employed in businesswoman Mridula's factory
बिजनेसविमेन मृदुला के कारखाने में कईयों को मिया है रोजगार

क्या है मुश्किल

महिला उद्यमी मृदुला का कहना है कि वे लोगों को रोजगार तो देना चाहती हैं और बड़े कारखाने भी लगाना चाहती हैं, लेकिन सरकारी मदद के अभाव में यह संभव नहीं हो पाता. सरकारी फॉर्मेलिटी और ट्रांसपोर्ट की सुविधा ना होना बिजली की कटौती और लो वोल्टेज, लोन लेने के साथ ही टैक्स भरने की मुसीबत भरी प्रक्रियाओं के अलावा सरकार की कोई मदद ना मिल पाने के चलते उद्योग लगाना काफी मुश्किल हो गया है.

उनका कहना है कि कुछ नियमों को शिथिल किया जाना चाहिए और छोटे उद्योगों को बढ़ाने के लिए सहयोग दिया जाना चाहिए, जिससे पलायन जैसी समस्या और बेरोजगारी का हल निकले.

मृदुला काल्पिवार की शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंडला जिले के सांसद और केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी इनकी तारीफ करते हैं और इनके सुझाव पर अमल की बात स्वीकारते हैं. यह एक महिला उद्यमी की स्टोरी है जिसने अपने पक्के इरादे के आगे कभी हार नहीं मानी और वह सब कुछ कर दिखाया जो इनकी सोच में था.

Mridula with Union Minister Faggan Singh Kulaste
केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ मृदुला
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