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लॉकडाउन ने छीना रोजगार, अब चालक-परिचालक सब्जी-फल बेचकर कर रहे गुजारा - मंडला में बस ड्राइवरों पर आर्थिक संकट

लॉकडाउन की मार से मंडला के बस ड्राइवर, कंडक्टर और बस मालिक भी अछूते नहीं हैं. इनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. इसके लिए इन्हें वो काम करने पड़ रहे हैं जिसकी इन्होंने सोची भी नहीं थी. पेट पालने के लिए बस ड्राइवर और कंडक्टर कहीं सब्जी का ठेला लगाकर अपना गुजारा कर रहे हैं तो कहीं फल का ठेला लगाकर दो जून की रोटी का बंदोबस्त कर रहे हैं.

Helplessness
मजबूरी का गुजारा
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Published : Jun 19, 2020, 9:09 AM IST

Updated : Jun 19, 2020, 5:12 PM IST

मंडला। कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन ने लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर दिया है. लॉकडाउन में ढील देने के बाद भी लोगों के पास रोजगार नहीं है. जिसका असर शहरों से लेकर गांवों तक देखा जा सकता है. जिन लोगों की प्राइवेट नौकरियां थी वो लॉकडाउन की वजह से छूट गई हैं. जिससे उनके सामने परिवार का पेट भरना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है.

चालक-परिचालक सब्जी-फल बेचकर कर रहे गुजारा

लॉकडाउन की मार से मंडला के बस ड्राइवर, कंडक्टर और बस मालिक भी अछूते नहीं हैं. इनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. इसके लिए इन्हें वो काम करने पड़ रहे हैं. जिसकी इन्होंने सोची भी नहीं थी. पेट पालने के लिए बस ड्राइवर और कंडक्टर कहीं सब्जी का ठेला लगाकर अपना गुजारा कर रहे हैं तो कहीं फल का ठेला लगाकर दो जून की रोटी का बंदोबस्त कर रहे हैं.

Buses parked at bus stop
बस स्टॉप पर खड़ी बसें

बस ड्राइवर उमाशंकर ने बताया कि लॉकडाउन के कारण बसें बंद रहीं. इस दौरान तरबूज बेचकर अपने परिवार का गुजारा किया. उन्होंने कहा कि बसें चल ही नहीं रही तो सब्जी बेचकर अपना काम चला रहे हैं. बस ड्राइवर ने गुस्से में कहा कि अब तो जीने की ही इच्छा नहीं होती है.

Bus driver standing at bus stop, conductor
बस स्टॉप पर खड़े बस ड्राइवर, कंडक्टर

बस कंडेक्टर कृष्णकुमार नंदा ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि काम धंधा नहीं है. इसलिए आम बेचने को मजबूर हैं. लॉकडाउन ने रोजगार छीन लिया और अब कर्ज लेकर दुकानदारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इससे बस रोजी रोटी का ही गुजारा हो रहा है.

Bus conductor surviving fruit
फल बेच रहा बस कंडक्टर

बस मालिक विकास जयसवाल ने बताया कि लॉकडाउन के कारण हमारी तो कमर ही टूट गई है. उन्होंने कहा कि अब तो बस सर्विस नए सिरे से शुरू की जाएगी. जिसमें नए कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी. हालांकि बस मालिक इसे मुश्किल का काम बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि नये सिरे से बस शुरू करने के लिए कर्मचारियों की भी समस्या सामने आएगी. बस एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष लीला बरवे ने बताया कि हमने प्रशासन से कुल आठ मांगें रखी है.

मंडला। कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन ने लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर दिया है. लॉकडाउन में ढील देने के बाद भी लोगों के पास रोजगार नहीं है. जिसका असर शहरों से लेकर गांवों तक देखा जा सकता है. जिन लोगों की प्राइवेट नौकरियां थी वो लॉकडाउन की वजह से छूट गई हैं. जिससे उनके सामने परिवार का पेट भरना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है.

चालक-परिचालक सब्जी-फल बेचकर कर रहे गुजारा

लॉकडाउन की मार से मंडला के बस ड्राइवर, कंडक्टर और बस मालिक भी अछूते नहीं हैं. इनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. इसके लिए इन्हें वो काम करने पड़ रहे हैं. जिसकी इन्होंने सोची भी नहीं थी. पेट पालने के लिए बस ड्राइवर और कंडक्टर कहीं सब्जी का ठेला लगाकर अपना गुजारा कर रहे हैं तो कहीं फल का ठेला लगाकर दो जून की रोटी का बंदोबस्त कर रहे हैं.

Buses parked at bus stop
बस स्टॉप पर खड़ी बसें

बस ड्राइवर उमाशंकर ने बताया कि लॉकडाउन के कारण बसें बंद रहीं. इस दौरान तरबूज बेचकर अपने परिवार का गुजारा किया. उन्होंने कहा कि बसें चल ही नहीं रही तो सब्जी बेचकर अपना काम चला रहे हैं. बस ड्राइवर ने गुस्से में कहा कि अब तो जीने की ही इच्छा नहीं होती है.

Bus driver standing at bus stop, conductor
बस स्टॉप पर खड़े बस ड्राइवर, कंडक्टर

बस कंडेक्टर कृष्णकुमार नंदा ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि काम धंधा नहीं है. इसलिए आम बेचने को मजबूर हैं. लॉकडाउन ने रोजगार छीन लिया और अब कर्ज लेकर दुकानदारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इससे बस रोजी रोटी का ही गुजारा हो रहा है.

Bus conductor surviving fruit
फल बेच रहा बस कंडक्टर

बस मालिक विकास जयसवाल ने बताया कि लॉकडाउन के कारण हमारी तो कमर ही टूट गई है. उन्होंने कहा कि अब तो बस सर्विस नए सिरे से शुरू की जाएगी. जिसमें नए कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी. हालांकि बस मालिक इसे मुश्किल का काम बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि नये सिरे से बस शुरू करने के लिए कर्मचारियों की भी समस्या सामने आएगी. बस एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष लीला बरवे ने बताया कि हमने प्रशासन से कुल आठ मांगें रखी है.

Last Updated : Jun 19, 2020, 5:12 PM IST
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