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मंडला से 7वीं बार फग्गन सिंह कुलस्ते पर बीजेपी ने जताया भरोसा, आदिवासी वोटरों को साधने की जिम्मेदारी - स्टार प्रचारक

आदिवासी वोटरों को साधने के लिए बीजेपी ने सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारते हुए स्टार प्रचारक बनाया है. मंडला लोकसभा सीट से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते 7वीं बार चुनाव लड़ने जा रहे है.

आदिवासी वोटरों को साधने की जिम्मेदारी
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Published : Apr 10, 2019, 9:24 AM IST


मंडला। बीजेपी ने मंडला लोकसभा सीट से एक बार फिर सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते पर भरोसा जताया है. फग्गनसिंह कुलस्ते मंडला से सातवीं बार चुनावी मैदान में हैं. वे स्टार प्रचारक भी हैं. कुलस्ते आदिवासियों के बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं. प्रदेश में 29 में से 10 सीटें आरक्षित वर्ग के लिए हैं, जिनमें 6 सीट आदिवासियों के लिए जबकि 4 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. बीते चुनावों में सभी पर बीजेपी का कब्जा था, लेकिन विधानसभा चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी की राह अब इतनी आसान नहीं होगी.

आदिवासी मतदाताओं की नब्ज पकड़ने में माहिर मंडला लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार और वर्तमान सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते को बीजेपी ने स्टार प्रचारक की लिस्ट में स्थान दिया है. मोदी सरकार और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रह चुके फग्गनसिंह कुलस्ते मंडला से 7वीं बार चुनावी मैदान में हैं. कुलस्ते के नाम 5 जीत और एकमात्र हार दर्ज है. एक बार वे कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार बसोरी सिंह मसराम से चुनाव हार गए थे. फग्गनसिंह कुलस्ते प्रकोष्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं. ऐसे में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित प्रदेश की 6 सीटों पर फग्गनसिंह कुलस्ते को आदिवासी मतदाताओं को साधने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को बनाया स्टार प्रचारक

2014 के लोकसभा चुनावों की बात करें, तो प्रदेश की 29 सीटों में से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सभी 10 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया था. ऐसा पहली बार हुआ, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की आरक्षित 82 सीटों में से 47 पर कांग्रेस का कब्जा रहा. बीजेपी सिर्फ 34 सीट ही हासिल कर पाई थी. आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों की बात करें, तो 47 में से 30 सीटें कांग्रेस के पास है. ऐसे में फग्गनसिंह कुलस्ते के सामने बीजेपी से फिर आदिवासियों को जोड़ने की बड़ी चुनौती होगी. वहीं कांग्रेस भी आदिवासियों को फिर से अपने साथ जोड़ने की कवायद में है.


मंडला। बीजेपी ने मंडला लोकसभा सीट से एक बार फिर सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते पर भरोसा जताया है. फग्गनसिंह कुलस्ते मंडला से सातवीं बार चुनावी मैदान में हैं. वे स्टार प्रचारक भी हैं. कुलस्ते आदिवासियों के बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं. प्रदेश में 29 में से 10 सीटें आरक्षित वर्ग के लिए हैं, जिनमें 6 सीट आदिवासियों के लिए जबकि 4 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. बीते चुनावों में सभी पर बीजेपी का कब्जा था, लेकिन विधानसभा चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी की राह अब इतनी आसान नहीं होगी.

आदिवासी मतदाताओं की नब्ज पकड़ने में माहिर मंडला लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार और वर्तमान सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते को बीजेपी ने स्टार प्रचारक की लिस्ट में स्थान दिया है. मोदी सरकार और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रह चुके फग्गनसिंह कुलस्ते मंडला से 7वीं बार चुनावी मैदान में हैं. कुलस्ते के नाम 5 जीत और एकमात्र हार दर्ज है. एक बार वे कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार बसोरी सिंह मसराम से चुनाव हार गए थे. फग्गनसिंह कुलस्ते प्रकोष्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं. ऐसे में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित प्रदेश की 6 सीटों पर फग्गनसिंह कुलस्ते को आदिवासी मतदाताओं को साधने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को बनाया स्टार प्रचारक

2014 के लोकसभा चुनावों की बात करें, तो प्रदेश की 29 सीटों में से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सभी 10 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया था. ऐसा पहली बार हुआ, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की आरक्षित 82 सीटों में से 47 पर कांग्रेस का कब्जा रहा. बीजेपी सिर्फ 34 सीट ही हासिल कर पाई थी. आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों की बात करें, तो 47 में से 30 सीटें कांग्रेस के पास है. ऐसे में फग्गनसिंह कुलस्ते के सामने बीजेपी से फिर आदिवासियों को जोड़ने की बड़ी चुनौती होगी. वहीं कांग्रेस भी आदिवासियों को फिर से अपने साथ जोड़ने की कवायद में है.

Intro:note-- इस समाचार के लिए फाइल वीडियो का उपयोग किया जा सकता है,या फिर भाजपा कॉंग्रेश के वीडियो भी लगाए जा सकते हैं,चूंकि इस खबर पर पूरे प्रदेश के लोकसभा और विधानसभा के आंकड़े सामिल हैं।

मण्डला लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री वर्तमान सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते को भाजपा ने स्टार प्रचारकों की सूची में फिर से स्थान दिया है बता दें कि फग्गनसिंह कुलस्ते आदिवाशियों के बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं,वहीं प्रदेश की बात करें तो यहाँ 29 में से 10 सीटें आरक्षित वर्ग के लिए हैं जिनमे 6 आदिवासी के लिए जबकि 6 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं,बीते चुनावो में सभी पर भाजपा का कब्जा था लेकिन विधानसभा चुनावों के आंकड़े बताते है कि भाजपा की राह अब इतनी आसान नहीं।


Body:आदिवासी मतदाताओं की नब्ज पकड़ने में माहिर मण्डला लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार और वर्तमान सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते को भाजपा ने स्टार प्रचारक की लिस्ट में स्थान दिया है मोदी सरकार और अटल विहारी बाजपेयी की सरकार में मंत्री रह चुके फग्गनसिंह कुलस्ते मण्डला से सातवीं बार चुनावी मैदान में है जिनके नाम 5 जीत और एक मात्र हार दर्ज है जब वे कॉंग्रेश पार्टी के उम्मीदवार बसोरी सिंह मसराम से चुनाव हार गए थे, फग्गनसिंह कुलस्ते को आदिवाशियों का बड़ा नेता माना जाता है और भाजपा अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ट के वे राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं ऐसे में अनुसूचित जनजाती के लिए आरक्षित प्रदेश की 6 सीटों में फग्गनसिंह कुलस्ते को भाजपा के द्वारा आदिवासी मतदाताओं साधने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी,2013 के लोकसभा चुनावों की बात करें तो प्रदेश की 29 सीटों में से अनुसूचितजाति और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सभी 10 सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया था,जो पहली बार हुआ लेकिन 2018 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो प्रदेश की आरक्षित 82 सीटों में से 47 पर कोंग्रेस ने कब्जा किया तो भाजपा सिर्फ 34 सीट ही हासिल कर पाई,जबकि आदिवाशियों के लिए आरक्षित सीटों की बात करें तो 47 में से 30 सीटें कॉंग्रेश के पास हैं,ऐसे में फग्गनसिंह कुलस्ते के सामने भाजपा से फिर आदिवाशियों को जोड़ने की बड़ी चुनौती होगी जबकि कॉंग्रेश भी कभी अपने पारम्परिक वोट रहे आदिवाशियों को फिर से अपने साथ जोड़ने की कवायद में है।


Conclusion:भाजपा के स्टार प्रचारक फग्गनसिंह कुलस्ते के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उनकी लोकसभा के अंतर्गत आने वाली आठ में से 6 पर कॉंग्रेश का कब्जा है जबकि भाजपा के सिर्फ 2 विधायक है,ऐसी इस्तिथी में स्टार प्रचारक के रूप में फग्गनसिंह कुलस्ते एक बार फिर खुद को कितना साबित कर पाएंगे यह तो चुनावी सभाओं में आने वाली भीड़ ही तय करेगी।
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