मंडला। जिले के मवई विकासखंड में भारिया जनजाति के लोग रहते हैं, जिनका कहना है कि जिले में करीब 2 हजार जनसंख्या भारिया जनजाति की है, लेकिन मंडला जिले में उन्हें विशेष पिछड़ी जनजाति होने के बाद भी सरकारी योजनाओं और आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा.
नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
छिंदवाड़ा जिले की तामिया तहसील के पातालकोट में खोजी गयी भारिया जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा दिया गया है. जिन्हें अतिरिक्त आरक्षण का लाभ दिया जाता है, ताकि इस जनजाति का विकास हो. इसी तरह मंडला जिले में बैगा जनजाति के लिए नियम है, लेकिन मवई विकासखंड में रहने वाले भारिया जनजाति के लोगों का कहना है कि उन्हें मंडला में किसी भी तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ और आरक्षण नहीं मिल रहा है.
लंबे समय से कर रहे हैं आरक्षण की मांग
भारिया जनजाति की लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रही है , लेकिन शासन प्रशासन अब तक सिर्फ परीक्षण कराने की बात कर रहा है, जिससे कहीं न कहीं भारिया जनजाति की जिले में अनदेखी हो रही है. जिनकी जनसंख्या करीब 2 हजार है, भारिया समाज का कहना है कि बैगा जनजाति की तरह ही मंडला जिले में भी उन्हें विशेष दर्जा दिया जाए.
पूरे मामले पर आदिमजाति विकास विभाग के सहायक आयुक्त विजय तेकाम का कहना है कि भारिया जनजाति छिंदवाड़ा के पातालकोट में खोजी गयी विशेष पिछड़ी जनजाति है. वहीं मंडला, डिंडौरी, शहडोल में बैगा जनजाति को खास दर्जा प्राप्त है. ऐसे में जिले में इनका परीक्षण कराया जाएगा और पातालकोट से इनके संबंध पाया गया तो विशेष दर्जा देने पर विचार किया जाएगा.