खरगोन। मनरेगा योजना के तहत जिले भर में होने वाले कार्यों के लिए करोड़ों रुपये की राशि केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई है, मगर अधिकांश जगहों पर भ्रष्टाचार हो रहा है. यहां भी सरपंच-सचिव के भ्रष्टाचार के चलते मजदूरों के हक पर डाका डाला जा रहा है. जिम्मेदार योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं. ताजा मामला टांडा और अंदड ग्राम पंचायत का है, जहां ग्रामीणों ने सरपंच-सचिव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं.
ग्रामीण कमला बाई का कहना है कि वह विधवा है, जो कुटीर के लिए सरपंच-सचिव के पास गई थी, मगर 20 हजार रुपए की मांग की गई. कुटीर तो नहीं मिला, लेकिन हमारे नाम से दर्ज कुटीर को किसी अन्य व्यक्ति को दे दिया गया. वह दिहाड़ी मजदूरी करती है. तीन माह से मनरेगा में काम मांग रही है, पर अभी तक काम भी नहीं दिया गया है.
ग्रामीण अनीता बाई ने बताया कि गांव में 10-10 एकड़ जमीन वालों को मनरेगा में काम दिया जा रहा है, लेकिन उन्हें काम नहीं मिल रहा है, काम मांगते समय ये कहकर भगा दिया जाता है कि जहां जाना हो वहां जाओ. काम आएगा तब मिलेगा. अब न तो रहने के लिए छत मिल रही है और न ही शौचालय मिल रहा है.