खरगोन। रामनवमी के दौरान हिंसा में हुए नुकसान का आकलन और आरोपियों से उसकी वसूली करने के लिए सरकार द्वारा गठित ट्रिब्यूनल के सदस्य ने मंगलवार को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दल में अपर कलेक्टर एस एस मुजाल्दा, सेवानिवृत्त जज डॉ शिवकुमार मिश्रा और सेवानिवृत्त राज्य सचिव प्रभात पाराशर शामिल थे.
ट्रिब्यूनल के सदस्यों ने किया दौरा: इस महीने की शुरुआत में खरगोन शहर में रामनवमी के दौरान हिंसा हुई थी. जिसके बाद हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगा हुआ है. हिंसा के दौरान हुए नुकसान के आकलन से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए सरकार ने सार्वजनिक और निजी संपत्ति वसूली अधिनियम-2021 के प्रावधानों के अनुसार दो सदस्यीय दावा न्यायाधिकरण का गठन किया है. ट्रिब्युनल के सदस्यों ने दंगा प्रभावित इलाकों में पीड़ितों से मुलाकात भी की. इस दौरान सेवानिवृत्त न्यायाधीश शिवकुमार मिश्रा ने कहा, अभी दल ने क्षेत्र का दौरा भी किया उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जो जिम्मेदारी दी गई है वह पूरी की जाएगी. बुधवार से दावा आपत्ती के आवेदन लिए जाएंगे. साथ ही जिन लोगों को नुकसान हुआ है उनके प्रकरण सुने जाएंगे.
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खरगोन में अब क्या हैं हालात: 10 अप्रैल को जिले में हिंसा के बाद से कर्फ्यू लगाया गया था, जिसमें स्थानीय प्रशासन द्वारा हर दिन कुछ घंटों की ढील दी जा रही थी. सोमवार को लगातार तीसरे दिन खरगोन में सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक नौ घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई, कृषि मंडी को भी खोलने की अनुमति मिल गई है. स्थानीय प्रशासन 14 अप्रैल से कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दे रहा है. जिला प्रशासन के आदेश के अनुसार पेट्रोल पंपों, धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से मिट्टी के तेल की बिक्री के लिए कर्फ्यू में छूट लागू नहीं है. कर्फ्यू में ढील की अवधि के दौरान दूध, सब्जी, दवाई और नाई की दुकानें खुले रहने की अनुमति है.