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डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल, मरीज हो रहे हैं परेशान

खरगोन के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों का अभाव होने के चलते डॉक्टरों पर काम का दबाव बढ़ रहा है. जिसके चलते कई डॉक्टर वीआरएस ले चुके हैं. वहीं नर्सिंग स्टाफ भी अभाव में जूझ रहा है.

डॉक्टर के अभाव में जिला अस्पताल
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Published : Jul 9, 2019, 9:28 PM IST

खरगोन। जिला अस्पताल डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की कमी से जूझता नजर आ रहा है. डॉक्टरों के 34 पद रिक्त हैं, लेकिन 11 ही मौजूद हैं. जिला अस्पताल की बिल्डिंग भी जर्जर हो चुकी है.


खरगोन के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों का अभाव होने के चलते डॉक्टरों पर काम का दबाव बढ़ रहा है. जिसके चलते कई डॉक्टर वीआरएस ले चुके हैं. वहीं नर्सिंग स्टाफ भी अभाव में जूझ रहा है. अस्पताल में सौ ही कार्यरत हैं. डॉ आरके जायसवाल का कहना है कि पूरे प्रदेश में डॉक्टर्स की कमी है.

डॉक्टर के अभाव में जिला अस्पताल


ऐसे ही खरगोन में भी डॉक्टरों की कमी है. जिसके चलते अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों पर दबाव बढ़ रहा है. वहीं सिविल सर्जन आर जोशी का कहना है, कि जिले में डॉक्टरों के 34 पद स्वीकृत हैं. लेकिन 11 ही उपलब्ध हैं. इसी तरह नर्सिंग स्टाफ में के लिए भी 234 पद स्वीकृत है, जिसमें 115 ही मौजूद हैं. उस पर भी 15 मातृत्व अवकाश पर हैं.


एक नजर स्टाफ पर
चिकित्सक प्रथम के 34 पद रिक्त पड़े हुए हैं
नर्सिंग - स्वीकृत 234, कार्यरत 100
तृतीय श्रेणी- 262, कार्यरत 195
चतुर्थ श्रेणी-136, कार्यरत 64

खरगोन। जिला अस्पताल डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की कमी से जूझता नजर आ रहा है. डॉक्टरों के 34 पद रिक्त हैं, लेकिन 11 ही मौजूद हैं. जिला अस्पताल की बिल्डिंग भी जर्जर हो चुकी है.


खरगोन के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों का अभाव होने के चलते डॉक्टरों पर काम का दबाव बढ़ रहा है. जिसके चलते कई डॉक्टर वीआरएस ले चुके हैं. वहीं नर्सिंग स्टाफ भी अभाव में जूझ रहा है. अस्पताल में सौ ही कार्यरत हैं. डॉ आरके जायसवाल का कहना है कि पूरे प्रदेश में डॉक्टर्स की कमी है.

डॉक्टर के अभाव में जिला अस्पताल


ऐसे ही खरगोन में भी डॉक्टरों की कमी है. जिसके चलते अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों पर दबाव बढ़ रहा है. वहीं सिविल सर्जन आर जोशी का कहना है, कि जिले में डॉक्टरों के 34 पद स्वीकृत हैं. लेकिन 11 ही उपलब्ध हैं. इसी तरह नर्सिंग स्टाफ में के लिए भी 234 पद स्वीकृत है, जिसमें 115 ही मौजूद हैं. उस पर भी 15 मातृत्व अवकाश पर हैं.


एक नजर स्टाफ पर
चिकित्सक प्रथम के 34 पद रिक्त पड़े हुए हैं
नर्सिंग - स्वीकृत 234, कार्यरत 100
तृतीय श्रेणी- 262, कार्यरत 195
चतुर्थ श्रेणी-136, कार्यरत 64

Intro:खरगोन जिले का जिला चिकित्सालय का आज ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक किया। जिसमें साफ सफाई के साथ दवाइयां माकूल स्थिति में है परंतु चिकित्सालय में डॉक्टरों की कमी और नर्सिंग स्टाफ की कमी नजर आई है। जो शासन स्तर पर मांगे लंबित पड़ी है।


Body:खरगोन जिले के शासकीय अस्पताल में जब ईटीवी भारत की टीम ने रियलिटी चेक करने पहुंची। तो यहां पर साफ-सफाई से लेकर दवाइयों की माकूल व्यवस्था थी। परंतु डॉक्टरों के अभाव में डॉक्टरों पर दबाव बढ़ा रहा है । जिसके कारण कई डॉक्टर वीआरएस ले चुके हैं वही नर्सिंग स्टाफ पर नजर डाले तो उसमें भी महज सौ ही कार्यरत है। इस पर अधिकांश समय मरीजो को चेक करने वाले डॉ आरके जायसवाल ने बताया पूरे प्रदेश में डॉक्टरर्स कई कमी है। ऐसे ही खरगोन में भी कमी है। डॉक्टरों की कमी के कारण दबाव तो रहता है।
बाइट डॉ आरके जायसवाल वरिष्ठ चिकित्सक
वही सिविल सर्जन आर जोशी ने बताया कि खरगोन जिले में डॉक्टरों के 34 पद स्वीकृत है परंतु 11 ही उपलब्ध है इसी प्रकार नर्सिंग स्टाफ में भी नर्सिंग स्टाफ 234 पद स्वीकृत है परंतु 115 नर्सिंग स्टाफ ही है जिस में भी 15 मातृत्व अवकाश पर हैं बाइट आर जोशी सिविल सर्जन
एक नजर स्टाफ पर
चिकित्सक प्रथम 34 पद कार्यरत 11 रिक्त 23
नर्सिंग - स्वीकृत 234 कार्यरत 100
तृतीय श्रेणी 262 कार्यरत 195
चतुर्थ श्रेणी 136 कार्यरत 64
रिक्त 74


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