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समाज सेवा की मिसाल बने 'गड़बड़ सेठ', कई सालों से खुद भर रहे हैं सड़कों के गड्ढे - gadbad seth in khargon

खरगोन जिले की बड़वाह तहसील में समाजसेवी गड़बड़ सेठ उर्फ कपिल तिवारी पिछले तीन सालों से खुद के खर्च पर इंदौर-इच्छापुर सड़क मार्ग के गड्ढे भरने काम कर रहे हैं.

गड्ढे भरते हुए कपिल तिवारी
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Published : Oct 28, 2019, 8:22 PM IST

Updated : Oct 28, 2019, 8:54 PM IST

खरगोन। बड़वाह तहसील से गुजरने वाले इंदौर-इच्छापुर सड़क मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढों के चलते वहां से निकलने वाली एंबुलेंस के मरीजों और राहगीरों को परेशानी का सामना न करना पड़े, जिसके लिए समाज सेवी कपिल तिवारी सड़कों के गड्ढों को भरवाने का काम करवा रहे हैं. ये काम वे पिछले कई सालों से कर रहे हैं.

समाज सेवा की मिसाल बने गड़बड़ सेठ

इलाके में गड़बड़ सेठ के नाम से पहचाने जाने वाले कपिल तिवारी को अगर तीन से चार किलोमीटर की सीमा रेखा में सड़क पर अगर कहीं भी गड्ढा दिखता है, तो फावड़ा लेकर निकल पड़ते हैं और खुद ही उसे भरने में जुट जाते हैं. कपिल तिवारी बताते है कि एंबुलेंस में मरीज गंभीर हालत में होता है और अगर इन गड्ढों की वजह से उसे देर हो गई और समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाया, तो उसके जान भी जा सकती है. जिसकी वजह से वे कई सालों से लगातार ये काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस काम में कभी- कभी आस-पास के लोग भी उनका सहयोग करते हैं. बता दें गड़बड़ सेठ एक ढाबा चलाते हैं.

इतना ही नहीं प्रशासन भले ही एक बार सड़क बनाकर भूल जाते हैं, लेकिन गड़बड सेठ अपने भरे गड्ढों को चेक करना नहीं भूलते है. वे लगातार सड़क का मुआयना करते रहते हैं.

खरगोन। बड़वाह तहसील से गुजरने वाले इंदौर-इच्छापुर सड़क मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढों के चलते वहां से निकलने वाली एंबुलेंस के मरीजों और राहगीरों को परेशानी का सामना न करना पड़े, जिसके लिए समाज सेवी कपिल तिवारी सड़कों के गड्ढों को भरवाने का काम करवा रहे हैं. ये काम वे पिछले कई सालों से कर रहे हैं.

समाज सेवा की मिसाल बने गड़बड़ सेठ

इलाके में गड़बड़ सेठ के नाम से पहचाने जाने वाले कपिल तिवारी को अगर तीन से चार किलोमीटर की सीमा रेखा में सड़क पर अगर कहीं भी गड्ढा दिखता है, तो फावड़ा लेकर निकल पड़ते हैं और खुद ही उसे भरने में जुट जाते हैं. कपिल तिवारी बताते है कि एंबुलेंस में मरीज गंभीर हालत में होता है और अगर इन गड्ढों की वजह से उसे देर हो गई और समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाया, तो उसके जान भी जा सकती है. जिसकी वजह से वे कई सालों से लगातार ये काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस काम में कभी- कभी आस-पास के लोग भी उनका सहयोग करते हैं. बता दें गड़बड़ सेठ एक ढाबा चलाते हैं.

इतना ही नहीं प्रशासन भले ही एक बार सड़क बनाकर भूल जाते हैं, लेकिन गड़बड सेठ अपने भरे गड्ढों को चेक करना नहीं भूलते है. वे लगातार सड़क का मुआयना करते रहते हैं.

Intro:एंकर
इंदौर इच्छापुर राजमार्ग को शासन और प्रशासन ने लावारिस छोड़ा दिया है। वही
पिछले तीन वर्षों से अकेले मेहनत कर अपने खर्चे से इंदौर इच्छापुर हायवे पर गड्ढे भरने के लिये ईट के टुकड़े गिट्टी मुरम इत्यादि सामग्री एकत्रित कर गड्ढो को भरते आ रहे।
Body:खरगोन जिले के बड़वाह से होकर गुजरने वाले इंदौर इच्छापुर मार्ग पर बड़े बड़े गड्ढे होने से एम्बुलेंस के मरीजों ओर राहगिरो की परेशानी को देखते हुए। पंडित ढाबे के संचालक समाजसेवी कपिल तिवारी उर्फ गड़बड़ सेठ रात देखते नही दिन जब भी कोई तीन चार किमी के क्षेत्र में बड़ा गड्ढा दिखता तुरन्त सामग्री लेकर गड्डा भरने अकेले निकल जाते हैं।
कपिल तिवारी बताते हैं
मध्यप्रदेश की सीमा को महाराष्ट्र से जोड़ने वाला 203 किमी लम्बा इंदौर-इच्छापुर हायवे इन दिनों बड़े बड़े गड्डो से खस्ताहाल हो गया है।
गहरी नींद में सोया शासन प्रशासन की अनदेखी से इंदौर इच्छापुर हायवे की हालत खराब है। गड्डो की वजह से बच्चे व बुजुर्गों को लगने वाले दचके से घायल हो जाते हैं वही इस मार्ग से निकलने वाली इमरजेंसी एम्बुलेंस में स्थित मरीज भी समय पर
इलाज से वंचित रह जाता है।

वह बताते हैं एक गड्ढे को भरने के 8 दिन बाद पुनः उसे भरते हैं। आठ दिनों में भरा हुआ गड्डा पुनः अपने पुराने आकर में आ जाता है।

01बाइट-कपिल तिवारी,गड़बड़ सेठ,

02बाइट-महेश वाहन चालकConclusion:
Last Updated : Oct 28, 2019, 8:54 PM IST
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