खरगोन। कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद अनलॉक के जरिए जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन गरीब तबका और मध्यम वर्ग की हालात में सुधार होता नहीं दिख रहा. निमाड़ अंचल के खरगोन जिले में भी हालत कुछ ऐसे ही हैं. यहां छोटे-मोटे दुकानदार, रोजमर्रा के काम करने वाले मजदूर और किसानों की हालात अभी भी खराब नजर आ रही है.
थोक बाजार में बढ़ गए दाम
खरगोन में इलेक्ट्रीसियन का काम कारने वाले संतोष सोनी बताते हैं कि थोक बाजार में ज्यादातर स्पेयर पार्ट मार्केट में मिल ही नहीं रहे हैं. अगर कुछ मिल भी रहे हैं तो उनकी कीमत पहले से 50 प्रतिशत ज्यादा है, जिस कारण वे भी मशानों के रिपेयरिंग के रेट बढ़ा दिए हैं.
किसान पर कोरोना के साथ बारिश का कहर
बात अगर किसानों की करें तो पहले से परेशान किसान को अनलॉक के दौर में हुई भारी बारिश ने दोबारा पहले जैसे हालात में ला दिया है. बारिश के कहर के बाद जो फसल बची हुई है उसका भी सही दाम किसानों को नसीब नहीं हुआ. लिहाजा रोजमर्रा के जरूरत का समानों के दाम भी बढ़ चुके हैं, ऐसे में किसानों के सामने परिवार का भरण पोषण करने की चुनौती खड़ी हो गई है.
कम प्रोडक्सन से बढ़ी मंहगाई
बाजार के जानकार दीपक महाजन बताते हैं कि कोराना काल के दौरान मजदूर माइग्रेट कर गए. कारखानों को मजदूर नहीं मिले, जिस कारण प्रोडक्शन करीब-करीब बंद ही रहा. वहीं अनलॉक हुआ तो अचानक मांग बढ़ गई, जिस कारण बाजार में मंहगाई बढ़ने लगी है.
हालात सामान्य होने की उम्मीद
कोरोना ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है. करीब सात-आठ महीने पहले आई इस बीमारी ने हर वर्ग को परेशानी में डाल दिया. लिहाजा कोरोना को रोकने के लिए लॉकडाउन का सहारा लिया गया, लेकिन यह लॉकडाउन उन लोगों को लिए मुसीबत लेकर आया जो रोज कमाते और खाते हैं. अब सभी को उम्मीद है कि कोरोना का टीका विकसित हो और जल्द हालात सामान्य हों.