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गणेश उत्सव और मुहर्रम को लेकर शांति समिति की बैठक, गणेश पूजन में इन नियमों का रखें ध्यान...

गणेश उत्सव और मुहर्रम को लेकर प्रशासन और व्यापारियों के बीच शांति बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान मूर्तियां और ताजियों की ऊंचाई 2 फीट तय की गई है. कोरोना से बचाव के चलते इस बार घर पर गणेश भगवान की स्थापना होगी. स्थापना का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 45 मिनट बताया गया है.

Lord Ganesha
गणेश उत्सव
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Published : Aug 20, 2020, 4:08 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 5:18 PM IST

खरगोन । जिले में गणेश उत्सव और मोहर्रम को लेकर शांति समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में सभी की अनुमति से कोरोना महामारी के चलते गणेश उत्सव और मोहर्रम के दौरान मूर्तियों और ताजियों की ऊंचाई 2 फीट तक तय की गई है. गणेशजी की मूर्ति विक्रेताओं का कहना है कि कोविड महामारी के चलते जिला प्रशासन के जारी निर्देशों का पालन करते हुए मिट्टी की गणेश मूर्तियां बेचने के लिए लाई गई हैं.

शांति समिति की बैठक

विक्रेताओं का कहना है कि पहले 4 से 5 फीट की मूर्तियां लाते थे, इस साल व्यापारियों की आर्थिक हालत खराब है. इस साल सार्वजनिक पंडाल न लगते हुए घर पर ही गणेश स्थापना की जाएगी.

Ganesh Utsav
गणेश उत्सव

घर पर ही गणेश भगवान से कोरोना महामारी खत्म करने की प्रार्थना की जाएगी. विक्रेताओं का कहना है कोरोना से बचाव के लिए हम मूर्ति खरीदने वाले लोगों को मास्क लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. SDM सत्येंद्र सिंह ने कहा कि कलेक्टर के निर्देशन में आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए शांति समिति की बैठक हुई और जरुरी निर्देश दिए गए.

Lord Ganesha
भगवान गणेश की मूर्तियां

गणेश चतुर्थी मुहूर्त

श्री गणेश विघ्नहर्ता हैं. जो भी श्रद्धालु भगवान गणेश की पूजा करता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 21 अगस्त शुक्रवार को रात 11 बजकर 2 मिनट से हो रही है, जो 22 अगस्त को शाम 7 बजकर 57 मिनट तक रहेगी. पूजा का विशेष मुहूर्त 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक है. वहीं पूजन का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 45 मिनट है.

पूजन में अपनाएं ये नियम

सुबह ब्रम्हमुहूर्त में उठकर स्नान करें.

पूजन की सारी तैयारी कर लें और शुद्ध आसन पर बैठ जाएं.

मूर्ति का मुंह पूर्व दिशा की ओर रखें.

पूजन में खास तौर पर फूल, धूप, दीप, कपूर, रोली, मोली, चंदन, मोदक सहित अन्य सामान लें.

गणेश भगवान को दूवा जरुर चढ़ाएं, इससे वंश वृध्दि होती है.

108 बार ओम गं गणपतये नम: का जाम करें.

शिव जी, गोरी, नंदी और कार्तिकेय की भी पूजा साथ में करें.

शास्त्रों के मुताबिक गणेश मूर्ति का विसर्जन 1, 2, 3, 5, 7, 10 जैसे दिनों तक पूजा करके विसर्जन करें.

खरगोन । जिले में गणेश उत्सव और मोहर्रम को लेकर शांति समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में सभी की अनुमति से कोरोना महामारी के चलते गणेश उत्सव और मोहर्रम के दौरान मूर्तियों और ताजियों की ऊंचाई 2 फीट तक तय की गई है. गणेशजी की मूर्ति विक्रेताओं का कहना है कि कोविड महामारी के चलते जिला प्रशासन के जारी निर्देशों का पालन करते हुए मिट्टी की गणेश मूर्तियां बेचने के लिए लाई गई हैं.

शांति समिति की बैठक

विक्रेताओं का कहना है कि पहले 4 से 5 फीट की मूर्तियां लाते थे, इस साल व्यापारियों की आर्थिक हालत खराब है. इस साल सार्वजनिक पंडाल न लगते हुए घर पर ही गणेश स्थापना की जाएगी.

Ganesh Utsav
गणेश उत्सव

घर पर ही गणेश भगवान से कोरोना महामारी खत्म करने की प्रार्थना की जाएगी. विक्रेताओं का कहना है कोरोना से बचाव के लिए हम मूर्ति खरीदने वाले लोगों को मास्क लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. SDM सत्येंद्र सिंह ने कहा कि कलेक्टर के निर्देशन में आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए शांति समिति की बैठक हुई और जरुरी निर्देश दिए गए.

Lord Ganesha
भगवान गणेश की मूर्तियां

गणेश चतुर्थी मुहूर्त

श्री गणेश विघ्नहर्ता हैं. जो भी श्रद्धालु भगवान गणेश की पूजा करता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 21 अगस्त शुक्रवार को रात 11 बजकर 2 मिनट से हो रही है, जो 22 अगस्त को शाम 7 बजकर 57 मिनट तक रहेगी. पूजा का विशेष मुहूर्त 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक है. वहीं पूजन का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 45 मिनट है.

पूजन में अपनाएं ये नियम

सुबह ब्रम्हमुहूर्त में उठकर स्नान करें.

पूजन की सारी तैयारी कर लें और शुद्ध आसन पर बैठ जाएं.

मूर्ति का मुंह पूर्व दिशा की ओर रखें.

पूजन में खास तौर पर फूल, धूप, दीप, कपूर, रोली, मोली, चंदन, मोदक सहित अन्य सामान लें.

गणेश भगवान को दूवा जरुर चढ़ाएं, इससे वंश वृध्दि होती है.

108 बार ओम गं गणपतये नम: का जाम करें.

शिव जी, गोरी, नंदी और कार्तिकेय की भी पूजा साथ में करें.

शास्त्रों के मुताबिक गणेश मूर्ति का विसर्जन 1, 2, 3, 5, 7, 10 जैसे दिनों तक पूजा करके विसर्जन करें.

Last Updated : Aug 20, 2020, 5:18 PM IST
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