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खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रही नर्मदा, प्रशासन ने जारी किया हाई अलर्ट

ओंकारेश्वर बांध के 21 गेट खोले जाने से नर्मदा नदी उफान पर आ गई है, जो खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रही है. इसकी वजह से प्रशासन ने हाई अलर्ट भी जारी कर दिया है.

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Published : Aug 30, 2020, 3:06 AM IST

high alert by administration
नर्मदा नदी उफान पर

खरगोन। मध्यप्रदेश में बीते दिनों से हो रही तेज बारिश की वजह से ओंकारेश्वर बांध के 21 गेट खोल दिए गए. लगातार पानी छोड़े जाने के चलते नर्मदा नदी उफान पर आ गई है, जो खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर बह रही है, अब इससे खतरे की स्थिति बनी हुई है.

बाढ़ के पानी ने केंद्रीय जल आयोग कार्यालय मोरटक्का के खतरे के निशान 163.980 को पार कर दिया है. दोपहर 3 बजे मोरटक्का पुल पर आवागमन पूर्ण रूप से प्रतिबंध करने के लिए आवश्यक 165 मीटर के खतरे के निशान को पार कर दिया है. शाम 5 बजे तक 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे नर्मदा का जल स्तर तेजी से बढ़कर रात 8 बजे तक 168 पर पहुंच गया. अगर इसी तरह से जलस्तर बढ़ता रहा, तो देर रात या फिर अगले ही दिन बाढ़ का पानी पुल को अपनी चपेट में ले लेगा.

प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दोपहर 2 बजे से ही मोरटक्का पुल के दोनों ओर बेरिकेट्स लगाकर आवागमन बंद कर दिया था. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए. यहा पंचायत, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग पूरी मुस्तैदी क साथ डटा हुआ है. नाविक और गोताखोर भी किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. नर्मदा नदी के उफान पर आने से बड़ी संख्या में लोग घाट पर जुट रहे हैं, जिन्हें निर्धारित स्थान से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है. एक्वाडक्ट पुल पर भी लोग एकत्रित हो रहे हैं. इधर एसडीएम मिलिंद ढ़ोके, एसडीओपी शैलेन्द्र श्रीवास्तव, तहसीलदार विवेक सोनकर, थाना प्रभारी संजय द्विवेदी लगातार तटीय क्षेत्रों का निरिक्षण कर रहे हैं, ताकि बड़ी दुर्घटना को होने से रोका जा सके.

खरगोन। मध्यप्रदेश में बीते दिनों से हो रही तेज बारिश की वजह से ओंकारेश्वर बांध के 21 गेट खोल दिए गए. लगातार पानी छोड़े जाने के चलते नर्मदा नदी उफान पर आ गई है, जो खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर बह रही है, अब इससे खतरे की स्थिति बनी हुई है.

बाढ़ के पानी ने केंद्रीय जल आयोग कार्यालय मोरटक्का के खतरे के निशान 163.980 को पार कर दिया है. दोपहर 3 बजे मोरटक्का पुल पर आवागमन पूर्ण रूप से प्रतिबंध करने के लिए आवश्यक 165 मीटर के खतरे के निशान को पार कर दिया है. शाम 5 बजे तक 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे नर्मदा का जल स्तर तेजी से बढ़कर रात 8 बजे तक 168 पर पहुंच गया. अगर इसी तरह से जलस्तर बढ़ता रहा, तो देर रात या फिर अगले ही दिन बाढ़ का पानी पुल को अपनी चपेट में ले लेगा.

प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दोपहर 2 बजे से ही मोरटक्का पुल के दोनों ओर बेरिकेट्स लगाकर आवागमन बंद कर दिया था. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए. यहा पंचायत, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग पूरी मुस्तैदी क साथ डटा हुआ है. नाविक और गोताखोर भी किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. नर्मदा नदी के उफान पर आने से बड़ी संख्या में लोग घाट पर जुट रहे हैं, जिन्हें निर्धारित स्थान से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है. एक्वाडक्ट पुल पर भी लोग एकत्रित हो रहे हैं. इधर एसडीएम मिलिंद ढ़ोके, एसडीओपी शैलेन्द्र श्रीवास्तव, तहसीलदार विवेक सोनकर, थाना प्रभारी संजय द्विवेदी लगातार तटीय क्षेत्रों का निरिक्षण कर रहे हैं, ताकि बड़ी दुर्घटना को होने से रोका जा सके.

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