खरगोन। मध्यप्रदेश में स्वास्थ सुविधाएं बेहतर बनाने के लिए सरकार प्रतिदिन नए-नए नवाचार प्रारंभ करती है, ताकि आमजन को बेहतर स्वास्थ सुविधाएं उपलब्ध हो सके. लेकिन उन्हें जमीनी स्तर पर सही तरीके से अमलीजामा न पहनाए जाने के कारण आज भी आदिवासी क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण स्वास्थ सुविधाओं का लाभ नहीं ले पा रहे है. ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के अंतर्गत आने वाले आदवासी क्षेत्र चौपाली गांव का सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसमे एक गर्भवती महिला को एंबुलेंस न मिलने के कारण परिजन बैलगाड़ी में स्वास्थ केंद्र तक ले जाते हुए नजर आ रहे हैं.
बैलगाड़ी से 6km चलकर अस्पताल पहुंची महिला: जानकारी के मुताबिक, बुधवार शाम को चौपाली गांव की एक 28 वर्षीय महिला रविता बाई पति बलिराम को अचानक प्रसव पीड़ा हुई. जिसे अस्पताल पहुंचाने के लिए परिवार वालों ने 108 एंबुलेंस को कॉल किया. कई बार कोशिश करने के बावजूद जब 108 एंबुलेंस के चालक से उनकी बात हुई तो उसने गाड़ी उपलब्ध न होने की बात कह कर फोन उठाना ही बंद कर दिया. जिसके पश्चात मजबूर होकर परिवार के लोग दर्द से कराह रही महिला को बैलगाड़ी पर बैठाकर 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हेलापड़ावा उप स्वास्थ्य केन्द्र तक लेकर पहुंचे. गर्भवती कराहते हुए करीब 2 घंटे के बाद उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. जहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया.
BMO ने कही जांच की बात: उक्त मामले में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर सुनील चौहान का कहना है कि ''चौपाली गांव की गर्भवती महिला रविता बाई ने हेलापड़ावा स्वास्थ केंद्र में बच्चे को जन्म दिया है. प्रसव करा दिया गया है, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.'' 108 एंबुलेंस के समय पर न पहुंचने को लेकर बीएमओ ने कहा ''इस मामले की हम जांच कराएंगे जिसके पश्चात आगामी कार्रवाई की जायेगी.''