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खरगोन में मुस्लिम समुदाय का शादी में फिजूलखर्ची रोकने का प्लान, डीजे बजा तो निकाह नहीं पढ़ाएंगे

खरगोन में मुस्लिम समुदाय की बैठक में निर्णय लिया गया कि शादी में डीजे बजाने और नाच गाने होने पर काज़ी साहब निकाह नहीं पढ़ाएंगे. Khargone not perform Nikah if DJ play

Muslim community plans to stop wasteful expenditure
मुस्लिम समुदाय ने शादी में फिजूलखर्ची रोकने का प्लान
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 18, 2024, 7:53 PM IST

मुस्लिम समुदाय ने शादी में फिजूलखर्ची रोकने का प्लान

खरगोन। खरगोन जिले में मुस्लिम समुदाय ने शादियों में होने वाली फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने व शरीयत के मुताबिक शादी संपन्न कराने के उद्देश्य से एक अनोखी पहल की है. इसके तहत शादी में फिजूलखर्ची रोकने के लिए निर्णय लिए गए हैं. डीजे व बैंड बजाने बजाने वाले के यहां काजी साहब निकाह नहीं पढ़ाएंगे.

बैठक में ये फैसला : शहर के रामेश्वर टाकीज स्थित मदरसा इस्लामिया कार्यालय में आयोजित बैठक में मुफ़्ती तारिक, मुफ़्ती सोएब, मुफ़्ती इरफान, मुफ़्ती मोइज आदि की मौजूदगी में यह निर्णय लिया गया है. कमेटी के सदर मुसअब जिलानी ने बताया कि समाज में होने वाली शादी में इन दिनों भटकाव दिखाई दे रहा है. शरीयत और सुन्नत के हिसाब से शादी न करते हुए शादी समारोह के आयोजन में डीजे, बाजे, आतिशबाजी, नाच-गाने, जुआ खेलने एवं अन्य प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

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समाज के लोगों से आह्वान : बैठक में कहा गया कि शादी में इस प्रकार की खुराफात शरीयत के खिलाफ है. यदि ऐसे कार्यक्रम किए गए तो वहां मौलाना हाफिज शादी में निकाह नहीं पढ़ाएंगे और ना ही उस शादी में किसी अन्य जगह के हाफिज अथवा मौलाना शामिल होंगे. इस दौरान समाज के लोगों से भी दरखास्त की गई जाएगी कि ऐसे कार्यक्रम आयोजित नहीं किये जाएं. समाज के लोग भी इसका बहिष्कार करें और शादी में शरीक ना हों. इस निर्णय को अमल में लाने के लिये मोहल्ला कमेटी भी बनाई जा रही है.

मुस्लिम समुदाय ने शादी में फिजूलखर्ची रोकने का प्लान

खरगोन। खरगोन जिले में मुस्लिम समुदाय ने शादियों में होने वाली फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने व शरीयत के मुताबिक शादी संपन्न कराने के उद्देश्य से एक अनोखी पहल की है. इसके तहत शादी में फिजूलखर्ची रोकने के लिए निर्णय लिए गए हैं. डीजे व बैंड बजाने बजाने वाले के यहां काजी साहब निकाह नहीं पढ़ाएंगे.

बैठक में ये फैसला : शहर के रामेश्वर टाकीज स्थित मदरसा इस्लामिया कार्यालय में आयोजित बैठक में मुफ़्ती तारिक, मुफ़्ती सोएब, मुफ़्ती इरफान, मुफ़्ती मोइज आदि की मौजूदगी में यह निर्णय लिया गया है. कमेटी के सदर मुसअब जिलानी ने बताया कि समाज में होने वाली शादी में इन दिनों भटकाव दिखाई दे रहा है. शरीयत और सुन्नत के हिसाब से शादी न करते हुए शादी समारोह के आयोजन में डीजे, बाजे, आतिशबाजी, नाच-गाने, जुआ खेलने एवं अन्य प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

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समाज के लोगों से आह्वान : बैठक में कहा गया कि शादी में इस प्रकार की खुराफात शरीयत के खिलाफ है. यदि ऐसे कार्यक्रम किए गए तो वहां मौलाना हाफिज शादी में निकाह नहीं पढ़ाएंगे और ना ही उस शादी में किसी अन्य जगह के हाफिज अथवा मौलाना शामिल होंगे. इस दौरान समाज के लोगों से भी दरखास्त की गई जाएगी कि ऐसे कार्यक्रम आयोजित नहीं किये जाएं. समाज के लोग भी इसका बहिष्कार करें और शादी में शरीक ना हों. इस निर्णय को अमल में लाने के लिये मोहल्ला कमेटी भी बनाई जा रही है.

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