खरगोन। खासगी ट्रस्ट मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने एक्शन लिया है. पर्यटन नगरी महेश्वर में ऐतिहासिक किला ,राजवाड़ा प्राचीन मंदिर,नर्मदा घाट, हवामहल और खेती की जमीन पर खासगी ट्रस्ट के कब्जे को हटाते हुए प्रशासन ने 102 संपत्तियों अपने को कब्जे में ले लिया है.
जांच दल का गठन
हाईकोर्ट ने 2014 के बाद तमाम संपत्तियों को लेकर यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. साथ ही नवीन निर्माण पर प्रतिबंध लगाया है. इन तमाम बिंदुओं की जांच के लिए जिला प्रशासन के द्वारा एक प्रारूप बनाया गया है. जिसमें दो दल गठित किए हैं. ये टीमें नवीन निर्माण, लीज, संपत्तियों की स्थिति और उनसे होने वाली आय की जांच करके उसका प्रतिवेदन शासन को भेजा जाएगा.
लीज की राशि में 'घोटाला'
एसडीएम संघ प्रिय ने कहा कि कितनी जमीन को लीज और व्यवसायिक इस्तेमाल में लिया उसका भी सत्यापन होगा. उदाहरण के तौर पर लबूज कैफे और लाडवी में कृषि भूमि को लीज पर दिया था, इसके एवज में बेहद कम राशि दी गई थी. इसका विस्तृत प्रतिवेदन शासन को सौंपा जाएगा.
संपत्ति बिक्री की बात नहीं आई सामने
अगर कोई भी संपत्ति बेची गई होगी तो उसे हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक वापस लाया जाएगा. हालांकि अभी तक संपत्ति बिक्री की बात सामने नहीं आई है. चार संपत्तियों के बारे में जानकारी सामने आई है, जो लीज पर दी गईं हैं. इसमें फोर्ट के दो हिस्से हैं, लबूज कैफे और कृषि भूमि हैं.
संपत्तियों की सुरक्षा प्रशासन की जिम्मेदारी
एसडीएम के मुताबिक तमाम संपत्तियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की हैं. इंदौर संभागायुक्त ने निर्देशित किया है कि यहां चौकीदारों को नियुक्त किया जाए. खासगी ट्रस्ट का कोई रोल नहीं है. ट्रस्ट के जो प्रबंधक थे, वो अब शासन के प्रतिनिधि हैं. कब्जे में ली गईं संपत्तियों में महेश्वर की 101 और कसरावद की एक संपत्ति शामिल है.ये सभी सम्पत्तियां अब सरकार की संपत्ति होगी.सरकार व प्रशासन इन संपत्तियों की सुरक्षा करेगा.
लोगों में खुशी की लहर
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की इस कार्रवाई से देवी अहिल्याबाई की विरासत को सहेजा जा सकेगा. साथ ही इन संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्ति मिलेगी. जिससे आम लोग इस धरोहर के दर्शन कर सकेंगे.
खासगी ट्रस्ट क्या है?
खासगी ट्रस्ट असल में मध्य प्रदेश सरकार और जनता की ऐतिहासिक जमीन की देखरेख करने वाली संस्था है. जिसे प्रदेश सरकार ने पुरातन जमीनों की देखरेख की जिम्मेदारी दी थी. खासगी ट्रस्ट के पास कुल 246 संपत्तियों की जिम्मेदारी थी, जिनमें 138 मंदिर, 18 धर्मशालाएं, 34 घाट, 12 छतरियां, 24 बगीचे व कुंड शामिल है. ये संपत्तियां देश के कई राज्यों में मौजूद हैं. इनमें से अधिकतर संपत्तियों को बेचे जाने और उन पर अवैध निर्माण का मामला सामने आया था.