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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन - Protest against petrol diesel price hike

पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि के विरोध में जिला कांग्रेस ने कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन सौंपा और कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने पर बस और ट्रक मालिकों को फर्क नहीं पड़ता, बल्कि इसकी मार सीधे आम जनता पर पड़ती है.

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प्रदर्शन करते कांग्रेसी
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Published : Jun 24, 2020, 4:54 PM IST

खरगोन। पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि के विरोध में जिला कांग्रेस ने कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन सौंपा और कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने पर बस और ट्रक मालिकों को फर्क नहीं पड़ता, बल्कि इसकी मार सीधे आम जनता पर पड़ती है. ज्ञापन देते समय पूर्व काबीना मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ, जिला कांग्रेस अध्यक्ष और भीकन गांव विधायक झूमा सोलंकी, बड़वाह विधायक सचिन बिरला सहित कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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ज्ञापन सौंपते कांग्रेसी

पूर्व मंत्री ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की मूल्य वृद्धि का असर बस मालिकों और ट्रांसपोर्ट भाइयों पर नहीं होता है, बल्कि इसका असर सीधा आम जनता पर पड़ता है क्योंकि महंगाई बहुत बढ़ गई है. यूपीए सरकार के समय कच्चे तेल की कीमत 35 से 40 डॉलर प्रति बैरल हुआ करती थी, आज भी कच्चे तेल की कीमत वही है, पर पेट्रोल डीजल की कीमतों में जमीन आसमान का अंतर आ गया है. आज हमें 25 प्रति लीटर पेट्रोल मिलना चाहिए.

विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि भाजपा में अधिकारी सरकार चलाते हैं, उनकी मर्जी हो तो ज्ञापन लेने आएं नहीं तो न आएं. कांग्रेस के शासन में ऐसा नहीं होता था, अधिकारियों पर कांग्रेस का दबाव रहता था कि आम जनता के लिए अधिकारी अलर्ट रहें.

खरगोन। पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि के विरोध में जिला कांग्रेस ने कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन सौंपा और कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने पर बस और ट्रक मालिकों को फर्क नहीं पड़ता, बल्कि इसकी मार सीधे आम जनता पर पड़ती है. ज्ञापन देते समय पूर्व काबीना मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ, जिला कांग्रेस अध्यक्ष और भीकन गांव विधायक झूमा सोलंकी, बड़वाह विधायक सचिन बिरला सहित कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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ज्ञापन सौंपते कांग्रेसी

पूर्व मंत्री ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की मूल्य वृद्धि का असर बस मालिकों और ट्रांसपोर्ट भाइयों पर नहीं होता है, बल्कि इसका असर सीधा आम जनता पर पड़ता है क्योंकि महंगाई बहुत बढ़ गई है. यूपीए सरकार के समय कच्चे तेल की कीमत 35 से 40 डॉलर प्रति बैरल हुआ करती थी, आज भी कच्चे तेल की कीमत वही है, पर पेट्रोल डीजल की कीमतों में जमीन आसमान का अंतर आ गया है. आज हमें 25 प्रति लीटर पेट्रोल मिलना चाहिए.

विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि भाजपा में अधिकारी सरकार चलाते हैं, उनकी मर्जी हो तो ज्ञापन लेने आएं नहीं तो न आएं. कांग्रेस के शासन में ऐसा नहीं होता था, अधिकारियों पर कांग्रेस का दबाव रहता था कि आम जनता के लिए अधिकारी अलर्ट रहें.

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